Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

रिसर्च- तनाव कम करने के लिए जंक फूड का ज्यादा सेवन बन सकता है एंग्जाइटी की वजह

तनाव दूर करने के लिए क्या आप भी जंक फूड का करते हैं ज्यादा सेवन तो आपको बता दें इससे स्ट्रेस दूर नहीं होता बल्कि ये एंग्जाइटी की वजह बन सकता है। कोलोराडो विश्वविद्यालय बोल्डर के रिसर्चर्स ने इसे लेकर एक रिसर्च की। हाई फैट डाइट सिर्फ मोटापा कोलेस्ट्रॉल ही नहीं बढ़ाते बल्कि ये आपके मस्तिष्क पर भी बुरा प्रभाव डालते हैं।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Tue, 18 Jun 2024 02:53 PM (IST)
Hero Image
जंक फूड और एंग्जाइटी का कनेक्शन (Pic credit- freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। तनाव में जहां कुछ लोगों का खाना-पीना कम हो जाता है, तो वहीं कुछ लोग स्ट्रेस में आने पर मीठी व हाई कैलोरी चीजों का ज्यादा सेवन करते हैं। एक रिसर्च के अनुसार स्ट्रेस में जंक फूड जैसे- समोसे, बर्गर खाना परेशानी को कम करने की जगह और बढ़ा सकता है।

कोलोराडो विश्वविद्यालय, बोल्डर के रिसर्चर्स द्वारा की गई एक रिसर्च में पाया गया कि जानवरों में, हाई फैट डाइट गट बैक्टीरिया में गड़बड़ी पैदा करता है, उनके बिहेवियर में परिवर्तन होता है और ब्रेन केमिकल्स पर भी असर पड़ता है, जिससे चिंता बढ़ती है।

ये भी पढ़ेंः- आखिर क्यों होती है जंक फूड खाने की इच्छा? ये हैं 6 कारण

क्रिस्टोफर लॉरी, जो सीयू बोल्डर में इंटीग्रेटिव फिजियोलॉजी के प्रोफेसर हैं ने बताया कि, यह गौर करने वाली बात है कि उच्च वसा वाली डाइट मस्तिष्क में इन जीनों की अभिव्यक्ति को बदल सकता है।

रिसर्च के दौरान, शोधकर्ताओं ने जानवरों के आंत बैक्टीरिया का आंकलन किया। नियंत्रण ग्रूप के मुकाबले, हाई फैट डाइट लेने वाले ग्रूप का वजन बढ़ गया, लेकिन जानवरों में गट बैक्टीरिया की विविधता में भी काफी कमी दिखाई।

हाई फैट डाइट लेने वाले समूह ने तीन जीनों की अभिव्यक्ति दिखाई, जो न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन के उत्पादन और संकेत देने में शामिल हैं, ये स्ट्रेस और एंग्जाइटी से जुड़े हुए हैं। 

सेरोटोनिन को “फील गुड ब्रेन केमिकल” के नाम से जाना जाता है, लेकिन सेरोटोनिन न्यूरॉन्स के कुछ उपसमुच्चय, जब एक्टिव होते हैं, इससे जानवरों में भी चिंता देखने को मिल सकती है। 

लॉरी बताते हैं कि अनहेल्दी माइक्रोबायोम आंत की परत को कमजोर कर देते हैं। जिससे बैक्टीरिया शरीर के परिसंचरण में प्रवेश कर सकते हैं और वेगस नर्व के जरिए मस्तिष्क को प्रभावित कर सकते हैं। 

लॉरी ने कहा, "असल में हम उन चीजों को नोटिस करने के लिए हार्ड-वायर्ड हैं, जो हमें बीमार बनाती हैं जिससे हम भविष्य में उन चीजों से बचे रह सकें।”

शोधकर्ताओं ने कहा, सभी फैट खराब नहीं होते हैं। मछली, जैतून का तेल, नट्स और बीजों में पाए जाने वाले हेल्दी फैट्स  ब्रेन के लिए अच्छे होते हैं।

ये भी पढ़ेंः- इन तरीकों से खाएंगे जंक फूड्स, तो नहीं होगी कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, मोटापा बढ़ने की टेंशन