Hearing Loss: पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग होते हैं हियरिंग लॉस के कारण, बढ़ती उम्र के साथ जरूरी है सावधानी
बढ़ती उम्र के साथ कई लोगों को हियरिंग लॉस से जुड़ी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। हाल ही में हुई एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि महिला और पुरुषों में सुनने की समस्या अलग-अलग कारणों के चलते पैदा होती है जो आगे जाकर बहरेपन की वजह बन सकती है। बता दें इन्हें नजरअंदाज करने की भूल आपको भारी पड़ सकती है आइए जान लीजिए इसके बारे में।
एजेंसी, वाशिंगटन डीसी। Hearing Loss: उम्र के साथ कई लोगों में कम सुनाई देने की समस्या दिखने को मिलती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्रवण हानि (Hearing Loss) से जुड़े कुछ कारण लिंग के आधार पर भी अलग-अलग हो सकते हैं? जी हां, दरअसल दक्षिण कोरिया में चुंगबुक नेशनल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल और उनके सहकर्मी होंग वू नाम द्वारा ओपन-एक्सेस जर्नल पीएलओएस वन में प्रकाशित एक अध्ययन में इससे जुड़ी कुछ जानकारियां सामने आई हैं। आइए जान लीजिए कि कैसे लिंग के साथ-साथ वजन और हार्मोनल चेंज आपकी सुनने की क्षमता के लिए जोखिम साबित हो सकता है।
दुनियाभर में 5 में से एक व्यक्ति हियरिंग लॉस से पीड़ित
उम्र से संबंधित श्रवण हानि (एआरएचएल) उच्च आवृत्ति ध्वनियों को सुनने में मुश्किल धीरे-धीरे बढ़ती जाती है। ऐसे में वर्बल कम्युनिकेशन एक बड़ी चुनौती बन जाता है, जिससे डिप्रेशन जैसी दिक्कतें भी झेलनी पड़ सकती हैं। बता दें, कि दुनियाभर में हर पांच में से एक शख्स हियरिंग लॉस से पीड़ित है। वैश्विक स्तर पर जनसंख्या की उम्र में इजाफा होने के साथ यह संख्या और अधिक बढ़ने की उम्मीद है। चूंकि एआरएचएल यानी हियरिंग लॉस अपरिवर्तनीय होता है, ऐसे में जरूरी है कि इसकी समय रहते पहचान कर ली जाए, और इसके ट्रीटमेंट को लेकर आगे बढ़ा जाए।
यह भी पढ़ें- खतरनाक कैंसर की ओर इशारा हो सकते हैं शरीर में होने वाले ये छोटे-मोटे बदलावलैंगिक स्तर पर एआरएचएल से जुड़े कारकों को सही तरीके से देखने के लिए इनके सापेक्ष प्रभावों का अध्ययन किया गया। शोधकर्ताओं ने 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के 2,349 प्रतिभागियों के हेल्थ चेकअप रिकॉर्ड का विश्लेषण किया। हर प्रतिभागी की मेडिकल हिस्ट्री, ब्लड टेस्ट, बॉडी टेस्ट और एक बेसिक हियरिंग लॉस चेकअप के डाटा का विश्लेषण किया गया। इसके बाद पुरुषों और महिलाओं के लिए एआरएचएल खतरे सबसे अधिक मजबूती से जुड़े कारकों की पहचान करने के लिए सांख्यिकीय विश्लेषण किया गया।
शोधकर्ताओं ने पाया कि कुछ कारक उम्र व लिंग की परवाह किए बिना एआरएचएल से जुड़े थे, वहीं अन्य कारक पुरुषों और महिलाओं में एआरएचएल के खतरे से अलग-अलग तरीके से जुड़े थे। उदाहरण के लिए, कम वजन होना पुरुषों में एआरएचएल के साथ एक महत्वपूर्ण संबंध दिखाता है, वहीं महिलाओं में कम वजन और मोटापा दोनों का महत्वपूर्ण संबंध देखने को मिला।