Marigold Flower Benefits: बवासीर से लेकर कमर दर्द तक, इन बीमारियों में फायदेमंद है गेंदे का फूल
Marigold Flower Benefits बवासीर दो प्रकार की होती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को मल त्यागने में दिक्कत होती है। साथ ही मल के साथ रक्त भी निकलता है। इस बीमारी के उपचार के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
By JagranEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 26 Sep 2022 09:29 PM (IST)
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Marigold Flower Benefits: खराब दिनचर्या, गलत खानपान, तनाव और अत्यधिक आराम की वजह से उच्च रक्तचाप, मोटापा, मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल, बवासीर समेत कई बीमारियां दस्तक देती हैं। इन बीमारियों से सेहत पर बुरा असर पड़ता है। लापरवाही बरतने पर ये बीमारियां खतरनाक रूप अख्तियार कर लेती हैं। इनमें एक रोग बवासीर है। यह बीमारी दो प्रकार की होती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को मल त्यागने में दिक्कत होती है। साथ ही मल के साथ रक्त भी निकलता है। इस बीमारी के उपचार के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। वहीं, खानपान और रहन सहन में व्यापक बदलाव कर बवासीर के प्रभाव को कम या समाप्त किया जा सकता है। इसके अलावा, गेंदे के फूल का रस भी बवासीर के लिए फायदेमंद होता है। आइए, इसके अन्य फायदे जानते हैं-
-हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो बवासीर की समस्या को दूर करने में गेंदे का फूल फायदेमंद होता है। इसके लिए रोजाना गेंदे के फूलों का रस सेवन करें। इससे बवासीर के दौरान रक्त निकलने की समस्या में बहुत जल्द आराम मिलता है। -महिलाओं को होने वाली माहवारी में गेंदे का फूल फायदेमंद होता है। रोजाना गेंदे के फूल के रस का सेवन करने से माहवारी में होने वाली समस्याओं में आराम मिलता है। इसके लिए गेंदे के फूल को घी के साथ मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
-कई शोधों में खुलासा हो चुका है कि गेंदे के फूल का रस कमर दर्द के लिए दवा समान है। इसके लिए गेंदे के फूल के रस से कमर की मालिश करें। इससे कमर दर्द में बहुत जल्द आराम मिलता है। -गेंदे के फूल में फ्लेवोनोइड्स पाया जाता है। ये कोलन कैंसर, ल्यूकेमिया और मेलेनोमा कोशिकाओं के खिलाफ फायदेमंद होता है। इसके लिए कैंसर की बीमारी में गेंदे का फूल फायदेमंद होता है।
-गेंदे की फूल की चाय बनाकर पीने से शरीर में मौजूद टॉक्सिन बाहर निकल जाता है। इसके लिए आप हर्बल टी में गेंदे की फूल की चाय का सेवन कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।