World IVF Day: आईवीएफ का उपचार करा रहे कपल की डाइट में जरूर शामिल होनी चाहिए ये चीजें
World IVF Day चाहे आप लंबे समय से गर्भधारण का प्रयास कर रहे हों या फिर अभी-अभी आपने यह सफर शुरू किया हो अच्छी सेहत को प्राथमिकता देना जरूरी है। खुद को अपडेट रखना और जीने के सेहतमंद तरीकों को अपनाना काफी फायदा पहुंचा सकते हैं। आज यानी 25 जुलाई को World IVF Day मनाया जाता है तो आइए जानते हैं IVF कपल को किस तरह की डाइट लेनी चाहिए।
By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghUpdated: Tue, 25 Jul 2023 05:41 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World IVF Day: बांझपन (इनफर्टिलिटी) की समस्या तेजी से चिंता का विषय बनती जा रही है। विश्व स्वास्थ संगठन के आंकड़ों के अनुसार, पूरी दुनिया में यह समस्या लगभग 6 में से एक कपल को प्रभावित कर रही है। जिसकी वजह से प्रजनन उपचार, खासकर इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) तेजी से पॉपुलर हो रहा है और लोगों में इसे अपनाने में हिचकिचा भी नहीं रहे हैं। हालांकि, आईवीएफ प्रक्रिया को लेकर अभी भी कई भ्रांतियां हैं, खासकर खाने के तरीकों और लाइफस्टाइल में आने वाले बदलावों को लेकर। साथ ही गर्भावस्था का सफर आरामदायक हो, इसके लिए किस तरह की सावधानियां बरतनी है, इसे लेकर भी काफी उलझनें हैं।
आईवीएफ का उपचार करा रहे कपल की डाइट में शामिल होनी चाहिए ये चीजें
अनार: इसमें मौजूद ढेर सारे दानों की वजह से प्राचीन समय में अनार का संबंध प्रजनन और प्रसव से रहा है। अनार में काफी सारे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जोकि उस ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं। जिसका प्रजनन टिशूज और कोशिकाओं पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। फ्री रेडिकल्स को बेअसर करते हुए, एंटीऑक्सीडेंट्स एग्स और स्पर्म को क्षतिग्रस्त होने से बचाने में मदद कर सकते हैं और पूरी प्रजनन प्रक्रिया में सहयोग कर सकते हैं।
दालचीनी: ऐसा माना जाता है कि दालचीनी में इंसुलिन-संवेदनशीलता के गुण होते हैं, जोकि पीसीओएस की समस्या से जूझ रही महिलाओं के लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि आमतौर पर इंसुलिन प्रतिरोध इस समस्या से जुड़ा होता है। ओट्स के नाश्ते, दही या स्मूदीज में आप दालचीनी को छिड़क सकते हैं या फिर खाना पकाने के दौरान मसाले के रूप में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। दालचीनी जैसे बेहद फायदेमंद मसाले को अपने रोजमर्रा के खाने में शामिल करने के ये आसान और फायदेमंद तरीके हैं।
अखरोट- अखरोट पोषण से भरपूर होते हैं और दोनों ही तरह के फैटी एसिड, ओमेगा-3 तथा ओमेगा-6, के बहुत अच्छे स्रोत होते हैं। ये आवश्यक फैटी एसिड हॉर्मोन को नियंत्रित करते हुए प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और सूजन को कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं। महिलाओं में ओमेगा-3 यूट्राइन लाइनिंग की सेहत में मददगार हो सकता है और प्रजनन अंगों तक रक्त के संचार में सुधार ला सकता है। इससे गर्भधारण करने में काफी मदद मिल सकती है। पुरुषों में ओमेगा-3 का संबंध, स्पर्म की बेहतर क्वालिटी और उनकी गतिशीलता है। इन फैटी एसिड्स के फायदों को प्राप्त करने के लिए अखरोट को संतुलित आहार में शामिल करना एक आसान तरीका हो सकता है। इसे स्नैक के तौर पर लिया जा सकता है, सलाद, सीरियल, दही या फिर अलग-अलग रेसिपीज में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
बीन्स और दालें: बीन्स और दालें, हॉर्मोन की संतुलित स्थिति को पाने के लिए आवश्यक फाइबर और फोलेट के अच्छे स्रोत होते हैं। खासकर, दालों में पॉलीएमाइन की अच्छी मात्रा मौजूद होती है, जोकि स्पर्म-एग के निषेचन को बढ़ाने में मदद करती है। इसके अलावा, दालें और बीन्स में काफी मात्रा में प्रोटीन होता है जोकि ओव्युलेशन और प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक हो सकता है।
जिंक रिच फूड्स: हॉर्मोन को नियंत्रित करने में जिंक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो इसे प्रजनन की चुनौतियों से गुजर रहे कपल्स के लिए आवश्यक बनाता है। रोजाना के लिए आवश्यक जिंक की 15 ग्राम की मात्रा को पूरा करते हुए, प्रजनन स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। वैसे तो जिंक सप्लीमेंट के विकल्प मौजूद हैं, लेकिन प्राकृतिक स्रोतों से पोषण प्राप्त करना हमेशा ही अच्छा माना जाता है। अपने भोजन में जिंक के बेहतर स्रोतों अनाज, नट्स, डेयरी प्रोडक्ट्स, मीट से बनी चीजें और आलू को शामिल कर उसका फिर से मूल्यांकन करें।
फोलिक एसिड: भ्रूण के विकास में फोलिक एसिड की अहम भूमिका को देखते हुए, अक्सर ही इसे गर्भावस्था का सुपरहीरो कहा जाता है। गर्भावस्था के विभिन्न चरणों में यह बच्चों के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।हरी-पत्तेदार सब्जियां: हरी पत्तेदार सब्जियों को उनमें मौजूद पोषण की अत्यधिक मात्रा की वजह से प्रजनन को बेहतर बनाने वाले खाद्य पदार्थों में सबसे ऊपर माना गया है। एंटीऑक्सीडेंट, फोलिक एसिड और आयरन से भरपूर, यह किसी भी आहार मे शामिल करने के लिए बहुत ही अच्छा है।
अनन्नास: यह एक ऐसा फल है, जिसमें भरपूर मात्रा में मैंगनीज पाया जाता है। मैंगनीज को प्रजनन खनिज माना जाता है और यह प्रजनन की कई सारी कार्यप्रणालियों में अहम भूमिका निभाता है।सूरजमुखी के बीज: ये बीज ओमेगा-6 फैटी एसिड्स के बहुत ही महत्वपूर्ण स्रोत माने जाते हैं और इसमें कम लेकिन जरूरी मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड भी मौजूद होता हैद् जोकि प्रजनन के विकास में मदद करता है। इसके साथ ही सूरजमुखी के बीज, पुरुष और महिला प्रजनन के आवश्यक, फोलेट और सेलेनियम से भी भरपूर होते हैं।
शतावरी (एस्पेरेगस) : किसी की प्रजनन दर को बेहतर बनाने में सक्षम, शतावरी को पोषक तत्वों से भरपूर एक सुपरफूड माना जाता है।कॉफी और सोया: अत्यधिक मात्रा में कॉफी और सोया लेने से आपके प्रजनन स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, अपने गर्भावस्था के सफर के दौरान कैफीन की मात्रा को प्रतिदिन 200 मिलीग्राम (2 कप कॉफी के बराबर) तक सीमित रखना जरूरी है। यदि, कैफीन आवश्यक है तो 2 कप ब्लैक कॉफी ले सकते हैं। सोया से प्राप्त उत्पाद पुरुष तथा महिला की प्रजनन प्रक्रिया में बाधा पहुंचने के कारक माने जाते हैं।