काल बनकर आ सकता है डेंगू, डॉक्टर ने बताया बचाव के लिए किन बातों का रखना चाहिए ध्यान
बरसात के मौसम में मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों का खतरा कई गुना ज्यादा हो जाता है। इन बीमारियों में डेंगू के मामले सबसे ज्यादा देखने को मिलते हैं। लापरवाही बरतने पर डेंगू जानलेवा भी साबित हो सकता है। इसलिए इससे कैसे बचें और अगर ये हो जाए तब क्या करना चाहिए इन सभी सवालों के जवाब हमने डॉक्टर से जानने की कोशिश की। आइए जानें।
लखनऊ। अगले दो महीने तक मच्छरजनित बीमारी से बचाव जरूरी है। अगर एक बार किसी को डेंगू हो गया है तो दूसरी बार भी डेंगू होने का खतरा रहता है। ऐसे में अपने आसपास सफाई का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है, जिससे मच्छर न पनपें। दिन के समय डेंगू के मच्छर सबसे अधिक काटते हैं, इसलिए इस समय विशेष ध्यान रखना जरूरी है।
डेंगू में तेज बुखार, सिरदर्द, आंख के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द रहने के साथ शरीर में चकत्ते पड़ते हैं। अगर ऐसे लक्षण दिखते है तो तुरंत डेंगू का टेस्ट कराकर इलाज कराना चाहिए। दैनिक जागरण के ‘हेलो डाक्टर’ कार्यक्रम में गुरुवार को डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के फिजिशियन डा. कुलदीप वर्मा ने पाठकों के सवालों के जवाब दिए। उन्हें डेंगू से बचाव के तरीके भी बताए।
सवाल- परिवार में कई लोगों को वायरल फीवर है। 101- 102 डिग्री बुखार रहता है। शरीर में दर्द है, गले में खराश और जोड़ों में दर्द भी रहता है। रविंद्र प्रताप सक्सेना, सेक्टर डी, एलडीए कालोनी, लखनऊ
जवाब- शरीर में चकत्ता, उल्टी नहीं है, सांस लेने में तकलीफ नहीं है तो यह वायरल फीवर है। दिन में चार बार पैरासिटामोल की गोली ले सकते हैं। डेंगू का डेंजर साइन हो तो सीबीसी की एक बार जांच करा सकते हैं। खाने पीने का ध्यान रखें। सुपाच्य भोजन करें, अधिक से अधिक पानी पीएं।
सवाल- पिछले साल डेंगू हुआ था। क्या फिर से डेंगू हो सकता है? दीपक सिंह, अमौसी
जवाब- डेंगू वायरस चार प्रकार के होते हैं, जिन्हें सीरोटाइप्स कहते हैं। जब किसी को पहली बार डेंगू होता है तो वह डेंगू वायरस-1 से होता है। दूसरी बार यह डेंगू नहीं होगा, लेकिन दूसरे सीरोटाइप्स के डेंगू हो सकते हैं। दूसरी बार डेंगू का वायरस और भी खतरनाक होता है, इसलिए मच्छरों से बचाव रखिए। दिन में पूरी आस्तीन की शर्ट पहने, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
यह भी पढ़ें: Dengue से रिकवर होने के बाद भी जरूरी है खास देखभाल, डॉक्टर के बताए टिप्स से रखें अपना ख्यालसवाल- डेंगू से बचाव के उपाय बताएं, यह कैसे फैलता है? महेश प्रसाद साहू, लाटूश रोड, आरपी सिंह, राजाजीपुरम, एसपी तिवारी, आलमबाग, हीरा सिंह, मुंशी पुलिया
जवाब- डेंगू एडीज एजिप्टी मादा मच्छर से फैलता है। इस मच्छर के शरीर पर काले और सफेद धब्बे होते हैं। ये धब्बे मच्छरों के शरीर और पैर पर दिखाई देते हैं। यह मच्छर दिन में काटते हैं। खासकर सुबह और शाम के समय। ये मच्छर साफ और स्थिर पानी में अंडे देते हैं। इसलिए जहां भी पानी का जमाव हो रहा है उसे साफ रखिए। घरों के आसपास पानी न भरने दें।]रात में सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। पूरी बांह के कपड़े पहने। जल जमाव जैसी जगह पर शाम को जाने से बचे। अगर आसपास नालियां हैं तो उसमें फागिंग भी करा सकते हैं। डेंगू का मच्छर 400 मीटर तक उड़ता है। इसलिए अपने घर के आसपास भी मच्छर पनपने वाली जगह को साफ रखें। इसके बचाव के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखना भी जरूरी है। इसके लिए मौसमी फल और सब्जियों का सेवन करें। गरिष्ठ और मीठी चीजों से परहेज करें। रात में हल्का भोजन करें। वातावरण में नमी होने की वजह से डेंगू के वायरस पनपते हैं। इसलिए धूप से आने के बाद तुरंत बहुत ठंडा पानी पीने से बचना चाहिए।
सवाल- 10 दिन से डेंगू से पीड़ित हूं। प्लेटलेट्स 2500 से तीन हजार के बीच है। घर पर हूं, बहुत बेचैनी हो रही है। खांसी के साथ कभी-कभी खून भी आ रहा है। क्या करूं, क्या बकरी का दूध और पपीते के पत्ते से प्लेटलेट्स को बढ़ाया जा सकता है। सतेंद्र रावत, अयोध्या
जवाब- डेंगू का बुखार तीन फेज में बढ़ता है। सात दिन के बाद रिकवरी शुरू हो जाती है, लेकिन आपको 10 दिन से डेंगू है, प्लेटलेट्स बहुत कम है। इसलिए रिकवरी की गति बहुत धीमी है। दूध या पपीते के पत्ते से प्लेटलेट्स बढ़ाने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। 10 हजार तक प्लेटलेट्स होने पर यह शरीर के अंदर ही बन जाती है। आपके प्लेटलेट्स बहुत कम है। लक्षण के हिसाब से आप को किसी अस्पताल में भर्ती हो जाना चाहिए। प्लेटलेट्स चढ़ाने की भी जरूरत पड़ सकती है। अगर शुगर नहीं है तो ओआरएस का घोल ले सकते हैं। नारियल पानी पीजिए। सुपाच्य भोजन कीजिए।
सवाल- एक महीने पहले बुखार था। एसी में रहने पर बुखार कम हो जाता था। डाक्टर से दवा लेने के बाद ठीक हो गया, लेकिन तीन दिन से फिर से 100- 102 डिग्री बुखार है। डोलो टेबलेट ले रहा हूं। प्लेटलेट्स ठीक है। यूके मिश्रा, जानकीपुरमजवाब- लक्षण वायरल फीवर के हैं। पैरासिटामोल लीजिए। एक सप्ताह बाद वायरल फीवर रिकवरी करने लगता है। इसके बाद शरीर में एंटीबाडी बनने लगती है। अगर सात दिन बाद भी बुखार नहीं उतर रहा है तो एक बार किसी डाक्टर से मिल सकते हैं।
रोकथाम के लिए करें ये उपाय-
- घर में डेजर्ट कूलर खाली और साफ रखें।
- बगीचों में फव्वारों या तालाब में मिट्टी का तेल डालें।
- एरोसोल स्प्रे का प्रयोग करें। l फुल शर्ट और पैंट पहनें ।
- मच्छरदानी और मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें।
- डेंगू होने पर अपने आप दवा मत लें।
खुद दर्द की दवा लेने से बचें
तेज बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों में दर्द, शरीर पर चकत्ते, उल्टी, कमजोरी महसूस हो तो डेंगू हो सकता है। बुखार के साथ पेट दर्द है तो टाइफाइड हो सकता है। चार से पांच दिन में पैरासिटामोल खाने से बुखार कम होने लगता है तो सामान्य बुखार है। यहां चिंता करने की जरूरत नहीं है। अगर प्लेटलेट्स कम है, डेंगू का पता चल गया हो तो अपने आप दर्द की दवा नहीं लेना चाहिए। सिर्फ पैरासिटामोल लेना चाहिए। दर्द की दवा लेने से ब्लीडिंग होने का खतरा रहता है।यह भी पढ़ें: दिमाग और नर्वस सिस्टम पर भी अटैक कर सकता है Dengue, डॉक्टर से जानें गंभीर नुकसान