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फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना करें ये योगासन

भस्त्रिका प्राणायाम करने से शरीर में ऑक्सीजन का संचार तीव्र गति से होता है और कार्बन डाईऑक्साइड का स्तर कम होता है। इससे हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है। इस योग को करने से गले से संबंधित सभी तकलीफें खत्म हो जाती हैं।

By Pravin KumarEdited By: Updated: Sat, 06 Nov 2021 10:40 AM (IST)
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धनुष की आकृति में योग करना धनुरासन कहलाता है।
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। सर्दियों में पराली जलाने से प्रदूषण स्तर बढ़ जाता है। वायु की गुणवत्ता खराब होने के चलते दिल और फेफड़ों पर बुरा असर पड़ता है। इससे सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। खासकर अस्थमा और हृदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए यह मौसम बेहद कठिन होता है। इस मौसम में सेहतमंद रहने के लिए सेहत पर विशेष ध्यान देना पड़ता है। डॉक्टर्स हमेशा सर्दियों में सेहतमंद रहने के लिए शरीर को हायड्रेट रखने की सलाह देते हैं। इससे शरीर में मौजूद टॉक्सिन बाहर निकल जाता है। साथ ही डाइट में मौसमी फलों और सब्जियों को भी शामिल करें। वहीं, फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना एक्सरसाइज और योग जरूर करें। योग के कई आसन हैं। इनमें भस्त्रिका प्राणायाम, धनुरासन और ताड़ासन फेफड़ों के लिए बेहद फायदेमंद योगासन हैं। इन्हें करने से फेफड़ा स्वस्थ रहता है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

भस्त्रिका प्राणायाम करें

भस्त्रिका प्राणायाम करने से शरीर में ऑक्सीजन का संचार तीव्र गति से होता है और कार्बन डाईऑक्साइड का स्तर कम होता है। इससे हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है। इस योग को करने से गले से संबंधित सभी तकलीफें खत्म हो जाती हैं। योग विशेषज्ञ फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए भस्त्रिका प्राणायाम करने की सलाह देते हैं।

कैसे करें भस्त्रिका प्राणायाम

इसके लिए स्वच्छ वातावरण में पद्मानस की मुद्रा में बैठकर गर्दन और रीढ़ की हड्डी को एक सीध में रखें। अब लंबी सांस लेकर फेफड़ें में वायु को भरें। इसके बाद तेज़ी से सांस छोड़ें। इस आसन को रोजाना सुबह और शाम में जरूर करें। इससे सर्दियों में बढ़ते प्रदूषण स्तर से होने वाली बीमारियों का जोखिम कम हो जाता है।

धनुरासन क्या है

धनुष की आकृति में योग करना धनुरासन कहलाता है। धनुरासन हिंदी के दो शब्दों से मिलकर बना है। इस आसान को करने के समय शरीर की आकृति धनुष के समान हो जाती है। धनुरासन करने से तनाव और थकान से निजात मिलता है। साथ ही पाचन तंत्र मजबूत होता है।

कैसे करें

इसके लिए सबसे पहले समतल जमीन पर दरी बिछाकर पेट के बल लेट जाएं। अब घुटनों को मोड़कर अपने हाथ से टखनों को पकड़े। इस स्थिति में कमर, जांघ और छाती को ऊपर उठाएं। एक चीज का ध्यान रखें कि शारीरिक श्रम का दमन न करें। इस मुद्रा में आकर धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें। इस आसान को रोजाना सुबह और शाम दोनों समय कर सकते हैं। खासकर कोरोना काल में जरूर करें।

ताड़ासन

इस शोध के जरिए खुलासा हुआ है कि ताड़ासन करने से श्वसन प्रक्रिया में सुधार होता है और रीढ़ में लचीलापन आता है। यह शरीर के पॉस्चर को भी ठीक करता है। साथ ही फेफड़ों के शीर्ष भाग को भी सक्रिय करने में मदद करता है। डॉक्टर्स दमा के मरीजों को ताड़ासन करने की सलाह देते हैं।

ताड़ासन कैसे करें

इसके लिए समतल भूमि पर सूर्य की तरफ मुखकर प्राणायाम मुद्रा में खड़े हो जाएं। अब दोनों हाथों को हवा में लहराते हुए ऊपर ले जाएं और नमस्कार की मुद्रा में आ जाएं। इस क्रम में ध्यान रखें कि आप घुटनों को हवा में लहराते हुए पंजों पर खड़े हो जाएं, और पैरों की एड़ियां एक दूसरी से मिली रहे। अब कुछ पल रुकने के बाद पुनः पहली अवस्था में आ जाएं। इसके बाद इस प्रक्रिया को बारी-बारी से दोहराएं। जब भी आप इस योग को करें, तो सांस लेने की प्रकिया सामान्य रखें।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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