अब एक दवा से हो सकेगा गंभीर Fatty Liver का इलाज, अमेरिका के FDA ने दी मंजूरी
फैटी लिवर लाइफस्टाइल और खान-पान में गड़बड़ी की वजह से होने वाली एक बीमारी है जिसमें लिवर में अधिक फैट इकट्ठा होने लगता है। इस कंडिशन का वक्त पर इलाज न होने की वजह से यह NASH का रूप ले लेता है। यह एक जानलेवा कंडिशन है जिसके इलाज के लिए हाल ही में एक दवाई को मंजूरी दी गई है। जानें किस दवाई की मदद से होगा इसका इलाज।
Reuters, बेंगलुरु। Fatty Liver: लाइफस्टाइल में बदलाव की वजह से कई नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज का खतरा बढ़ता जा रहा है। इन बीमारियों में फैटी लिवर एक बेहद आम समस्या है, जिसकी वजह से कई लोगों का लिवर प्रभावित होते हैं। नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर ऐसी कंडिशन होती है, जिसमें लिवर में फैट की मात्रा बढ़ जाती है। इस कारण लिवर के सामान्य फंक्शन में रुकावट आने लगती है।
क्यों होता है फैटी लिवर?
आमतौर पर, फैटी लिवर की समस्या उन लोगों के साथ अधिक होती है, जो मोटापे जैसी किसी मेटाबॉलिक डिजीज से पीड़ित होते हैं। लाइफस्टाइल और खान-पान से जुड़ी खराब आदतों की वजह से फैटी लिवर की समस्या लोगों में काफी बढ़ती जा रही है। वैसे तो, दवाइयों की मदद और जीवनशैली में सुधार करके इस कंडिशन को ठीक किया जा सकता है, लेकिन कई बार इस समस्या को अनदेखा करने की वजह से यह गंभीर रूप ले लेता है। वक्त पर फैटी लिवर का इलाज न होने की वजह से यह आगे चलकर, NASH में भी बदल सकता है।
क्या है NASH?
NASH, यानी Non-alcoholic steatohepatitis, नॉन एल्कोहोलिक फैटी लिवर का इलाज न होने की वजह से होता है। इसमें लिवर में स्कार और सूजन होने लगती है। यह एक ऐसी कंडिशन होती है, जिसमें लिवर में एकस्ट्रा फैट इकट्ठा होने लगता है और इस कारण फाइब्रोसिस, स्कारिंग और लिवर में सूजन की समस्या भी हो सकती है।इस कारण लिवर ठीक से काम नहीं कर पाता है, जिसे लिवर डिसफंक्शन कहा जाता है। यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। फैटी लिवर के इस गंभीर रूप के इलाज के लिए हाल ही में एक दवाई की खोज हुई है। इससे पहले इस बीमारी के इलाज के लिए कोई कोई ऐसी दवाई बाजार में नहीं थी।यह भी पढ़ें: Fatty Liver कर सकता है आपका लिवर खराब, बचाव के लिए करें लाइफस्टाइल की इन आदतों में सुधार
दवाई को मिली मंजूरी?
U.S. FDA से मंजूरी प्राप्त इस दवाई को Madrigal Pharmaceuticals ने बनाया है। यह दवाई अप्रैल के महीने से Rezdiffra के नाम से बाजारों में उपलब्ध करवाई जाएगी। इस दवाई को उन मरीजों के लिए अप्रूव किया गया है, जिन्हें NASH के साथ फाइब्रोसिस या स्कारिंग की समस्या हो और वह दूसरे या तीसरे स्टेज तक बढ़ चुका है।NASH, जिसे हाल ही में मेटाबॉलिक डिसफंक्शन-एसोसिएटेड स्टीटोहेपेटाइटिस (MASH) नाम दिया गया है, का कारण क्या है और यह क्यों होता है, यह अभी तक समझ नहीं आ पाया है। हालांकि, मोटापा, हाइपोथाइरॉइडिज्म, डायबिटीज, ब्लड में फैट की मात्रा बढ़ने या किसी अन्य मेटाबॉलिक डिजीज की वजह से इसका खतरा बढ़ जाता है।
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