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AC रूम से एकदम बाहर निकलने से शरीर को होता है क्या नुकसान, जानें एक्सपर्ट से

गर्मियों में अकसर लोग ठंडक पाने के लिए दिनभर एसी की हवा खाते रहते हैं। घर हो या ऑफिस लोग अपना ज्यादातर समय एसी के सामने ही बिताते हैं। ऐसे में एसी रूम से अचानक बाहर गर्म वातावरण में जाने से शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसकी वजह से कई समस्याओं का खतरा बढ़ता है। एक्सपर्ट से जानते हैं इससे होने वाले नुकसान।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Wed, 22 May 2024 05:59 PM (IST)
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एसी से सीधा गर्म वातावरण में जाने से होता है ये नुकसान (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बढ़ते तापमान के साथ ही गर्मी के तेवर भी तीखे होते जा रहे हैं। चिलचिलाती धूप लोगों को झुलझाने लगी है और इसकी वजह से अब लोगों का घरों से बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है। ऐसे में तेज गर्मी से राहत पाने के लिए लोग अकसर कूलर-एसी (AC) का इस्तेमाल करते हैं। इन दिनों एसी का चलन लोगों के बीच काफी ज्यादा बढ़ गया है। ऑफिस हो या घर लोग अपना ज्यादातर समय एसी के आगे ही बिताते हैं। ऐसे में लगातार एसी की हवा खाने से सेहत को तो नुकसान होता ही है, साथ ही बाहर निकलने पर भी बुरा असर पड़ता है।

दरअसल, एयर कंडीशनिंग (Air Conditioning) की ठंडी हवा में बैठे रहने के बाद जब आप बाहर गर्म वातावरण में जाते हैं, तो इससे अचानक तापमान में बदलाव होता है, जिससे आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इस बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने गुरुग्राम स्थित आर्टेमिस हॉस्पिटल में न्यूरोइंटरवेंशन के प्रमुख और स्ट्रोक यूनिट के सह-प्रमुख डॉ. विपुल गुप्ता से बातचीत की। 

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क्या कहते हैं डॉक्टर

डॉक्टर बताते हैं कि जब आप एयर कंडीशनिंग के ठंडे वातावरण से बाहर निकलते हैं, तो तापमान में होने वाला अचानक बदलाव आपके स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। जब शरीर नियंत्रित, ठंडे वातावरण से इस अत्यधिक गर्मी में जाता है, तो उसे गर्मी का झटका लगता है। इस अचानक हुए बदलाव की वजह से कई शारीरिक प्रतिक्रियाएं शुरू हो सकती हैं, जो निम्न हैं- 

दिल के लिए हानिकारक

इसकी वजह से सबसे पहले आपका हार्ट फंक्शन प्रभावित होता है। गर्मी के कारण ठंडे वातावरण में सिकुड़ी हुई रक्त वाहिकाएं यानी ब्लड वेसल्स तेजी से फैलने लगती हैं, जिसके परिणामस्वरूप ब्लड प्रेशर में तेजी से कमी आती है। इससे चक्कर आना या बेहोशी हो सकती है, खासकर पहले से दिल की बीमारी का शिकार लोगों को।

ब्रोंकाइटिस या अस्थमा के लिए हानिकारक

ज्यादा तापमान के अचानक संपर्क में आने से ब्रोंकाइटिस या अस्थमा जैसी रेस्पिरेटरी संबंधी बीमारियां बिगड़ सकती हैं। इसके अलावा जब शरीर ज्यादा पसीना बहाकर खुद को ठंडा करने की कोशिश करता है, तो गर्मी के कारण डिहाईड्रेशन भी हो सकता है। ऐसे में लिक्विड और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी के कारण सिरदर्द, थकावट और मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है।

हीटस्ट्रोक

अपने तापमान को नियंत्रित करने में शरीर की असमर्थता हीटस्ट्रोक का कारण बनती है। यह एक गंभीर बीमारी जो भटकाव, तेज दिल की धड़कन और यहां तक ​​​​कि बेहोशी जैसे लक्षणों का कारण बन सकती है। जब शरीर की तापमान को नियंत्रित करने की क्षमता विफल हो जाती है, तो शरीर के तापमान में तेजी से बढ़ोतरी होती है, जिससे हीट स्ट्रोक होता है, जो एक गंभीर और संभावित घातक बीमारी है।

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