आंखों से जुड़ी कई समस्याओं की वजह बन सकता है मानसून, डॉक्टर के बताए इन Eye Infections से रहे सावधान
बरसात में दिनों विभिन्न तरह की बीमारियां और संक्रमण होना बेहद आम है। इस मौसम में सेहत के साथ-साथ हमारी आंखें भी कई तरह से प्रभावित होती है। मानसून में आंखों से जुड़ी समस्याएं (eye infections in monsoon) भी लोगों के लिए परेशानी का कारण बनी रहती हैं। ऐसे में डॉक्टर बता रहे हैं इन समस्याओं और इनसे बचने के लिए कुछ कारगर उपायों के बारे में विस्तार से।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। झुलसा देने वाली गर्मी के बाद बरसात का मौसम सुकून के कुछ पल लेकर आता है। यही वजह है कि यह सीजन कई लोगों को बेहद पसंद होता है। इस मौसम में गर्मागर्म पकौड़े और चाय खाने का अपना अलग ही मजा होता है। यूं तो इस मौसम से प्यार करने के कई कारण हैं, लेकिन इसे नापसंद करने की वजह भी कुछ कम नहीं हैं। बरसात में भले ही मौसम सुहाना होता है, लेकिन इस दौरान कई बीमारियों और संक्रमणों के मामले भी तेजी से बढ़ जाते हैं।
सेहत के साथ ही इस मौसम में आंखों से जुड़ी समस्याएं (eye infections in monsoon) भी लोगों के लिए परेशानी का कारण बनी रहती हैं। मानसून का मौसम के ह्यूमिडिटी और लगातार होती बारिश विभिन्न आंखों से जुड़े संक्रमणों का कारण बनती हैं। ऐसे में इन संक्रमणों के बारे में जानने के लिए हमने अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल में नेत्र रोग विशेषज्ञ (Ophthalmologist) डॉ अदिति शर्मा से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने मानसून में होने वाले आंखों के पांच सामान्य संक्रमणों से सावधान रहने की सलाह दी, जो कि निम्न हैं-
यह भी पढ़ें- मानसून में करना है Body Detox, तो इन ड्रिंक्स को करें डाइट में शामिल
कंजंक्टिवाइटिस (पिंक आई)
मानसून के दौरान कंजंक्टिवाइटिस सबसे ज्यादा होने वाले आंखों के संक्रमण में से एक है। इसके प्रमुख लक्षणों में आंखों में रेडनेस, खुजली और डिस्चार्ज है। यह संक्रमण बैक्टीरिया, वायरस या एलर्जी के कारण हो सकता है। इससे बचाव के लिए अच्छी स्वच्छता, जैसे नियमित रूप से हाथ धोना और आंखों को छूने से बचना आदि का ध्यान रखना जरूरी है।
स्टाई या होर्डियोलम
स्टाई, जिसे होर्डियोलम या बिलनी भी कहा जाता है, एक दर्दनाक, लाल गांठ है, पलक के किनारे पर बनती है। यह गांठ आमतौर पर ऑयल ग्लैंड्स में बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण होती है। इससे सूजन, दर्द और परेशानी हो सकती है। आंखों की सफाई बनाए रखने और तौलिये जैसी व्यक्तिगत चीजों को शेयर करने से बचने से इसका खतरा कम हो सकता है।केराटाइटिस
यह कॉर्निया की सूजन है, जो अक्सर बैक्टीरिया, वायरल या फंगल इन्फेक्शन के कारण होती है। इसके लक्षणों में आंखों में रेडनेस, दर्द, ब्लर विजन और रोशनी के प्रति संवेदनशीलता शामिल हैं। केराटाइटिस को रोकने के लिए चेहरे को धोने के लिए साफ पानी का उपयोग करना और कॉन्टैक्ट लेंस के अत्यधिक उपयोग से बचना मददगार हो सकता है।