Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Stroke in Women: पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा है स्ट्रोक का खतरा, जानें इसके रिस्क फैक्टर्स

Stroke in Women स्ट्रोक एक गंभीर बीमारी है जो कई बार जानलेवा तक साबित हो सकती है। यह किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है। हालांकि महिलाएं इससे ज्यादा प्रभावित होती है। ऐसे में जरूरी है कि इसके कुछ रिस्क फैक्टर्स की सही जानकारी हो ताकि समय रहते इससे अपना बचाव किया जा सके। आइए जानते हैं स्ट्रोक के कुछ रिस्क फैक्टर्स-

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Sat, 06 Jan 2024 05:47 PM (IST)
Hero Image
महिलाओं में इस वजहों बढ़ जाता है स्ट्रोक का खतरा

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Stroke in Women: तेजी से बदलती लाइफस्टाइल लोगों को कई समस्याओं का शिकार बना रही है। बढ़ता वर्क प्रेशर और खानपान की गलत आदतें सेहत पर बुरा प्रभाव डाल रही हैं, जिससे इन दिनों लोग कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। स्ट्रोक इन्हीं बीमारी में से एक है, जो दुनियाभर में स्ट्रोक में मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है। यह बीमारी किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती हैं, लेकिन महिलाएं इसका ज्यादा शिकार होती हैं।

हाल ही के कुछ अध्ययनों में यह सामने आया है कि महिलाओं में स्ट्रोक की घटनाएं कम उम्र के पुरुषों की तुलना में अधिक या तुलनीय हैं, लेकिन बाद में, पुरुषों में मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं की तुलना में स्ट्रोक की घटनाएं अधिक होती हैं। 85 वर्ष से कम उम्र के ज्यादातर आयु वर्ग के पुरुषों में स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है, लेकिन इस उम्र के बाद आंकड़े उलट जाते हैं और महिलाओं में जोखिम कहीं अधिक बढ़ जाता है। आइए जानते हैं महिलाओं के लिए स्ट्रोक के रिस्क फैक्टर्स और इसके लक्षण-

यह भी पढ़ें- नींद में खलल बढ़ा सकता है डिमेंशिया का खतरा, ताजा स्टडी में सामने आई वजह

हाई ब्लड प्रेशर

हाई ब्लड प्रेशर महिलाओं में स्ट्रोक का प्रमुख कारण है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) के अनुसार, तीन में से एक महिला को स्टेज 2 हाई बीपी (140/90 mmHg से अधिक या उसके बराबर) होता है, लेकिन सिर्फ आधे में ही यह नियंत्रण में होता है। हाई ब्लड प्रेशर ब्लड वेसल्स पर दबाव डालता है, जिससे वे फट सकती हैं।

प्रेग्नेंसी

प्रेग्नेंसी भी एक महिला के लिए स्ट्रोक का कारण बन सकता है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की वजह से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

उम्र

जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, स्ट्रोक का खतरा बढ़ता जाता है। आंकड़ों के मुताबिक महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक समय तक जीवित रहती हैं।

माइग्रेन

माइग्रेन पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा आम है। माइग्रेन, विशेष रूप से माइग्रेन ओरा, इस्केमिक स्ट्रोक के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है। खासकर अगर आप धूम्रपान करती हैं या बर्थ कॉन्ट्रेसेप्टिक पिल्स का इस्तेमाल करती हैं।

हार्मोनल दवाएं

जो महिलाएं पहले से ही स्ट्रोक के हाई रिस्क में हैं, उनके लिए गर्भनिरोधक गोलियां लेने से यह जोखिम बढ़ सकता है, खासकर यदि अगर धूम्रपान करती हों। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी से स्ट्रोक का खतरा थोड़ा बढ़ जाता है, क्योंकि इससे खून के थक्के बन सकते हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।

एट्रिअल फिब्रिलेशन

यह अनियमित दिल की धड़कन, जिसे एएफआईबी (AFib) भी कहा जाता है, 75 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में स्ट्रोक का खतरा 20 प्रतिशत तक बढ़ा देता है।

यह भी पढ़ें- सर्दियों में स्किन के लिए वरदान है सेलेरी जूस, तो इन 5 वजहों से करें इसे डाइट में शामिल

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik