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Reproductive Health को बेहतर बनाने के लिए इन चीजों पर दें खासतौर से ध्यान

आजकल लोगों की जिस तरह की लाइफस्टाइल हो चुकी है उसमें वो सेहत संबंधी समस्याओं का तो सामना कर ही रहे हैं साथ ही साथ मानसिक परेशानियों से भी घिरे हुए हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इन दोनों का असर प्रजनन स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। पुरुषों से लेकर महिलाएं तक प्रजनन से जुड़ी बीमारियों का इलाज करवा रहे हैं।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Mon, 15 Jul 2024 03:02 PM (IST)
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प्रजनन स्वास्थ्य को कैसे बेहतर बनाएं (Pic credit- freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। रोजमर्रा के तनाव और सुस्‍त लाइफस्टाइल के चलते लोग अपनी सेहत पर ध्यान ही नहीं दे पा रहे है। इससे मोटापा, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हार्ट अटैक जैसी समस्याओं का तो खतरा बढ़ी ही है, साथ ही महिलाओं व पुरुषों में प्रजनन संबंधी समस्याएं भी देखने को मिल रही हैं। मौजूदा समय में बहुत से लोग प्रजनन संबंधी कई सारी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। इसमें यौन इच्छा का कम होना, इजेक्यूलेशन डिसऑर्डर, इरेक्टाइल डिस्‍फंक्शन, एंडोमेट्रियोसिस, पीसीओएस, गर्भाशय का फाइब्रॉइड जैसी समस्याएं शामिल हैं। तनाव का सीधा असर मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। जिस वजह से टेस्टोस्टेरॉन और एस्ट्रोजेन का लेवल कम होने लगता है। इसका प्रभाव एग के निर्माण और स्पर्म के स्राव जैसी प्रजनन प्रक्रियाओं पर पड़ता है।

फर्टिलिटी हेल्थ को बनाए रखने और इससे जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए इन चीजों पर दें ध्यान- 

डायबिटीज की जांच

प्रीडायबिटीज या डायबिटीज का पता लगाने के लिए 35 साल की उम्र के बाद हर 3 साल पर अपने ब्लड ग्लूकोज की जांच करवाते रहना चाहिए। अगर मोटापे की समस्या है, तो यह जांच पहले भी करवाई जा सकती है।

ब्लड प्रेशर की जांच

स्वास्थ्य और प्रजनन संबंधी समस्याओं का पता लगाने के लिए ब्लड प्रेशर की भी जांच करवाते रहना बहुत जरूरी है। अगर आपके परिवार में हाइपरटेंशन या ब्लड प्रेशर की हिस्ट्री रही हो, तब तो आपको नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहना चाहिए।

सीमन की जांच

सीमन का परीक्षण भी पुरुषों में प्रजनन स्वास्थ्य के बारे जानने का अच्छा तरीका हो सकता है। इससे पुरुषों के स्पर्म की सेहत और क्षमता का पता चलता है। इससे निर्मित स्पर्म की मात्रा, स्पर्म काउंट, स्पर्म की गतिशीलता और स्पर्म मॉर्फोलॉजी (आकार और संख्या) इन सबकी जानकारी मिलती है।

नशा करने से बचें

लगातार शराब और सिगरेट पीने से सेहत को काफी नुकसान पहुंचता है, जिसमें प्रजनन और यौन स्वास्थ्य भी शामिल है। सेहत संबंधी खतरनाक बीमारियों से बचे रहने के लिए धूम्रपान की आदत जितना जल्दी छोड़ दें उतना अच्छा।

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नियमित जांच

भले ही आप सेहतमंद हों, लेकिन फिर भी नियमित रूप से हेल्थ चेकअप (ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर का स्तर और प्रोस्टेट का परीक्षण शामिल है) करवाते रहना चाहिए खासतौर से बढ़ती उम्र में। साथ ही मानसिक सेहत को भी शारीरिक सेहत की ही तरह महत्व दिया जाना चाहिए। 

एसटीडी परीक्षण

यौन संचारित रोग (एसटीडी) जैसे एचआईवी, सिफलिस, क्लैमाइडिया और हर्पीस का पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इस प्रकार के रोगों के लिए फिलहाल कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है और इससे बचाव ही इलाज है। एसडीटी से बचाव के लिए गर्भनिरोधक का इस्तेमाल और सुरक्षित यौन संबंध बनाना बेहद जरूरी उपाय हैं।

व्यायाम

जब आप माता-पिता बनने के बारे में सोच रहे हैं, तो शारीरिक स्वास्थ्य बेहद जरूरी हो जाता है। व्यायाम रिप्रोडक्टिव हेल्थ को बेहतर बनाता है। इसके लिए रोजाना 30 मिनट किसी न किसी तरह की फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें। 

(डॉ. कल्याणी श्रीमाली, फर्टिलिटी विशेषज्ञ, नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी, इंदौर से बातचीत पर आधारित)

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