Dengue के लक्षणों की अनदेखी बन सकती है मौत का कारण, डॉक्टर ने बताए इसके रिस्क फैक्टर्स और बचाव के तरीके
मानसून आते ही Dengue ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। देश के कई हिस्सों में इस बीमारी के मामले सामने आ रहे हैं। यह मच्छरों से होने वाली एक बीमारी है जो मुख्य रूप में एडीज मच्छर के काटने से होती है। अगर समय रहते इसका निदान कर लिया जाए तो इससे बचना मुमकिन है वरना यह बीमारी मौत समेत कई गंभीर हालातों की वजह बन सकती हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। देश के अलग-अलग हिस्सों में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। बरसात के दिनों में मच्छरों से होने वाली बीमारियां काफी आम होती हैं। इसी क्रम में जहां इन दिनों महाराष्ट्र में जीका वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, तो वहीं देश के अन्य हिस्सों में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। यह मच्छरों से होने वाली एक गंभीर बीमारी है, जिसका इन दिनों कई लोग शिकार हो रहे हैं। साल के इस समय हर बार इसके मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिलती है।
ऐसा इसलिए क्योंकि बरसात के दिनों अक्सर बारिश का पानी जमा हो जाती है, जिसकी वजह से मच्छरों के पनपने के लिए बढ़िया जगह मिल जाती है। ऐसे में जरूरी है कि इस बीमारी से बचने के लिए सभी जरूरी जानकारी का पता हो। यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है, अगर समय रहते इसका निदान और इलाज न किया जाए। ऐसे में आज इस आर्टिकल में न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स लैब, नोएडा के प्रमुख डॉ.विज्ञान मिश्र से जानेंगे डेंगू के कुछ रिस्क फैक्टर और इससे निपटने के तरीकों के बारे में-
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क्या है डेंगू बुखार?
डॉक्टर बताते हैं कि डेंगू बुखार, एक मच्छर जनित यानी मॉस्किटो बॉर्न वायरल इन्फेक्शन है, जो स्वास्थ्य से जुड़े कई जोखिम पैदा करता है। हालांकि, आमतौर पर इसके असामान्य लक्षणों की वजह से लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह लापरवाही कई गंभीर खतरे को न्यौता देती है।
डेंगू के लक्षण
- रैश
- सिरदर्द
- तेज बुखार
- जोड़ों में दर्द
- आंखों से पीछे दर्द
- मतली और उल्टी
डेंगू के रिस्क फैक्टर
डेंगू के रिस्क फैक्टर के बारे में बात करते हुए डॉक्टर ने बताया कि डेंगू के लक्षणों को नजरअंदाज करने से यह सीवियर डेंगू में बदल सकता है। इसके अन्य रिस्क फैक्टर्स में हेमरेज, ऑर्गन फेलियर और यहां तक कि मौत जैसी जटिलताएं भी शामिल हो सकती हैं।
ऐसे करें बचाव
डेंगू से बचाव के लिए डॉक्टर ने कुछ कारगर तरीके भी बताए, जिनमें निम्न उपाय शामिल हैं-
- कंटेनरों, नालियों और खराब टायर में पानी जमा न होने दें। अगर इनमें पानी भरा है, तो इसे तुरंत खाली कर दें।
- मॉस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल करें और सुरक्षात्मक कपड़े पहनें, खासकर सुबह और शाम के समय।
- शाम होते ही घर की खिड़कियों और दरवाजों को बंद कर दें।
- इंसेक्टिसाइड्स का नियमित छिड़काव और लोगों को इसके प्रति जागरूक करना भी इससे बचने का कारगर तरीका है।
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