Ustrasana Benefits: बढ़ते वजन को कंट्रोल करने के लिए रोजाना करें उष्ट्रासन, जानें करने का सही तरीका
उष्ट्रासन दो शब्दों उष्ट्र और आसन से मिलकर बना है। उष्ट्र का शाब्दिक अर्थ ऊंट होता है। आसान शब्दों में कहें तो ऊंट की मुद्रा में बैठकर योग करना उष्ट्रासन कहलाता है। उष्ट्रासन करना आसान नहीं होता है। इसके लिए कठिन अभ्यास की जरूरत पड़ती है।
By Pravin KumarEdited By: Updated: Fri, 29 Jul 2022 07:49 PM (IST)
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। आधुनिक समय में सेहतमंद रहना किसी चुनौती से कम नहीं है। गलत खानपान, खराब दिनचर्या और तनाव की वजह से कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इनमें मोटापा, मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल प्रमुख हैं। जानकारों की मानें तो हर चौथा व्यक्ति मोटापे से परेशान है। इसके लिए खानपान और रहन सहन में व्यापक सुधार करें। साथ ही रोजाना योग और एक्सरसाइज जरूर करें। योग के कई आसन हैं। इनमें एक उष्ट्रासन है। इस योग को करने से बढ़ते वजन को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। अगर आप भी बढ़ते वजन से परेशान हैं और कंट्रोल करना चाहते हैं, तो रोजाना उष्ट्रासन जरूर करें। आइए, उष्ट्रासन करने के सही तरीका और फायदे जानते हैं-
उष्ट्रासन क्या है उष्ट्रासन दो शब्दों उष्ट्र और आसन से मिलकर बना है। उष्ट्र का शाब्दिक अर्थ ऊंट होता है। आसान शब्दों में कहें तो ऊंट की मुद्रा में बैठकर योग करना उष्ट्रासन कहलाता है। उष्ट्रासन करना आसान नहीं होता है। इसके लिए कठिन अभ्यास की जरूरत पड़ती है। अगर आप पहली बार उष्ट्रासन करने जा रहे हैं, तो योग विशेषज्ञ की देखरेख में उष्ट्रासन करें। इस योग को करने से कमर दर्द में आराम मिलता है, शरीर फ्लेक्सिबल यानी लचीला होता है, थकान में राहत मिलता है, शरीर के ऊपरी भाग मजबूत बनते हैं। साथ ही फैट बर्न होने से मोटापे में आराम मिलता है।
उष्ट्रासन करेंइस योग को करने से सबसे पहले समतल भूमि पर दरी या योग मैट बिछाकर 'सावित्री आसन' में आ जाएं। इसके बाद शरीर को पीछे की ओर मोड़कर दोनों हाथों को अपने टखनों पर रखें। एक चीज़ का ध्यान रखें कि अपने गर्दन को न घुमाएं, बल्कि गर्दन को प्राकृतिक अवस्था में रहने दें। इस अवस्था में रहें। अब हाथों को हटाकर पहली अवस्था में आ जाएं। इस अवस्था में ज्यादा देर तक न रहें। एक्सपर्ट की निगरानी में उष्ट्रासन करें।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।