Eye Care Tips: मोतियाबिंद की न हो प्रॉब्लम, इसके उठाएं ये जरूरी कदम
Eye Care Tips मोतियाबिंद की परेशानी से बचने के लिए आपको आंखों की खास देखभाल करनी चाहिए। तो कौन सी जरूरी सावधानियां बरतकर आप रख सकते हैं अपनी आंखों को इस खतरनाक बीमारी से दूर। आइए जान लेते हैं इस बारे में।
By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghUpdated: Sun, 23 Apr 2023 07:03 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Eye Care Tips: अपनी आंखों के सही देखभाल करने से आप बढ़ती उम्र में होने वाली कई सारी समस्याओं में से एक मोतियाबिंद के लक्षणों को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है। मोतियाबिंद बादल वाले एरिया होते हैं जो आपकी आंख के लेंस के ऊपर बनते हैं। आपका लेंस आपकी आंख के सामने साफ, घुमावदार संरचना है जो आपको अलग-अलग दूरियों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। तो मोतियाबिंद की परेशानी से बचने के लिए आपको उठाने होंगे ये जरूरी कदम।
मोतियाबिंद से बचने के जरूरी उपाय
1. अपनी आंखों को धूप से बचाएं
सूरज की अल्ट्रावायलेट (यूवी) किरणें आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे मोतियाबिंद की प्रॉब्लम हो सकती है। यूवी रेज़ ऑक्सीडेटिव डैमेज की वजह बनती हैं। जब ऐसा होता है, तो हानिकारक अणु जिन्हें फ्री रैडिकल कहा जाता है, आपके लेंस में प्रोटीन को बाधित कर सकते हैं और उन्हें आपस में जोड़ सकते हैं। तो इसका उपाय यह है कि जब आप धूप में बाहर हों तो धूप का चश्मा और टोपी पहनें। ज्यादा प्रोटेक्शन के लिए, ऐसे चश्मे पहनें जो यूवीए और यूवीबी किरणों से 100% सुरक्षा प्रदान करते हों।
2. संतुलित आहार लें
फलों और सब्जियों की ज्यादा से ज्यादा मात्रा लें और प्रोसेस्ड फूड्स का कम से कम सेवन करें। जो सिर्फ आंखों के लिए ही नहीं ओवरऑल हेल्थ के लिए अच्छा होता है। मोतियाबिंद को रोकने के लिए संतुलित आहार लेना सबसे असरदार उपाय है। एंटीऑक्सीडेंट की खुराक सबसे ज्यादा फायदेमंद होती है।3. अपनी आंखों को चोट से बचाएं
मोतियाबिंद होने की वजहों में आंखों की चोट भी शामिल है। खेल, स्वीमिंग या अन्य एक्टिविटीज के दौरान भी चश्मे पहनें इससे भी आंखों में चोट लगने की संभावनाओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
4. आंखों की नियमित जांच कराएं
आंखों को सही-सलामत बनाए रखने के लिए नियमित तौर से उनकी जांच करवाते रहना चाहिए खासकर जब आप बूढ़े हो रहे होते हैं। इससे अगर आंखों से जुड़ी कोई समस्या है तो इसका समय रहते पता चल जाता है जिससे समय पर इलाज शुरू किया जा सकता है और उसके गंभीर होने की स्थिति को रोका जा सकता है।(Dr. Ajay Sharma Chief Medical Director of EyeQ से बातचीत पर आधारित)Pic credit- freepik