Benefits Of Chana Dal: शुगर कंट्रोल करने से लेकर वेट लॉस तक, इन बीमारियों में फायदेमंद है चने की दाल
Benefits Of Chana Dal डाइट चार्ट की मानें तो चने की दाल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स 8 होता है। साथ ही फॉलिक एसिड पाया जाता है जो नई कोशिकाओं विशेष रूप से लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है।
By Pravin KumarEdited By: Updated: Thu, 24 Nov 2022 08:02 PM (IST)
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Benefits Of Chana Dal: चना दाल सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसके सेवन से मोटापा और मधुमेह में आराम मिलता है। साथ ही हड्डियां मजबूत होती हैं। इसमें आवश्यक पोषक तत्व फाइबर, आयरन, विटामिन, जिंक, कैल्शियम, प्रोटीन, फोलेट पाए जाते हैं, जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों में फायदेमंद होते हैं। अगर आप भी सेहतमंद रहना चाहते हैं, तो डाइट में चने की दाल जरूर शामिल करें। आइए जानते हैं-
शुगर कंट्रोल में रहता हैचने की दाल में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। साथ ही ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है। डाइट चार्ट की मानें तो चने की दाल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स 8 होता है। साथ ही फॉलिक एसिड पाया जाता है जो नई कोशिकाओं, विशेष रूप से लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। डायबिटीज के मरीज शुगर कंट्रोल करने के लिए चने के दाल का सेवन कर सकते हैं।
हड्डियां मजबूत होती हैं अगर हड्डियां मजबूत करना चाहते हैं, तो डाइट में चने की दाल को शामिल कर सकते हैं। चने की दाल में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा, पोटेशियम और मैग्नीशियम पाए जाते हैं, जो हड्डियों के लिए फायदेमंद होते हैं। आप चने की दाल, तड़का, सत्तू, बेसन आदि चीजों का सेवन कर सकते हैं।
वेट लॉस में मददगार अगर आप मोटापे से परेशान हैं और इससे निजात पाना चाहते हैं, तो चने को डाइट में शामिल कर सकते हैं। चने में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके लिए हेल्थ एक्सपर्ट्स भी बढ़ते वजन को कंट्रोल करने के लिए सत्तू पीने की सलाह देते हैं। इसके अलावा, चने की दाल का भी सेवन कर सकते हैं। कब्ज से मिलता है आराम
चने की दाल में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। फाइबर रिच फ़ूड के सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है। साथ ही पेट संबंधी विकार भी दूर होते हैं। चने की दाल के सेवन से कब्ज की समस्या दूर होती है। डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।