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कमरतोड़ Work Pressure ने ली 26 साल की महिला की जान, ऐसे रखें अपना ध्यान

हाल ही में पुणे से सामने आए एक मामले ने बदलते वर्क कल्चर पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल यहां एक 26 साल की महिला की हद से ज्यादा वर्क प्रेशर की वजह से मौत हो गई। इस खबर के सामने आने के बाद से ही लोग लगातार इसकी चर्चा कर रहे हैं। ऐसे में एक्सपर्ट से जानते हैं कैसे करें वर्क प्रेशर (tips for work pressure) को डील।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Thu, 19 Sep 2024 05:31 PM (IST)
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इन तरीकों से करें वर्कप्रेशर से डील (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। इंटरनेट पर इस समय हर कहीं पुणे की एक प्राइवेट कंपनी लगातार चर्चा में बनी हुआ है। दरअसल, यहां का करने वाली 26 वर्षीय एना की कंपनी ज्वाइन करने के 4 महीने बाद ही मौत हो गई। हाल ही में सोशल मीडिया पर एनी की मां का एक लेटर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने यह दावा किया है कि ऑफिस के प्रेशर की वजह से उसकी जान चली गई। उन्होंने अपने लेटर में लिखा कि उन्होंने कंपनी में जाने के सिर्फ चार महीने बाद ही ओवर वर्कप्रेशर (work Place Stress Managment Tips) के कारण उसकी मौत हो गई।

इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि एना की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार में ऑफिस की तरफ से कोई शामिल तक नहीं हुआ। इस खबर के सामने आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर वर्क प्रेशर और मेंटल हेल्थ चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसे में हमनेतुलसी हेल्थकेयर, नई दिल्ली के सीईओ और सीनियर मनोचिकित्सक डॉ. गौरव गुप्ता से बातचीत की और जानने की कोशिश की कि कैसे वर्क प्रेशर फिजिकल और मेंटल हेल्थ को प्रभावित करता है। साथ ही इससे बचने के तरीके (Self-care Tips) भी जानें-

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वर्कप्रेशर और हेल्थ

डॉक्टर बताते हैं कि लंबे समय तक तनाव मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जैसा कि काम से संबंधित तनाव की वजह से पुणे की एक कर्मचारी के साथ हुआ। वर्तमान में बदलते वर्क कल्चर की वजह से काम करने का समय काफी बढ़ गया है, जिसकी वजह से तनाव का खतरा काफी बढ़ गया है। ऑफिस का वर्कप्रेशर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर कई तरीकों से प्रभाव डालता है। आइए जानते हैं कैसे-

मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

वर्कप्रेशर की वजह से एंग्जायटी, उदासी, बर्नआउट और नींद में खलल जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसका फोकस, डिसीजन और वर्क परफॉर्मेंस पर प्रभाव पड़ता है। लंबे समय तक तनाव में रहने की वजह से कई मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की संभावना को भी बढ़ जाती है, क्योंकि यह आपको इमोशनली कमजोर बनाता है, जिससे आप खुद को अकेले और कमजोर महसूस करने लगते हैं।

फिजिकल हेल्थ पर असर

तनाव शरीर के "fight or flight" रिएक्शन को ट्रिगर करता है, जो कोर्टिसोल और अन्य केमिकल को रिलीज करता है। यह कमजोर इम्युनिटी, मोटापा, हार्ट डिजीज और हाई बीपी का कारण बन सकता है। इसके अलावा, लंबे समय तक तनाव के कारण सिरदर्द, मांसपेशियों में तनाव और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

ऐसे करें वर्कप्रेशर से डील

  • बर्नआउट को रोकने के लिए अपनी वर्किंग के घंटे तय करें। काम के बाद डिस्कनेक्ट करें और आराम करें।
  • जरूरी कामों पर दें और जितना आप कर सकते हैं, उससे ज्यादा काम लेने से बचें।
  • एंंग्जायटी को कम करने और फोकस बढ़ाने के लिए डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मेडिटेशन की मदद ले सकते हैं।
  • एक्सरसाइज मूड फ्रेश करने वाले कंपाउंड जैसे एंडोर्फिन को बढ़ाता है और स्ट्रेस हार्मोन को कम करता है।
  • अगर काम की वजह से आपको बहुत ज्यादा स्ट्रेस या थकान हो रही है, तो दोस्तों, परिवारजनों और करीबियों से बात करें।
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