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न्यू मॉम के लिए ठीक नहीं है Smartphone का ज्यादा इस्तेमाल, नवजात बच्चे को हो सकता है ये गंभीर नुकसान

बच्चे के जन्म के बाद न्यू मॉम को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में कुछ जरूरी बातों का ख्याल रखना होता है नहीं तो इसका सीधा असर नवजात की सेहत पर देखने को मिलता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कैसे स्मार्टफोन पर ज्यादा देर बिजी (Smartphone Side Effects) रहने से शिशुओं के शब्द सीखने की क्षमता कमजोर हो सकती है।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Tue, 02 Jul 2024 04:54 PM (IST)
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क्यों न्यू मॉम को नहीं करना चाहिए Smartphone का ज्यादा इस्तेमाल? (Image Source: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Smartphone Side Effects: न्यू मॉम का ज्यादा देर तक स्मार्टफोन पर बिजी रहना नवजात के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। दरअसल, जर्नल चाइल्ड डेवलपमेंट में एक स्टडी प्रकाशित हुई है, जिसमें नई माताओं और शिशुओं को शामिल किया गया है। अगर आप भी नई मां हैं या फिर जिंदगी के इस पड़ाव पर आने जा रही हैं, तो यह खबर आप ही के लिए है। स्टडी में बताया गया है कि कैसे स्मार्टफोन पर बिताया हर एक मिनट नवजात शिशुओं के विकास में कितनी बड़ी परेशानी बन सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

शोधकर्ताओं ने किया चौंकाने वाला दावा

टेक्सास यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दावा किया कि जब न्यू मॉम स्मार्टफोन यूज करती हैं, तो वे अपने बच्चों से 26% तक कम बात करती हैं। स्टडी में मां और पिता, दोनों को सलाह दी गई है कि वे मैसेज या कॉल करते वक्त या सोशल मीडिया स्क्रॉल करते समय अपने बच्चे की जरूरतों को लेकर 'एवेयर' रहें।

कम हो जाती है मां से बच्चे की बातचीत

बता दें, कि शोधकर्ताओं ने न्यू मॉम और बच्चों को इस स्टडी में शामिल किया है। इस दौरान शिशुओं ने छोटे ऑडियो रिकॉर्डर पहने थे, जबकि उनकी न्यू मॉम के फोन के यूज को मॉनिटर करने के लिए लॉग का इस्तेमाल किया गया। टीम ने 16,000 मिनट के सिंक्रोनाइज डेटा के विश्लेषण से नतीजे निकाले कि अगर मां एक मिनट फोन पर बिजी रहती है तो बच्चे से 16% कम शब्द बोल पाती है। जैसे-जैसे यह ड्यूरेशन बढ़ती है, मां से बच्चों की बातचीत कम होती जाती है। इस विश्लेषण का औसत देखें तो मां और नवजात शिशुओं की बातचीत में करीब 26% तक की कमी दर्ज हुई।

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कम उम्र से ही बातचीत है जरूरी

शोधकर्ताओं की मानें, तो आप कितनी देर तक मोबाइल फोन यूज कर रहे हैं, यह भी इस प्रक्रिया पर असर डालता है। खासतौर से सुबह 9-10 बजे, दोपहर 12-1 बजे या फिर दोपहर 3-4 बजे के दौरान अगर मां की बच्चों से कम बात होती है तो उनके शब्द सीखने की क्षमता कमजोर हो जाती है। पहले किए शोध से टीम ने पता लगाया कि शिशुओं के साथ बहुत कम उम्र से ही बातचीत करना जरूरी है क्योंकि इससे उनकी लैंग्वेज और शब्दकोश में सुधार देखने को मिलता है।

बातचीत से नवजात को मिलती है मदद

स्टडी में बताया गया है कि माता-पिता के बात करने से नवजात की भाषा का विकास होता है और वह आसानी से शब्दों को बोलना भी सीख जाता है। जर्नल चाइल्ड डेवलपमेंट में पब्लिश हुई इस स्टडी में शामिल वयस्कों ने 12 घंटे की ड्यूरेशन में 4.4 घंटे स्मार्टफोन इस्तेमाल किया, जिसपर शोधकर्ताओं ने काफी चिंता जाहिर की। स्टडी में बताया गया है कि माता-पिता नवजात से पर्याप्त बातचीत करते हैं तो उनकी भाषा का विकास तेजी से होता है।

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