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Eye Flu: क्या आंखों को देखने से भी हो जाता है आई फ्लू? जानें कंजक्टिवाइटिस के कुछ आम मिथक

Eye Flu देशभर में आई फ्लू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आई फ्लू जिसे कंजंक्टिवाइटिस या पिंक आई के नाम से भी जाना जाता है आंखों में होने वाला संक्रमण है जो अक्सर मानसून में देखने को मिलता है। हालांकि इस बार इसके मामले पहले की तुलना में ज्यादा सामने आ रहे हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में जानेंगे इससे जुड़े कुछ आम मिथक और फैक्ट्स-

By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Sat, 29 Jul 2023 07:29 AM (IST)
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आई फ्लू से जुड़े वो मिथ, जो आपको जानना जरूरी है

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Eye Flu Myths vs Facts: कंजंक्टिवाइटिस या पिंक आई एक एनुअल फ्लू है, जो हर साल मानसून में देखने को मिलता है। इसकी वजह से आंखों में जलन, रेडनेस, दर्द और सूजन होती है। डॉक्टरों के मुताबिक, यह एक माइल्ड इन्फेक्शन है, जो अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन यह अत्यधिक संक्रामक होता है और आसानी से फैल सकता है। हालांकि, आज ही कंजंक्टिवाइटिस से जुड़े कई मिथक हैं, जिन्हें दूर करना बेहद जरूरी है। आज इस आर्टिकल में आई फ्लू से जुड़े इन्हीं मिथकों के बारे में जानेंगे।

मिथकः क्या सिर्फ आंखों में देखने से हो जाता है कंजक्टिवाइटिस?

फैक्टः यह आई फ्लू से जुड़ा एक सबसे आम मिथक है। आपने अक्सर लोगों से सुना होगा कि संक्रमित व्यक्ति की आंख में देखने मात्र से आपको कंजक्टिवाइटिस हो सकता है। हालांकि, यह पूरी तरह से गलत है, क्योंकि कंजक्टिवाइटिस केवल संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले तरल के सीधे संपर्क से फैलता है।

मिथकः क्या केवल बच्चों की ही आई फ्लू होता है?

फैक्टः नहीं, यह पूरी तरह सच नहीं है। हालांकि, कंजक्टिवाइटिस के मामले बच्चों में ज्यादा देखने को मिलते हैं, लेकिन इसका ये मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि यह सिर्फ बच्चों का संक्रमण है। आई फ्लू किसी भी उम्र के व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता है।

मिथकः अगर आप अपनी आंखें नहीं रगड़ेंगे, तो आई फ्लू नहीं होगा।

फैक्टः गंदे हाथों से अपनी आंखों को छूना सिर्फ एक तरीका है, जिससे आपको कंजक्टिवाइटिस हो सकता है। ऐसे में अगर आप गंदे हाथों से आंखों की नहीं छूएंगे, तब भी अन्य कारणों से आई फ्लू की चपेट में आ सकते हैं। किसी भी दूषित वस्तु या पदार्थ के संपर्क में आने से आंखें संक्रमित हो जाती हैं, जैसे अनुचित तरीके से साफ किए गए कॉन्टैक्ट लेंस, मेकअप, या यहां तक ​​कि आई-ड्रॉप डिस्पेंसर की नोक, जिसका उपयोग कंजक्टिवाइटिस वाली आंख पर किया गया था।

मिथकः कंजंक्टिवाइटिस का कोई इलाज नहीं है?

फैक्टः स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, कंजक्टिवाइटिस एक माइल्ड इन्फेक्शन है, जो अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि, कुछ आई ड्रॉप जैसे उपचार मौजूद हैं, जो असुविधा, सूखापन और सूजन को कम कर सकते हैं। पिंक आई अपने आप ठीक हो जाती हैं।

मिथकः अगर आपकी आंखें लाल हैं, तो यह कंजंक्टिवाइटिस ही है।

फैक्टः लाल या ब्लडशॉट आंखें कंजक्टिवाइटिस के अलावा कई चीजों का संकेत हो सकती हैं। एलर्जी, ड्राई आई सिंड्रोम और जलन पैदा करने वाले तत्व आंख के सफेद हिस्से के लाल होने का कारण बन सकते हैं। आंखों की लाली के पीछे कंजंक्टिवाइटिस के अलावा और भी गंभीर कारण हो सकते हैं।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik