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नींद से जागने पर हिलना-डुलना हो जाता है दूभर, चाहकर भी नहीं निकल पाती आवाज… आखिर क्या बला है Sleep Paralysis?

अच्छी भली नींद सोते-सोते क्या आपको भी कभी अचानक ऐसा अहसास हुआ है कि कोई छाती पर आ बैठा हो और आप चाहकर भी शरीर को हिलाने या फिर आवाज निकाल पाने में नाकाम हो गए हों? बता दें कि ये Sleep Paralysis के लक्षण हो सकते हैं। इसके पीछे एक खराब स्लीपिंग पैटर्न के अलावा और भी कई कारण हो सकते हैं। आइए जानें इससे जुड़ी जरूरी बातें।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Tue, 27 Aug 2024 06:21 PM (IST)
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क्या होता है Sleep Paralysis, समझें इसके लक्षण, कारण और बचाव के तरीके (Image Source: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। खराब लाइफस्टाइल का असर सेहत पर सीधा नजर आता है। इससे स्लीपिंग पैटर्न पूरी तरह डिस्टर्ब हो जाता है और आप कई तरह के स्लीप डिसऑर्डर की चपेट में आ जाते हैं। स्लीप पैरालिसिस (Sleep Paralysis) भी इन्हीं में से एक है जिसमें व्यक्ति अपने शरीर को नियंत्रित करने की क्षमता खो देता है। ऐसे में, आपको जागने का अहसास तो होता है लेकिन असल में आप पूरी तरह नींद से बाहर नहीं आ पाते हैं। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं इसके लक्षण, कारण और बचाव के तरीके।

स्लीप पैरालिसिस के लक्षण

स्लीप पैरालिसिस एक अजीब और डरावना अहसास होता है, जिसमें अचानक नींद खुलने पर आप शरीर को हिलाने या बात करने में असमर्थ होते हैं। आमतौर पर ऐसा तब होता है जब व्यक्ति आधी नींद में होता है यानी पूरी तरह से जागा नहीं होता है। इस स्थिति में, बॉडी का खुद पर कंट्रोल हासिल नहीं कर पाती है और आपको ऐसा लगता है कि आप जाग गए हैं, लेकिन हिल-डुल नहीं पा रहे हैं।

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स्लीप पैरालिसिस के कारण

  • आधी नींद में जागना: यह स्लीप पैरालिसिस का सबसे आम कारण है। जब व्यक्ति नींद से पूरी तरह से नहीं जाग पाता है, तो उसका शरीर उस वक्त भी आराम की अवस्था में होता है, जिससे उन्हें मूव करने या बात करने में मुश्किल होती है।
  • तनाव और चिंता: तनाव और चिंता नींद की गुणवत्ता को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं, जिससे स्लीप पैरालिसिस की संभावना बढ़ जाती है।
  • खराब स्लीपिंग शेड्यूल: आजकल के लाइफस्टाइल में लोगों का स्लीपिंग शेड्यूल भी बिगड़ा हुआ है, जो स्लीप पैरालिसिस का कारण हो सकता है।
  • दवाएं: कुछ दवाएं, जैसे कि एंटीडिप्रेसेंट्स आदि भी स्लीप पैरालिसिस का कारण बन सकती हैं।

स्लीप पैरालिसिस से कैसे बचें?

  • स्लीपिंग शेड्यूल को ठीक करें: रोजाना एक ही वक्त पर सोने और जागने की कोशिश करें। इससे आपके शरीर की इंटरनल क्लॉक को रेगुलर होने में काफी मदद मिलेगी।
  • स्ट्रेस से बनाएं दूरी: योग, ध्यान, या गहरी सांस लेने वाले व्यायाम करने से तनाव और चिंता को कम करने में मदद मिल सकती है।
  • नींद का माहौल बनाएं: रात होने से पहले कमरे को साफ-सुथरा कर लें, इससे दिमाग शांत रहेगा और नींद अच्छी आएगी। इसके अलावा कमरे में अंधेरा करके भी आप नींद की गुणवत्ता को बेहतर कर सकते हैं।
  • स्क्रीन टाइम कम करें: अगर आपको बार-बार स्लीप पैरालिसिस होता है, तो सोने से पहले कम से कम एक घंटा पहले इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से दूरी बना लें।
  • डॉक्टर की सलाह लें: आपको बार-बार स्लीप पैरालिसिस होता है, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। वे आपके लाइफस्टाइल को करीब से जानकर स्लीप पैरालिसिस का सटीक कारण और इसे मैनेज करने का तरीका बता पाएंगे।  
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Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।