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Benefits Of Ustrasana: कब्ज की समस्या से निजात पाने के लिए रोजाना करें उष्ट्रासन, जानें करने का सही तरीका

Benefits Of Ustrasana हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो रोजाना उष्ट्रासन करने से कब्ज की समस्या में बहुत जल्द आराम मिलता है। इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है। साथ ही पेट संबंधी विकार दूर हो जाते हैं। इसके लिए रोजाना उष्ट्रासन अवश्य करें।

By Pravin KumarEdited By: Updated: Tue, 18 Oct 2022 06:51 PM (IST)
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Benefits Of Ustrasana: कब्ज की समस्या से निजात पाने के लिए रोजाना करें उष्ट्रासन, जानें करने का सही तरीका

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Benefits Of Ustrasana: खराब दिनचर्या, गलत खानपान और अत्यधिक तनाव लेने की वजह से मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग और कब्ज की समस्या होती है। इसके अलावा, लंबे समय तक एक ही पॉस्चर में काम करने से भी पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे कमर, पीठ और गर्दन दर्द की शिकायत होती है। साथ ही कब्ज की भी समस्या होती है। कब्ज पाचन तंत्र से संबंधित एक बीमारी है। इस स्थिति में व्यक्ति को मल त्याग में बहुत दिक्कत होती है। लापरवाही बरतने पर यह भयानक रूप अख्तियार कर लेती है। अगर आप भी कब्ज की समस्या से परेशान हैं और इससे निजात पाना चाहते हैं, तो उष्ट्रासन का सहारा ले सकते हैं। योग के कई आसन हैं। इनमें कुछ आसनों को करने से पेट संबंधी विकारों में तत्काल आराम मिलता है। वह उष्ट्रासन करने से न केवल कब्ज की समस्या दूर होती है, बल्कि कमर, पीठ और गर्दन दर्द की समस्या में भी आराम मिलता है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

उष्ट्रासन के फायदे

-अगर आप कमर दर्द की समस्या से परेशान हैं, तो रोजाना उष्ट्रासन अवश्य करें। इससे कमर दर्द में भी आराम मिलता है। साथ ही रक्त संचार संपूर्ण शरीर में होता है।

-उष्ट्रासन करने से महिलाओं को अधिक फायदा मिलता है। इससे माहवारी के दौरान होने वाले दर्द में बहुत जल्द आराम मिलता है।

-इस योग को करने से सांसों से संबंधित तकलीफ दूर होती है। फेफड़ें भी स्वस्थ रहते हैं।

-अगर आप सुबह उठने के पश्चात थकान और सुस्ती महसूस करते हैं, तो इस समस्या को दूर करने के लिए रोजाना उष्ट्रासन कर सकते हैं।

हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो रोजाना उष्ट्रासन करने से कब्ज की समस्या में बहुत जल्द आराम मिलता है। इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है। साथ ही पेट संबंधी विकार दूर हो जाते हैं। इसके लिए रोजाना उष्ट्रासन अवश्य करें।

कैसे करें उष्ट्रासन

इसके लिए सबसे पहले 'सावित्री आसन' में आ जाएं। इसके बाद शरीर को पीछे की ओर मोड़कर दोनों हाथों को अपने टखनों पर रखें। इस दौरान गर्दन को न घुमाएं, बल्कि गर्दन को प्राकृतिक अवस्था में रहने दें। कुछ पल के लिए इस अवस्था में रहें। अब हाथों को हटाकर पहली अवस्था में आ जाएं। इस अवस्था में ज्यादा देर तक न रहें।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।