पाइल्स का खोज रहे हैं असरदार इलाज, तो डॉक्टर से जानें इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब
पाइल्स एक ऐसी समस्या है जिसके कारण आपकी रोज के जीवन में भी काफी समस्याएं होती हैं। पाइल्स और फिशर की समस्या युवाओं में भी काफी देखने को मिलती है जिसकी वजह खराब जीवनशैली है। जागरण के हैलो डॉक्टर कार्यक्रम में डॉक्टर ने इन परेशानियों (Piles) से जुड़े सवालों के जवाब दिए और बचाव के तरीके भी शेयर किए। आइए जानें।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। How To Cure Piles: बैठकर काम करना भले ही आरामतलबी की नौकरी मानी जाती हो, लेकिन यह कई तरह की बीमारी को जन्म देती है। गुदा के अंदर खून की तीन नसें होती हैं। इनमें दो नसें दाएं तो एक बाएं होती है। जब नसों पर दबाव पड़ता है, तो वे फूल जाती हैं। शौच के दौरान जोर देते हैं, तो नसें और कमजोर हो जाती हैं। धीरे-धीरे वह मस्सा का रूप ले लेती हैं, जिसे बवासीर (पाइल्स) कहते हैं। लिवर सिरोसिस और कैंसर के कारण भी पाइल्स की परेशानी हो सकती है।
इसकी वजह खराब जीवनशैली और गलत खानपान है। फाइबरयुक्त भोजन, हरी सब्जी व मौसमी फल का सेवन न करने से पाचन तंत्र प्रभावित होता है और कब्ज होता है। आंकड़ों के मुताबिक ओपीडी में आने वाला प्रत्येक पांचवां व्यक्ति पाइल्स या फिशर की दिक्कत से जूझ रहा है। इनमें सर्वाधिक संख्या युवाओं की है। हालांकि, अब दोनों बीमारियों का इलाज बिना सर्जरी भी संभव है। अनुशासित दिनचर्या व खानपान से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। जानकारी लोहिया संस्थान के जनरल सर्जरी विभाग में एसोसिएट प्रो. डॉ. अमरजोत सिंह ने दी।
खूनी पाइल्स खूनी पाइल्स में किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होती है, सिर्फ खून आता है। गुदा द्वार के अंदर मस्सा होता है, जो बाद में बाहर आने लगता है। मल त्यागने के बाद खुद से अंदर चला जाता है। बीमारी पुरानी होने पर जब मस्सा बाहर आता है तो हाथ से दबाने पर ही अंदर जाता है। आखिरी स्टेज में हाथ से दबाने पर भी अंदर नहीं जाता है। यह स्थिति काफी असहनीय होती है। पाइल्स की समस्या के कारण बैठना तक मुश्किल हो जाता है। शौच के रास्ते खून जाने से धीरे-धीरे शरीर में खून की कमी (एनीमिया) हो जाती है। इसके लक्षण को नजरअंदाज न करें, बल्कि तत्काल डाक्टर से संपर्क करें।
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क्या है खूनी पाइल की वजह?
- लक्षण: पाइल्स का दर्द सभी को एक जैसा नहीं होता, लेकिन रेक्टल की जगह दर्द, खुजली, जलन, शौच के समय ताजा सुर्ख लाल रंग के खून का निकलना, सूजन और संक्रमण इसके सामान्य लक्षण हैं।
- कारण: कब्ज रहना, अत्यधिक फास्टफूड का सेवन, फाइबर की कमी, भारी चीजें उठाना, तनाव, कम पानी पीना और मोटापा।
फिशर पाइल्स क्या होते हैं?
फिशर पाइल्स रहने पर पेट खराब रहता है। भोजन न पचने के चलते गैस बनती है। इसमें जलन, दर्द, खुजली, शरीर में बेचैनी, काम में मन न लगना जैसी दिक्कतें होती हैं। मल कड़ा होने पर खून भी आ सकता है।प्रो. डॉ. अमरजोत सिंह जागरण के हेलो डाक्टर कार्यक्रम के तहत कई पाठकों के सवालों के जवाब दिए।1. सवाल: कई साल से खूनी पाइल्स की परेशानी है। तीन बार सर्जरी करा चुके हैं, लेकिन अभी भी मल से खून आता है। - रामकरन गौतम, सुलतानपुरजवाब: सुबह उठने और रात में सोने का समय ठीक करें। रोजाना अपने लिए एक घंटा निकालें। फाइबरयुक्त भोजन, मौसमी फल और सलाद जरूर खाएं। अगर किडनी में कोई समस्या नहीं है तो गर्मी में तीन से साढ़े तीन और सर्दी में ढाई से तीन लीटर पानी पीना चाहिए। इसके बाद भी राहत न मिले तो लोहिया संस्थान में आकर दिखा लें। l
2. सवाल: छह साल की बेटी को अक्सर सूखा व कड़ा मल होता है। खून भी आता है। जांच रिपोर्ट ठीक है। क्या करें? - अनूप सिंह, बाराबंकीजवाब: बेटी को अगले तीन माह तक मल्टीविटामिन सिरप दें। किसी खेल गतिविधि से जोड़ें। भोजन में दलिया, दाल और चोकर वाले आटे की रोटी दें। जूस की जगह रेसेदार फल दें। अगले एक माह तक रात में भोजन के बाद एक गिलास गुनगुने पानी में इसबगोल की भूंसी मिलाकर दें। राहत मिलेगी। l
3. सवाल: छह माह से पाइल्स की परेशानी से जूझ रहा हूं। कभी-कभी मल से खून भी निकलता है। - अमर सिंह, गोंडाजवाब: सबसे पहले आप पानी की मात्रा बढ़ाएं। रोजाना कम से कम तीन लीटर पानी पीना है। चाय-काफी की जगह छाछ का सेवन करें। भोजन में सलाद, हरी सब्जी और चना व राजमा शामिल करें। 50 मिनट तेज गति से पैदल चलें। कब्ज नहीं होगा तो पाइल्स पाइल्स गंभीर नहीं होगा। l
4. सवाल: एक साल से पाइल्स व फिशर की दिक्कत है। जब भी बाहर कुछ खाता हूं तो मल से खून आता है। दो-तीन दिन तक परेशान रहता हूं। परिवार में अन्य लोगों को भी यही परेशानी है। क्या इसका इलाज सिर्फ सर्जरी है? - अशोक, लखनऊजवाब: पाइल्स को लाइफ डिजीज बीमारी कहा जाता है। अगर सर्जरी से बचना चाहते हैं तो अपनी दिनचर्या और खानपान ठीक करें। तली-भुनी वस्तुओं, फास्ट-फूड और मिर्च-मसाले से परहेज करें। रोजाना योग-कसरत करें। भोजन में फल व सलाद शामिल करें। रात में सोने से पहले टब में गुनगुना पानी से सिकाई करें। l
5. सवाल: इस साल बारिश शुरू होने के बाद से पाइल्स की परेशानी हो रही है। मल से खून आता है व खुजली व जलन भी होती है। - राजीव यादव, हरदोईजवाब: बारिश के मौसम में अमूमन पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है। आपको लंबे समय से कब्ज की समस्या है, जो अब पाइल्स में बदल चुका है। अभी शुरुआत है, इसलिए खानपान और जीवनशैली को ठीक कर बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है। आप पानी कम पीते हैं। पानी की मात्रा बढ़ाएं। चाय-काफी बिल्कुल कम कर दें, इसकी जगह सत्तू और छाछ का सेवन करें।
इन बातों का रखें ध्यान-
- गर्मी में तीन से साढ़े तीन और सर्दी में ढाई से तीन लीटर पानी पिएं l
- रोजाना 50 मिनट ब्रिस्क वाक करें, सूर्य नमस्कार बेहद लाभदायक है l
- जूस की जगह मौसमी फलों का अधिक सेवन करें l
- तली हुई चीजें, मिर्च-मसाला और फास्टफूड से परहेज करें l
- हरी सब्जियां जैसे पालक, मूली, लौकी और मेथी खूब खाएं l
- बिना छना हुआ आटा खाएं। उसमें फाइबर होता है। इससे कब्ज की परेशानी घटेगी l
- रात में सोते समय एक गिलास पानी में इसबगोल की भूसी दो चम्मच डाल पीने से लाभ होता है।