Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Fight Covid-19 & Influenza H3N2: फ्लू और वायरस से साथ में लड़ना है, तो शुरू कर दें इन फूड्स का सेवन

Fight Covid-19 Influenza H3N2 दोनों वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में इनसे लड़के लिए शरीर को भी दोगुना तैयारी की जरूरत है। चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ फूड आइटम्स के बारे में-

By Ritu ShawEdited By: Ritu ShawUpdated: Mon, 20 Mar 2023 02:16 PM (IST)
Hero Image
Fight Covid-19 & Influenza H3N2: फ्लू और वायरस से साथ में लड़ने में तैयार करेंगे ये फूड, शुरू करें सेवन

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Fight Covid-19 & Influenza H3N2 Together: भारत में एक बार फिर स्वास्थ्य कारणों को लेकर संकट नजर आ रहा है। ऐसा लग रहा है मानों 3 साल पुरानी यादें फिर से ताजा होने जा रही हैं, क्योंकि देशभर में एक बार फिर कोरोनावायरस (Covid 19) का खतरा बढ़ रहा है और इस बार साथ में इन्फ्लुएंजा वायरस (Influenza H3N2) 'H3N2 वायरस' भी है, मानो दोनों साथ मिलकर कहर बरपाने की तैयारी में हैं। दोनों वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 129 दिनों के बाद देश में एक दिन में कोरोना के एक हजार से ज्यादा मामले देखने को मिले हैं। इस समय एक्टिव केसेज की संख्या 5 हजार के पार पहुंच गई है। वहीं, 2 जनवरी से 5 मार्च के बीच एच3एन2 वायरस के 451 मामले सामने आए हैं।

वहीं जानकार XBB वेरिएंट के एक नए सब-वेरिएंट XBB 1.16 को कोरोना के मामलों में अचानक आई तेजी को इसकी वजह मान रहे हैं। वहीं H3N2 वायरस भी तेजी से फैलने की क्षमता रखता है। दोनों से प्रभावित रोगियों में खांसी, बुखार, सिरदर्द, गले में खराश, थकान, नाक बहना, गले में कफ जैसे सामान्य देखने को मिल रहे हैं, जिससे बिना जांच किए इनकी पहचान कर पाना भी मुश्किल हो रहा है।

आईसीएमआर ने अपनी एडवाइजरी में साफ तौर पर कहा है कि वायरस से बचने के लिए साबुन और पानी से हाथ धोएं, मास्क पहनें और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। इसके अलावा छींकते और खांसते समय अपने मुंह और नाक को ढक लें। अगर किसी व्यक्ति में फ्लू के लक्षण दिख रहे हैं तो उसे भी अपनी डाइट में बदलाव करना चाहिए। चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में, जो आपकी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और संक्रमण या वायरस से लड़ने में मदद करेंगे।

कोरोना संक्रमण और इंफ्लुएंजा H3N2 दोनों से लड़ने में मदद करेंगे ये फूड आइटम्स-

विटामिन और खनिज भी महत्वपूर्ण हैं-

अपने आहार में ताजे मौसमी फल और सब्जियों को शामिल करें क्योंकि ये एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। फल खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

यह विडियो भी देखें

विटामिन ए - पपीता, गाजर, शकरकंद,  खुबानी

विटामिन डी - मलाईधार दूध और डेयरी उत्पाद, मशरूम, अंडे, मछली

विटामिन सी - सभी खट्टे फल जैसे नींबू, आंवला, टमाटर, संतरा, मौसंबी

विटामिन ई - सूरजमुखी के बीज, कुसुम के बीज, बादाम और पिस्ता

जिंक और सेलेनियम - चिया के बीज, कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज, साबुत दालें, साबुत अनाज, काले तिल, अंडे, मछली

अधिक प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ खाएं-

रोजाना अपने वजन के प्रति किलो 0.8 से 1 ग्राम तक प्रोटीन का सेवन करना चाहिए। अगर आपमें पहले से ही प्रोटीन की कमी है तो डॉक्टर से सलाह लेकर इसे 1.2 से 1.5 ग्राम तक बढ़ाया भी जा सकता है। प्रोटीन का काम मांसपेशियों का निर्माण, टिशू को ताकत देना और जल्द ठीक होने की क्षमता को बढ़ावा देना है। प्रोटीन के लिए दूध या दूध से बने पदार्थ जैसे दही, पनीर और टोफू के अलावा अपने आहार में सोया, दालें, मेवे या फिर उबले अंडे शामिल कर सकते हैं।

ड़ी-बूटियां और मसाले फ़्लू और वायरल लक्षणों के लिए हैं कारगर-

घर में रोजाना इस्तेमाल होने वाली जड़ी-बूटियों और मसालों में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। तुलसी, सोंठ, लेमनग्रास, लहसुन, हल्दी, काली मिर्च, धनिया, दालचीनी यह कुछ ऐसे मसाले हैं, जिनका सेवन करने से अंद्रूनी ताकत बनी रहती है और जल्दी बीमार नहीं होने देती।

प्रोबायोटिक्स से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं-

अपने आहार में प्रोबायोटिक्स और प्री-बायोटिक्स जैसे दही, छाछ, पनीर और अन्य फर्मेंट किए गए खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। ये चीजें पेट और आंतों के खराब बैक्टीरिया को खत्म करने में मददगार होती हैं और आपको बीमार होने से बचाती हैं।

ओमेगा-3 और ओमेगा-6

अपनी डाइट में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 से भरपूर चीजों को शामिल करें। इसके लिए आप बादाम, अखरोट, चिया सीड्स, अलसी के बीज, कद्दू के बीज और सूरजमुखी के बीज खा सकते हैं। इनके अलावा नारियल पानी, नींबू पानी, घर में बना ताजा सूप, छाछ और ग्रीन टी जैसे पेय पदार्थों का अधिक सेवन करें। प्रतिदिन 2- 2.5 लीटर पानी पीना भी सुनिश्चित करें।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।