Stroke in Women: पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा है स्ट्रोक का खतरा, जानें इसके रिस्क फैक्टर्स
Stroke in Women स्ट्रोक एक गंभीर बीमारी है जो कई बार जानलेवा तक साबित हो सकती है। यह किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है। हालांकि महिलाएं इससे ज्यादा प्रभावित होती है। ऐसे में जरूरी है कि इसके कुछ रिस्क फैक्टर्स की सही जानकारी हो ताकि समय रहते इससे अपना बचाव किया जा सके। आइए जानते हैं स्ट्रोक के कुछ रिस्क फैक्टर्स-
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Stroke in Women: तेजी से बदलती लाइफस्टाइल लोगों को कई समस्याओं का शिकार बना रही है। बढ़ता वर्क प्रेशर और खानपान की गलत आदतें सेहत पर बुरा प्रभाव डाल रही हैं, जिससे इन दिनों लोग कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। स्ट्रोक इन्हीं बीमारी में से एक है, जो दुनियाभर में स्ट्रोक में मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है। यह बीमारी किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती हैं, लेकिन महिलाएं इसका ज्यादा शिकार होती हैं।
हाल ही के कुछ अध्ययनों में यह सामने आया है कि महिलाओं में स्ट्रोक की घटनाएं कम उम्र के पुरुषों की तुलना में अधिक या तुलनीय हैं, लेकिन बाद में, पुरुषों में मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं की तुलना में स्ट्रोक की घटनाएं अधिक होती हैं। 85 वर्ष से कम उम्र के ज्यादातर आयु वर्ग के पुरुषों में स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है, लेकिन इस उम्र के बाद आंकड़े उलट जाते हैं और महिलाओं में जोखिम कहीं अधिक बढ़ जाता है। आइए जानते हैं महिलाओं के लिए स्ट्रोक के रिस्क फैक्टर्स और इसके लक्षण-
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हाई ब्लड प्रेशर
हाई ब्लड प्रेशर महिलाओं में स्ट्रोक का प्रमुख कारण है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) के अनुसार, तीन में से एक महिला को स्टेज 2 हाई बीपी (140/90 mmHg से अधिक या उसके बराबर) होता है, लेकिन सिर्फ आधे में ही यह नियंत्रण में होता है। हाई ब्लड प्रेशर ब्लड वेसल्स पर दबाव डालता है, जिससे वे फट सकती हैं।
प्रेग्नेंसी
प्रेग्नेंसी भी एक महिला के लिए स्ट्रोक का कारण बन सकता है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की वजह से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।उम्र
जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, स्ट्रोक का खतरा बढ़ता जाता है। आंकड़ों के मुताबिक महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक समय तक जीवित रहती हैं।