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Childhood Obesity: बच्चों में डिप्रेशन का कारण बन सकता है मोटापा, एक्सपर्ट बता रहे इसे रोकने के आसान उपाय

खानपान की गलत आदतें और तेजी से बदलती लाइफस्टाइल सिर्फ बड़ों को ही नहीं बच्चों को भी प्रभावित करने लगी है। बीते कुछ समय से दुनियाभर में Childhood Obesity एक गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है। इसकी वजह से बच्चे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार हो सकते हैं। साथ ही यह डिप्रेशन का कारण भी बन सकता है। ऐसे में एक्सपर्ट बता रहे हैं इसे रोकने के कुछ तरीके।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Published: Fri, 29 Mar 2024 04:09 PM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2024 04:09 PM (IST)
इन तरीकों से बच्चों को रखें मोटापे से दूर

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। तेजी से बदलती लाइफस्टाइल का असर इन दिनों लोगों की सेहत पर साफ देखने को मिल रहा है। खानपान की गलत आदतें लोगों को कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार बना रही हैं। मोटापा (Obesity) इन्हीं गंभीर बीमारियों में से एक है, जो इन दिनों दुनियाभर में कई लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। सिर्फ बड़े ही नहीं, आजकल बच्चे भी इस समस्या की गिरफ्त में आ रहे हैं। बच्चों में बढ़ता मोटापा (Childhood Obesity) एक गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है।

यह एक गंभीर मेडीकल कंडीशन है, जो बच्चों और किशोरों को प्रभावित करती है। यह चिंता का विषय इसलिए है, क्योंकि बढ़ता वजन बच्चों को डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित बना सकता है। इसके अलावा मोटापा बच्चों में आत्मसम्मान की कमी और डिप्रेशन का कारण भी बन सकता है। एक स्वस्थ भविष्य के लिए बच्चों में मोटापे का इलाज और इसकी रोकथाम करना जरूरी है।

ऐसे में इसे रोकने के लिए हमने वैशाली के मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ मिनिमल एक्सेस, बेरिएट्रिक एंड रोबोटिक सर्जरी के निदेशक और प्रमुख डॉ विवेक बिंदल से बातचीत की। इस दौरान डॉक्टर ने हमें बच्चों में मोटापा रोकने के लिए क्या करना जरूरी है और क्या नहीं करना चाहिए, इस बारे में विस्तार से बताया।

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क्या करें

बच्चों को फिजिकली एक्टिव रखें

बच्चों को शारीरिक रूप से सक्रिय रखने के लिए रोजाना कम से कम 60 मिनट की शारीरिक गतिविधि का लक्ष्य रखें। बच्चों को उन एक्टिविटीज में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करें, जिनमें उन्हें आनंद आता हो- जैसे एथलेटिक्स, साइकलिंग, डांस करना या बाहर खेलना आदि।

हेल्दी स्नैक्स दें

बच्चों के हेल्दी वेट गेन के लिए उनकी डाइट में फल, सब्जियां, बादाम और दही जैसे स्वास्थ्यवर्धक स्नैक्स शामिल करें। साथ ही अपने घर में चिप्स, कुकीज और मिठाई जैसे अनहेल्दी स्नैक्स को रखने से बचें।

शुगरी ड्रिंक्स से परहेज

अपने बच्चों की सोडा, जूस या स्पोर्ट्स ड्रिंक जैसे शुगरी ड्रिंक्स से दूरी बनाए रखें। इसकी बजाय उन्हें ज्यादा से ज्यादा पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करें। हाइड्रेटेड रहने और कैलोरी इनटेक से बचने के लिए पानी महत्वपूर्ण है।

नियंत्रित डाइट दें

आपके बच्चे सीमित मात्रा में खाएं, इस बात का ध्यान रखें। घर हो या बाहर बच्चे जहां भी खा रहे हैं, तो उन्हें ज्यादा मात्रा में भोजन परोसने से बचें। अपने बच्चों को उनकी भूख के मुताबिक खाने के लिए शिक्षित करें।

क्या न करें

भोजन न छोड़ें

सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे दिन भर नियमित रूप से खाते रहें ताकि बाद में उन्हें अत्यधिक भूख न लगे और वहज्यादा खाने से बच सकें। खाना छोड़ने से खान-पान की गलत आदतें और ज्यादा खाने की समस्या हो सकती हैं।

अनहेल्दी फूड्स को घर पर न रखें

बच्चे अकसर अनहेल्दी फूड्स खाना पसंद करते हैं, लेकिन इस तरह के फूड्स उनका वजन बढ़ाने में योगदान कर सकते हैं। ऐसे में कोशिश करें कि घर पर अनहेल्दी फूड आइटम्स आसानी से उपलब्ध न हो पाए। अनहेल्दी स्नैक्स आसानी से उपलब्ध नहीं होने पर बच्चे इन्हें खाने से बचेंगे, जिससे वजन बढ़ने की संभावना कम होगी।

स्ट्रिक्ट डाइट न करें

बच्चों को स्ट्रिक्ट डाइट पर रखने या कोई खास फूड आइटम पर प्रतिबंध लगाने से बचें। ऐसा करने से बच्चे अनहेल्दी फूड इंटरेक्शन और ईटिंग डिसऑर्डर का शिकार हो सकते हैं। इसकी जगह आप उनके संतुलित पोषण और संयम पर ध्यान दें।

कम्फर्ट के लिए बच्चों को खाना न दें

अक्सर कई पेरेंट्स नाराज या उदास बच्चों को खुश करने के लिए उन्हें खाने के लिए कुछ न कुछ दे देते हैं, लेकिन ऐसा करना उनके लिए नुकसानदेय हो सकता है। ऐसे में कोशिश करें कि अपने बच्चों को कम्फर्ट के लिए खाना न दें। इसकी जगह बच्चों को स्वस्थ तरीकों से अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करें और भोजन का इस्तेमाल किए बिना भावनात्मक समर्थन प्रदान करें।

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Picture Courtesy: Freepik


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