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Computer Vision Syndrome: स्क्रीन का ज्यादा इस्तेमाल बन सकता है कंप्यूटर विजन सिंड्रोम की वजह, जानें कारण

Computer Vision Syndrome बच्चे हो या बड़े इन दिन हर कोई अपना ज्यादातर समय स्क्रीम के आगे बिता रहा है। ऑफिस वर्क हो या स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई लोग लगातार मोबाइल और कंप्यूटर पर अपना समय बिता रहे हैं। ऐसे में ज्यादा स्क्रीन के इस्तेमाल से कंप्यूटर विजन सिंड्रोम (सीवीएस) का खतरा बढ़ सकता है। आइए जानते हैं इसके लक्षण और बचाव के तरीकें-

By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Thu, 05 Oct 2023 01:13 PM (IST)
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ऐसे करें कंप्यूटर विजन सिंड्रोम से अपना बचाव
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Computer Vision Syndrome: इन दिनों लोग अपना ज्यादातर समय टेक्नोलॉजी के बीच बिता रहे हैं। बच्चे हो या बड़े आजकल हर कोई दिन भर अलग-अलग तरह के गेजेट्स का इस्तेमाल करता रहता है। खासतौर पर मोबाइल-लैपटॉप या कंप्यूटर आजकल लोगों के जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है। ऑफिस वर्क हो या स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई लोग कई वजहों से अक्सर इनका इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, लगातार स्क्रीन का इस्तेमाल हमारी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।

स्क्रीन्स और गेजेट्स का बढ़ता इस्तेमाल कंप्यूटर विजन सिंड्रोम (सीवीएस) जैसी गंभीर समस्या की वजह बनती जा रही है। मौजूदा समय में दुनियाभर में लाखों लोग इससे प्रभावित हैं। यह समस्या व्यक्ति की प्रोडक्टिविटी और क्वालिटी दोनों का खराब करती है। हाल ही में इसे लेकर हुए एक अध्ययन में इसकी व्यापकता पर प्रकाश डाला गया है। स्टडी में पता चला कि ज्यादातर लोग लंबे समय तक स्क्रीन का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें मस्कुलोस्केलेटल और नेत्र संबंधी समस्याओं का शिकार हो रहे हैं। आइए जानते हैं कंप्यूटर विजन सिंड्रोम (सीवीएस) से जुड़ी जरूरी बातें-

सीवीएस के कारण क्या है?

सीवीएस के कई कारण हो सकते हैं। इसका प्राथमिक कारण डिजिटल डिवाइज का लंबे समय तक इस्तेमाल करना है, जिससे खुजली, ब्लर या डबल विजन, आंखों में दर्द, सिरदर्द, पीठ दर्द, गर्दन और कंधे में दर्द और हाथों या उंगलियों का सुन्न होना जैसे कई लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा कंप्यूटर या स्क्रीन के ज्यादा इस्तेमाल से नींद संबंधी विकार हो सकते हैं।

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सीवीएस के लक्षण

सीवीएस के लक्षण किसी भी व्यक्ति के मूड पर प्रभाव डाल सकते हैं, जिसकी वजह से प्रेरणा, नौकरी से संतुष्टि और व्यक्ति के पूरे साइकोलॉजिकल बिहेवियर पर असर डालती है। इसके अलावा ज्यादा स्क्रीन इस्तेमाल करने से नींद का पैटर्न भी खराब होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट मेलाटोनिन के सिंथसिस में बाधा डाल सकती है, जो नींद को नियंत्रित करने वाला एक जरूरी हार्मोन है। ऐसे में आप कंप्यूटर विजन सिंड्रोम (सीवीएस) के जोखिम को कम करने के लिए निम्न उपाय अपना सकते हैं-

  • स्क्रीन टाइम सीमित करें- इन दिनों बच्चे अपना ज्यादातर समय मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बिताते हैं। ऐसे में छोटे बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम रोजाना एक या दो घंटे तक सीमित रखें।
  • सही पोश्चर और रोशनी वाली जगह में बैठें- अगर आप या आपका बच्चा स्क्रीन का इस्तेमाल कर रहा हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि इस दौरान आपके बैठने का पोश्चर सही हो और आप जहां स्क्रीन का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो वह रोशनी की सही व्यवस्थ हो।
  • सही दूरी बनाए रखें- कंप्यूटर विजन सिंड्रोम से बचने के लिए मॉनिटर और आंखों के स्तर के बीच 18 से 28 इंच की दूरी बनाए रखें। कुर्सी को इस तरह रखें कि आपके पैर जमीन पर हों और डेस्क पर आपके हाथ आराम से रहें।
  • नियमित आई टेस्ट कराएं- अगर आप या आपका बच्चा ज्यादातर समय स्क्रन का इस्तेमाल करता है, तो समय-समय पर आंखों की जांच जरूर कराते रहें, ताकि समय रहते किसी भी समस्या की पहचान की जा सके।
  • 20-20-20 नियम का पालन करें- अपनी आंखों का ख्याल रखने के लिए हर 20 मिनट में, कम से कम 20 फीट दूर किसी चीज को देखने के लिए 20 सेकंड का ब्रेक लें। इसके अलावा तनाव दूर करने और दर्द को कम करने के लिए गर्दन, बांहों, कंधों और पीठ के लिए रोजाना स्ट्रेचिंग करें।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik