Yoga For Diabetes: मधुमेह रोगियों की टेंशन होगी दूर, अगर आजमाएंगे ये रामबाण तरीके
Yoga For Diabetes अगर आप या आपके घर में कोई डायबिटीज का मरीज है तो उसका खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। डाइट और लाइफस्टाइल में बदलावों के साथ ही कुछ योगासनों को भी बनाएं अपने रूटीन का हिस्सा।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Yoga For Diabetes: मधुमेह आज बड़ी बीमारी बनती जा रही है और टाइप-2 डायबिटीज के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। दिनचर्या से जुड़ी यह बीमारी बड़ा खतरा बन चुकी है। हालांकि, अपने खानपान और दिनचर्या को बेहतर बनाकर इससे लंबे वक्त तक बचा जा सकता है। लेकिन अगर आप या आपके जानने वाले इससे पीड़ित हैं, तो क्या करें जिससे शरीर पर इसके दुष्प्रभाव को कम किया जा सके, इसके बारे में जानना जरूरी है, तो चलिए आज आपको बताते हैं इस टेंशन को दूर करने के आसान तरीके।
माइक्रोब्लॉगिंग मंच, कू ऐप पर मौजूद मशहूर योग गुरु, आध्यात्मिक वक्ता, लेखिका और संस्कृति दार्शनिक आचार्य प्रतिष्ठा ने मधुमेह के रोगियों द्वारा पूछे गए तमाम सवालों का जवाब देते हुए एक वीडियो पोस्ट किया है। इस वीडियो में आचार्य प्रतिष्ठा ना केवल योग बल्कि खानपान से जुड़ी जरूरी बातें भी बताई हैं।
आचार्य प्रतिष्ठा कहती हैं कि, 'शरीर में भोजन के लिए रस हैं, जिनमें खट्टा, मीठा, नमकीन, चटपटा, कड़वा, कसैला शामिल है। आमतौर पर व्यक्ति खट्टा, नमकीन, मीठा और चटपटे का स्वाद लेते हुए सेवन कर लेते हैं, लेकिन कड़वा और कसैला छोड़ देते हैं। लेकिन सभी रस शरीर में पहुंचे, इसके लिए कड़वे और कसैले भोजन का भी सेवन करना चाहिए। आप करेले का सेवन करें, लेकिन इसे फ्राई करके मत बनाएं। आप चाहे तो करेले का जूस पी लें या फिर बिना फ्राई किए इसकी सब्जी बनाएं।'
उन्होंने आगे बताया कि, 'आप मेथी को रात में एक गिलास पानी में भिगो दीजिए और सुबह इस पानी को पीने के बाद इन बीजों को निगल लें। यह मधुमेह में काफी कारगर है और ज्वाइंट पेन व गैस की समस्या में काफी फायदेमंद है। इसके अलावा सुबह-सुबह नीम की दो पत्तियों को साफ करके खा लीजिए। अगर आपको यह ज्यादा कड़वी लगती है तो सुबह नीम का दातुन करें। दातुन को चबाएं और इसका रस अंदर ले लें। दांत भी स्वस्थ रहेंगे और मधुमेह की परेशानी में भी फायदा मिलेगा। वहीं, लौकी का सेवन कीजिए। मेथी की पत्तियों का सेवन कीजिए। मेथी की सब्जी बनाकर सेवन करें।'
इस वीडियो में वह आगे कहती हैं कि कई ऐसे योगासन भी हैं, जिनका नियमित अभ्यास करके व्यक्ति मधुमेह जैसी बीमारी में खुद को फिट रख सकता है। जानिए कौन से हैं वो आसन और कैसे करें इन्हें?
मंडूक आसन
वज्रासन में बैठें और बाएं हाथ से मुट्ठी बनाएं। इस मुट्ठी को अपनी नाभि पर टिकाएं। सांस भरते हुए आगे की ओर झुकते जाना है, लेकिन चेहरा और सीना आगे की तरफ ही रखेंगे। इस स्थिति में ब्लड का सर्कुलेशन आपके चेहरे की तरफ आएगा और सामान्य रूप से सांस छोड़ते हुए वापस अपनी मुद्रा में आ जाएं। फिर हाथों और शरीर को ढीला छोड़ देंगे। इस योग को तीन से पांच बार कर सकते हैं।
अर्धमत्स्येंद्र आसन
दोनों पैर सामने फैलाएं और बाएं पैर को क्रॉस करके दाएं पैर के दूसरी ओर रखें। और दाएं हाथ से बाएं पैर की एड़ी को छूना, ट्विस्ट करना और फिर वापस आ जाना। फिर इसी प्रक्रिया को दूसरे पैर में दोहराना। सामान्य सांस के साथ रुकना और फिर सांस छोड़कर वापस आ जाना। आखिर में दोनों पैर सीधे करेंगे और गर्दन को पूरी तरह से ढीला छोड़ देंगे।
योग मुद्रा
पद्मासन में बैठ जाएं। अगर नहीं कर सकते तो अर्धपद्मासन में बैठ जाएं। हाथों को आगे उठाते हुए पीछे की ओर ले जाएं और संभव हो तो एक-दूसरे हाथ की कोहनी को पकड़ लें। सांस भरते हुए दाईं तरफ आगे झुके और माथे से जमीन को छूने का प्रयास करें। फिर सांस छोड़ते हुए वापस आ जाना। फिर यही प्रक्रिया बाईं ओर करें। इसके बाद इस प्रक्रिया को बिल्कुल सामने की ओर करें। अब हाथों को सामने लाकर घुटने पर टिका दें और पूरे शरीर को ढीला छोड़ दें।
अग्निसार क्रिया
इसे या तो वज्रासन बैठें या फिर सीधे खड़े होकर भी कर सकते हैं। खड़े होने पर अपने घुटनों को थोड़ा सा मोड़ेंगे। शरीर को आगे झुकाएं और दोनों हाथों को घुटने के ऊपर टिका दें। पेट को आगे रखें, सीना और चेहरा सामने रखें। फिर पेट को ढीला छोड़कर पूरी सांस छोड़ देंगे। अब सांस को रोके हुए पेट को अंदर-बाहर करेंगे। जब तक सांस रोक सकते हैं रोकें फिर सीधे हो जाएं और दोबारा करें।
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