Move to Jagran APP

Diwali 2024: सेहत पर ग्रहण लगा सकता है आपका पटाखे जलाने का शौक, डॉक्टर ने बताए इसके गंभीर नुकसान

दीवाली का त्योहार आने में अब कुछ ही दिन बाकी है। पांच दिनों तक चलने वाले इस दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस से हो जाती है और इसी से साथ पटाखे जलाने का दौर भी शुरू हो जाता है। हालांकि पटाखे प्रदूषण बढ़ाने के साथ ही सेहत को भी गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे पटाखों से कुछ साइड इफेक्ट्स।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Sat, 26 Oct 2024 05:40 PM (IST)
Hero Image
सेहत के दुश्मन हैं पटाखे (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हर तरफ दीवाली का माहौल देखने को मिल रहा है। चारों तरफ बस रोशनी ही रोशनी नजर आ रही है। यह पर्व हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। हालांकि, बीते कुछ समय से बढ़ते प्रदूषण ने दीवाली की चमक फीकी कर दी है। खासकर राजधानी दिल्ली में इस साल भी हवा के खराब स्तर को देखते हुए पटाखों पर बैन लगाया गया है। हालांकि, बावजूद इसके कुछ लोग दीवाली के मौके पर पटाखे फोड़ते नजर आ रही जाते हैं।

ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कैसे पटाखे सिर्फ पर्यावरण को ही नहीं, बल्कि आपकी सेहत को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। आइए वैशाली स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर और पल्मोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड डॉक्टर शरद जोशी जानते हैं सेहत पर पटाखों के हानिकारक प्रभावों के बारे में-

यह भी पढ़ें-  Overeating किरकिरा कर सकती है दीवाली का त्योहार, बचने के लिए अपनाएं ये टिप्स

क्यों हानिकारक है पटाखे

पटाखे कई तरह से हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस बार डॉक्टर शरद कहते हैं कि पटाखे सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं, क्योंकि इन्हें जलाने से इसमें से कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड जैसी कई जहरीली गैस निकलती हैं। यह जहरीली गैस हमारी रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट यानी सांस की नली पर हानिकारक प्रभाव डालती है। इसके अलावा भी पटाखों की वजह से आग का भी खतरा बना रहता है, जिससे त्वचा और आंखों के जलने समेत कई बड़ी दुर्घटनाएं हो सकती हैं।

पटाखों से हो सकता है कैंसर

डॉक्टर ने बताया कि पटाखों से निकलने वाला धुंआ और आतिशबाजी वाले पटाखों में कॉपर, कैडमियम जैसे हानिकारक केमिकल्स होते हैं, जो किसी जहर से कम नहीं हैं। कैडमियम और लेड कैंसर जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारी का कारण बन सकते हैं। साथ ही पटाखों से निकलने वाला धुंए से न सिर्फ सांस की समस्या हो सकती है, बल्कि एनीमिया और कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है, जो आमतौर पर वायु प्रदूषण से नहीं होते हैं।

इतना ही नहीं कई पटाखों को बनाने के लिए इनमें रेडियोएक्टिव पदार्थ का इस्तेमाल होता है, जो न सिर्फ कैंसर का कारण बन सकते हैं, बल्कि आपकी आंखों की रोशनी को भी खराब कर सकते हैं।

कानों को पहुंचाता है नुकसान

डॉक्टर बताते हैं कि पटाखे हमारे कानों के लिए भी हानिकारक हो सकते हैं। दरअसल, 60 डेसिमल के ज्यादा साउंड कानों के लिए नुकसानदेह होता है। ऐसे में पटाखों की तेज आवाज कई लोगों में सिर दर्द और एंग्जायटी की बन सकती है। साथ ही 80 डेसिमल से ज्यादा की आवाज हमेशा के लिए बच्चों को कानों को खराब कर सकती है। आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले पटाखों की आवाज 140 डेसिमल से भी ऊपर होती है और इस तरह यह हमारे कानों के लिए काफी हानिकारक होते हैं।

इतना ही नहीं पटाखों की वजह से न सिर्फ कान के पर्दे फटने का खतरा बना रहता है, बल्कि गर्भवती महिलाओं में इसकी वजह से मिसकैरेज होने का खतरा भी काफी ज्यादा बढ़ जाता है। साथ ही छोटे बच्चों के सुनने की क्षमता भी हमेशा के लिए खत्म हो सकती है।

यह भी पढ़ें-  पटाखे जलाने से पहले जान लें ये बात! इसका धुआं भर सकता है मासूम की जिंदगी में अंधेरा