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लापरवाही की वजह से बढ़ता Prostate ले सकता है कैंसर का रूप, एक्सपर्ट से जानें इस बारे में सब कुछ

बढ़ती उम्र के साथ प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ने लगता है। कई लोगों में प्रोस्टेट बढ़ जाता है। समय पर इस इन्फेक्शन का इलाज न किया जाए तो कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है। इसलिए इस बारे में जानकारी हासिल करना बहुत जरूरी है। इस बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में इस बारे में विस्तार से बताया गया।

By Jagran News Edited By: Swati Sharma Updated: Sat, 25 May 2024 11:16 AM (IST)
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एक्सपर्ट ने दिए प्रोसस्टेट बढ़ने के क्या लक्षण होते हैं (Picture Courtesy: Freepik)

नई दिल्ली। Enlarged Prostate: 50 की उम्र पार करने वाले प्रत्येक तीन से चार लोगों में एक व्यक्ति को प्रोस्टेट बढ़ने की समस्या होती है। 65 की उम्र तक पहुंचने वालों में 90 प्रतिशत लोगों में यह परेशानी बढ़ जाती है। बार-बार पेशाब हो या पेशाब से खून आए तो इसे नजरअंदाज न करें। यह बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरट्राफी (बीपीएच) की वजह से हो सकती है। आसान शब्दों में कहें तो यह समस्या पौरुष ग्रंथि यानी प्रोस्टेट ग्लैंड के बढ़ने की वजह से हो सकती है।

इलाज नहीं कराने से संक्रमण बढ़ सकता है। यहां तक कि कैंसर का भी रूप ले सकता है। प्रोस्टेट से संबंधित बीमारी में मरीज सर्जरी करने या न करने को लेकर भ्रम में रहते हैं। 60 प्रतिशत मरीजों में सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती है। इन मरीजों का इलाज दवाइयों से ही संभव है। 40 प्रतिशत रोगियों को ही आपरेशन कराना पड़ता है। इसलिए बीमारी से घबराने के बजाय समय पर जरूरी जांच और उपचार कराना चाहिए। इसके अलावा इस मौसम में पानी या अन्य तरल पदार्थ का सेवन कम करने से गुर्दा में पथरी बनने का खतरा 40 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।

ये जानकारी लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में यूरोलाजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. ईश्वर राम दयाल ने दी। उन्होंने गुरुवार को दैनिक जागरण कार्यालय में हेलो डाक्टर कार्यक्रम के तहत कई पाठकों के सवालों के जवाब दिए।

सवाल- दो साल पहले जांच कराया तो प्रोस्टेट बढ़ा निकला। इलाज चल रहा है, लेकिन समस्या बनी है? -अरविंद श्रीवास्तव, बाराबंकी

जवाब- उम्र के साथ लोगों का प्रोस्टेट बढ़ने लगता है। प्रोस्टेट जब ज्यादा बढ़ जाता है तो यह पेशाब की नली को दबा देता है। इससे पेशाब के फ्लो में दिक्कत होती है। 60 साल से अधिक लोगों में यह आम समस्या है। इसके अलावा पेशाब में संक्रमण, पेशाब के रास्ते में रुकावट, पेशाब की थैली की कमजोरी, न्यूरोलाजिकल दिक्कत, ब्रेन स्ट्रोक, रीढ़ की सर्जरी या चोट की वजह से भी प्रोस्टेट की परेशानी होती है। आप एक बार लोहिया संस्थान में दिखा लें।

सवाल- किडनी को कैसे स्वस्थ रखें? - विजय शर्मा, लखीमपुर

जवाब- ऐसे मौसम में पानी के साथ अन्य तरल पदार्थ का खूब सेवन करें। दिन में शिकंजी, नारियल पानी, छाछ और सत्तू लाभदायक होगा। इससे शरीर डिहाइड्रेट नहीं होगा।

सवाल- मेरी दायीं किडनी में सिस्ट है। डाक्टर को दिखाया तो बोले दवा की जरूरत नहीं है? - रविशंकर गुप्ता, लखनऊ

जवाब- किडनी में सिस्ट बनने को पानी की गांठ कहते हैं। यह बीमारी नहीं है। अगर कोई गंभीर लक्षण दिखे तो लोहिया संस्थान में दिखा लें।

सवाल- मैंने पिछले साल पथरी की सर्जरी कराई थी। क्या दोबारा होने की संभावना है? - पंकज मिश्र, बाराबंकी

जवाब- बिल्कुल। यदि एक बार किडनी में पथरी हो चुकी है तो ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि यह दूसरी बार नहीं होगी, लेकिन परहेज के साथ डाक्टर द्वारा बताए डाइट चार्ट का पालन करें तो बच सकते हैं।

सवाल- मेरी दायीं किडनी में आठ एमएम की पथरी है। दो बार जांच करा चुका हूं, लेकिन अभी निकली नहीं है। क्या सर्जरी कराना चाहिए? -ऐश्वर्य शुक्ल, लखनऊ

जवाब- 10 एमएम तक की पथरी दवा से कई बार निकल जाती है, कुछ में पांच एमएम की पथरी भी परेशानी बन जाती है। अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट से यह कहना मुश्किल है कि आपको सर्जरी कराना है या नहीं। सीटी स्कैन की रिपोर्ट के बाद ही निर्णय लेना ठीक रहेगा।

सवाल- प्रोस्टेट कैंसर के क्या लक्षण हैं? - आरपी सिंह, रायबरेली

जवाब- पुरुषों में मूत्र या वीर्य से रक्त आना, बार-बार पेशाब आना और प्रेशर लगाना प्रोस्टेट कैंसर का संकेत हो सकता है। ऐसा होने पर इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत डाक्टर से सलाह लें। प्रोस्टेट कैंसर के मामले में ट्यूमर बड़ा होकर प्रजनन प्रणाली और मूत्र मार्ग पर दबाव डालता है। इसकी वजह से प्रजनन प्रणाली अवरुद्ध हो सकती है। इससे मूत्र या वीर्य में खून आने लगता है।

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कम पानी पीने से किडनी में पथरी का खतरा

प्रो. ईश्वर राम दयाल का कहना है कि पेशाब से गुर्दे में पथरी बनती है। इसकी वजह कम पानी पीना और शरीर की बनावट है। शरीर में मिनरल की कमी या ज्यादा होने से भी यह समस्या पैदा हो जाती है। अगर पथरी 10 एमएम से छोटी है तो खुद ही बाहर निकल जाएगी। इसमें इलाज की जरूरत नहीं होती है। इससे बड़ी पथरी होने पर लिथोट्रिप्सी व दूरबीन विधि से इलाज किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि रोग से बचने के लिए नमक कम खाएं। मांस व मछली का सेवन से परहेज करें। तापमान अधिक होने से हमारा शरीर तेजी से पसीना निकालता है।

पसीने के साथ काफी पानी बाहर निकल आता है। शरीर में साठ प्रतिशत पानी है। जब कोशिका में 30 प्रतिशत तक पानी कम हो जाता है तो व्यक्ति को डिहाइड्रेशन की शिकायत होती है। पानी की कमी पूरी करने के लिए हमारा शरीर पेशाब की सांद्रता बढ़ाता है यानी पेशाब में पानी कम होकर वह अधिक अम्लीय प्रकृति का हो जाता है। पेशाब गाढ़ी होने के साथ शरीर में मौजूद लवण का अवक्षेपण होने लगता है।

इनके चलते आक्सजलेट, फास्फेट, यूरेट, यूरिक एसिड और अमीनो एसिड के छोटे-छोटे कण किडनी में इकट्ठा होकर पथरी के रूप में संग्रहित हो जाते हैं। बार-बार पथरी बनने से किडनी खराब होने का भी खतरा बढ़ता है। इससे बचाव के लिए खासकर गर्मी में खूब पानी के साथ तरल पदार्थ का सेवन करें। ।

प्रोस्टेट बढ़ने के बारे में ऐसे लगाएं पता

प्रो. ईश्वर राम दयाल के मुताबिक, आमतौर पर 50 साल के बाद सालभर में एक बार हर व्यक्ति को जांच करानी चाहिए। पहले अल्ट्रासाउंड के जरिए प्रोस्टेट की स्थिति का आकलन किया जाता है। पीएसए जांच से भी बीमारी के बारे में पता लगाया जाता है।

सामान्य तौर पर प्रोस्टेट का आकार 25 से 30 क्यूबिक सेंटीमीटर (सीसी) होता है। इससे ज्यादा होने पर इलाज की जरूरत होती है। 50 साल से अधिक उम्र वालों का प्रोस्टेट 35 सीसी तक रहता है। दवाओं के बाद भी दिक्कतें बनी रहती हैं तो अन्य जांचें कराई जाती हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर भारत की 15 प्रतिशत आबादी किडनी में पथरी की समस्या से पीड़ित है। ।

प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण

  • बार-बार पेशाब आना
  • बहुत अधिक प्रेशर बनना
  • बार-बार नींद से उठकर पेशाब करना
  • धार कमजोर होना
  • पेशाब की धार रुक-रुककर आना
  • जोर लगाकर पेशाब करना
  • गंध-रंग का असामान्य होना।

किडनी में पथरी के लक्षण

  • पसलियों के नीचे, बाजू और पीठ में तेज दर्द होना
  • पेट की निचले हिस्से और कमर तक दर्द होना
  • लहर के रूप में दर्द आना और दर्द की तीव्रता में उतार-चढ़ाव होना
  • पेशाब करते समय दर्द या जलन महसूस होना
  • भूरे रंग की पेशाब आना
  • झागदार पेशाब होना और बदबू आना

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