मानसून आते ही क्यों बढ़ जाते हैं कान में इन्फेक्शन के मामले? डॉक्टर ने बताए कारण और बचाव के तरीके
बरसात के मौसम में कई बीमारियां और संक्रमण लोगों को अपना शिकार बना लेती हैं। इन दिनों मच्छरों और पानी से होने वाली बीमारियों के अलावा कान और आंख में इन्फेक्शन के मामले भी काफी बढ़ जाते हैं। इसलिए इसके बारे में सही जानकारी होने बेहद जरूरी है। ऐसे में कानों में होने वाले इन्फेक्शन के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने डॉक्टर से बातचीत की।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बरसात का सीजन सुहाने मौसम के साथ ही कई सारी बीमारियां और संक्रमण भी लेकर आता है। इस मौसम में जहां मच्छरों, पानी और खाने से होने वाली कई गंभीर बीमारियों के मामले बढ़ जाते हैं, तो वहीं आंखों और कानों में होने वाले संक्रमण का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। इस मौसम में कई लोग कान में संक्रमण की वजह से परेशान रहते हैं। ऐसे में इससे अपना बचान करना जरूरी है, वरना कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
बरसात में होने वाले कान के संक्रमण के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने सीके बिड़ला हॉस्पिटल, गुरुग्राम में एलर्जी और ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. विजय वर्मा से बातचीत की और यह जाना कि मानसून में क्यों बढ़ जाते है ईयर इन्फेक्शन के मामले और कैसे करें इससे बचाव-यह भी पढ़ें- Monsoon में नाशपाती खाने से मौसमी बीमारियों से रहेंगे दूर, दिल और पाचन भी होगा दुरुस्त
बरसात में क्यों बढ़ जाता है इन्फेक्शन का खतरा?
डॉक्टर बताते हैं कि मानसून के मौसम में हाई ह्यूमिडिटी और गीले मौसम के कारण, कान में संक्रमण काफी आम हो जाता है। ईयर कैनल में बहुत ज्यादा नमी, जो बैक्टीरिया और फंगस को बढ़ावा दे सकती है, कान के संक्रमण के मुख्य कारणों में से एक है। बीमारी और इन्फेक्शन फैलाने के वाले कीटाणु ज्यादा ह्यूमिडिटी और बारिश वाली जगहों में पनपते हैं और लंबे समय तक पानी के संपर्क में रहते हैं, जिससे ईयर इन्फेक्शन
की समस्या और भी बदतर हो सकती है।
इसके अलावा, मानसून में साइनस इन्फेक्शन भी अक्सर बढ़ जाता है और कानों तक पहुंच सकता है, जिससे ओटिटिस मीडिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
ईयर इन्फेक्शन से ऐसे करें बचाव
- कान के संक्रमण से बचने के लिए पूरे मानसून के मौसम में कानों को साफ रखें और इन्हें सूखा बनाए रखें।
- तैरने समय या बारिश में भीगने पर कान को सुखाने के लिए तौलिए की मदद से हल्के हाथों से साफ करें।
- कान केनल के अंदर कुछ भी डालने से बचें।
- तैराकी करते समय अपने कानों से पानी से बचाने के लिए इयरप्लग्स पहनें।
- पर्सनल हाइजीन को लेकर सचेत रहें और अन्य लोगों को इयरप्लग या तौलिये का न तो इस्तेमाल करें और न ही अपना सामान किसी और को दें।
- संक्रमण को बदतर होने से रोकने के लिए, जैसे ही आपको कान में दर्द या डिस्चार्ज जैसे लक्षण दिखाई दें, तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
- अपने घर में पर्याप्त वेंटिलेशन की व्यवस्था रखें और साथ ही घर के अंदर नमी को कम करने की कोशिश करें, जिससे कान में संक्रमण का खतरा बढ़ता है।