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मन में दबी भावनाएं बन गई हैं Emotional Stress का कारण, तो इन तरीकों से करें उन्हें बयां

आपकी इमोश्नल हेल्थ आपके स्वास्थ्य का एक अहम हिस्सा है। इसलिए अपनी Emotional Wellbeing का ख्याल रखना बेहद आवश्यक है। कई बार जब हम अपनी भावनाओं को दबाकर रखते हैं तो Emotional Stress का शिकार हो सकते हैं। इसलिए हम कुछ ऐसे तरीके लेकर आए हैं जिनकी मदद से आप अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से रिलीज कर पाते हैं। जानें कैसे करें इमोश्नल स्ट्रेस दूर।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Sun, 17 Mar 2024 03:49 PM (IST)
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इन तरीकों से करें मुश्किल भावनाओं को व्यक्त
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Emotional Stress: हमारी लाइफ में ऐसी कितनी ही चीजें होती हैं, जिनसे हमारी मेंटल हेल्थ को काफी नुकसान पहुंचता है। कुछ बातों को हम अपने मन में दबाकर रखना चाहते हैं या किसी के साथ शेयर करने में काफी संकोच महसूस करते हैं। इस वजह से कई बार ऐसा होता कि हमारे मन में दबी बात हमें मानसिक रूप से परेशान करने लगती है और बोझ जैसी महसूस होनी शुरू हो जाती हैं।

दबे हुए इमोश्नस आपकी मानसिक सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकते हैं। इन भावनाओं की वजह से एंग्जायटी, गुस्सा, चिड़चिड़ापन के रूप में इमोश्नल स्ट्रेस दिखना शुरू हो जाता है। कई बार यह Emotional Stress इतना बढ़ जाता है कि आप अपने रोज के काम करने में भी तकलीफ महसूस करने लगते हैं।

इसलिए जरूरी है कि आप अपनी भावनाओं को बाहर आने दें। ऐसा करने में कुछ तरीके काफी मददगार साबित हो सकते हैं। इन तरीकों से आप अपनी भावनाओं को न केवल बाहर निकाल पाएंगे बल्कि, उन्हें समझने में भी काफी मदद मिल सकती है। आइए जानते हैं कैसे आप अपने इमोश्नस को रिलीज कर सकते हैं।

क्या है कथार्सिस?

अपने भीतर दबी भावनाओं को बाहर निकालना कथार्सिस कहलाता है। इस प्रक्रिया की मदद से आप कम भावविह्वल होते हैं और उन भावनाओं से कम प्रभावित होते हैं। दबे हुए इमोश्नस रिलीज करने के लिए ऐसे तरीके को चुनना चाहिए, जिसमें न केवल हम उन भावनाओं को बाहर निकाल पाएं बल्कि, उन्हें बेहतर तरीके से समझ भी पाएं कि ऐसा क्यों महससू हो रहा था। ये तरीके आपकी Emotional Wellbeing के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

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कैसे कर सकते हैं इमोश्नस रिलीज?

जर्नलिंग

भावनाओं को बाहर निकालने का एक बेहतर तरीका है जर्नलिंग। जर्नलिंग एक ऐसा तरीका है, जिसमें आप अपनी भावनाओं को किसी डायरी में लिखते हैं। इससे आप अपने मन की बात को बिना किसी संकोच के बाहर निकाल पाते हैं और साथ ही, आप यह भी समझ सकते हैं कि क्यों आपको इमोश्नल स्ट्रेस हो रहा था। इसके अलावा, आप चाहें तो जर्नलिंग की जगह चिट्ठी भी लिख सकते हैं। अगर आप किसी से कुछ कहना चाहते हों और न कह पा रहे हों, तो आप उनके नाम से भी चिट्ठी लिख सकते हैं। इससे आपके मन का बोझ हल्का होगा।

पेंटिंग

आर्ट अपने इमोश्नस को बाहर निकालने का एक बेहतर तरीका है। आप जैसा भी महसूस कर रहे हों, वैसी ही कोई ड्रॉइंग बना सकते हैं या किसी तस्वीर में रंग भर सकते हैं। इससे न केवल आपके इमोश्नस रिलीज होंगे बल्कि, आप रिलैक्स महसूस करते हैं। आप चाहें तो कलरिंग की जगह कैलिग्राफी या डूडलिंग भी कर सकते हैं। ये भी इमोश्नल स्ट्रेस दूर करने के बेहतर तरीके हैं।

सांकेतिक रिलीज

कोई ऐसी भावना, जिसके बारे में किसी से बात करना या उसे बयां करना काफी मुश्किल हो, आप उसके बारे में किसी कागज पर लिखकर उसे फाड़ सकते हैं या जला सकते हैं। इससे आप अपने भीतर दबी भावना को शांतिपूर्ण तरीके से बाहर निकाल सकते हैं।

पजल हल करें

पजल या पहेली हल करने से आपका ध्यान अपनी परेशानी से हटकर कहीं और व्यस्त होता है। हालांकि, यह कोई स्थायी समाधान नहीं है, लेकिन अगर कभी आपका इमोश्नल स्ट्रेस काफी ज्यादा बढ़ गया है, तो उससे डील करने में यह तरीका कारगर हो सकता है। इसके अलावा, पजल जैसी एक्टिविटी दिमाग के लिए भी फायदेमंद होते हैं।

मेडिटेशन

मेडिटेशन करने से आपके मन के भीतर दबे हुए इमोश्नस बाहर निकलते हैं। आप खुद को अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं, जिससे उन्हें बाहर निकालने में आसानी होती है। इससे आपका मन शांत होता है और आप अपनी इमोश्नल इंटेलिजेंस को भी बढ़ा सकते हैं।

प्रोफेश्नल मदद लें

अगर आपका इमोश्नल स्ट्रेस काफी बढ़ गया है और आप खुद उन्हें रिलीज करने में सक्षम नहीं हैं, तो किसी प्रोफेश्नल की मदद लें। वे न केवल आपकी भावनाओं को रिलीज करने में मदद करेंगे बल्कि, ऐसा क्यों हो रहा है, यह समझने में भी आपकी मदद कर सकते हैं।

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Picture Courtesy: Freepik