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बच्चों में नजर आ रहे ये लक्षण हो सकते हैं गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या के संकेत, भूलकर भी न करें नजरअंदाज

मां बनना एक सुखद अहसास है। हालांकि इसके साथ ही आप पर कई सारी जिम्मेदारियां भी आ जाती है। बच्चे को जन्म के बाद अस्पताल से घर लाने के बाद आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसमें से एक बच्चे में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या को होना है। आप इन संकेतों से इसका पता लगा सकते हैं। आइए जानते हैं इसके कुछ संकेत-

By Jagran NewsEdited By: Harshita SaxenaPublished: Thu, 23 Nov 2023 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 23 Nov 2023 07:20 AM (IST)
इन संकेतों से करें बच्चे में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या की पहचान

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। छोटे बच्चों में पेट और पाचन संबंधी समस्याएं होना आम बात है, लेकिन ये परेशानी तब बन जाती हैं, माता-पिता उनकी दिक्कतों को समझ नहीं पाते हैं। क्योंकि पैदा होने के बाद अस्पताल से घर आने पर हमारे साथ न तो डॉक्टर होते हैं और न ही नर्स, जिसके चलते बच्चों की हर हरकत को समझने में वक्त लगता है।

बच्चों में सेहत को लेकर पाचन से जुड़ी समस्याएं सबसे आम हैं, जिसके कुछ लक्षण बार-बार दूध निकालना, भूख न लगना, उल्टी, दस्त या कब्ज जैसी परेशानियां हैं। ये दिक्कतें ज्यादा बढ़ जाने पर डॉक्टर को दिखाना महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं इस आर्टिकल में शिशुओं की पाचन समस्याओं के लक्षणों के बारे में।

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उल्टी

उल्टी बच्चे की पेट संबंधित परेशानी के कारणों में से एक है। कई बार बच्चा मुंह और नाक के जरिए गैस्ट्रिक कंटेंट निकालता है। दूध पीने के बाद, दूध पीते समय या फिर डकार लेते समय थोड़ी मात्रा में शिशु दूध बाहर निकाल देते हैं। आमतौर पर बच्चा 5 से 10 मिली से कम दूध निकालता है। जिसका कारण तेजी से दूध पीना, ओवर फिडिंग या फिर दूध के साथ हवा के मुंह में जाने से उल्टी हो जाती है। वहीं, अगर उल्टी बार-बार हो रही है, तो आपको समझ जाना है कि शिशु को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या है, जिसके लिए आप डॉक्टर से संपर्क करें।

डायरिया

सामान्य तौर पर शिशुओं का मल ढीला और चिपचिपा ही होता है। नवजात बच्चे एक दिन में बार-बार पॉटी कर सकते हैं, लगभग हर फीड के बाद, लेकिन अगर आपके शिशु को 24 घंटे में तीन या उसे ज्यादा बार पतला या पानी जैसा मल आ रहा है, तो ये डायरिया के संकेत हैं। दस्त के कारण बच्चों में पानी की कमी हो सकती है। अगर बच्चे में मुंह में सूखापन, आंसू न आना, यूरीन ठीक से न आना और बुखार या मल में बलगम या खून के धब्बे जैसे लक्षण दिखाई दें, तो फटाफट डॉक्टर से संपर्क करें।

कब्ज

नवजात शिशुओं में भी कब्ज की समस्या देखने को मिलती है। जब बच्चों की पॉटी बहुत हार्ड हो या स्टूल पास करने में उन्हें दिक्कत हो रही हो, तो इससे उन्हें काफी ज्यादा परेशानी होती है। अगर शिशु नरम स्टूल पास करते हैं, तो उन्हें कब्जग्रस्त नहीं माना जाता है, लेकिन अगर आपका बच्चा लगातार तीन दिनों से अधिक समय तक पॉटी नहीं कर रहा है और उसे उल्टी या चिड़चिड़ाहट हो रही है या फिर उनके मल में खून आ रहा है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik


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