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Nutritional Deficiencies: मूड स्विंग्स की वजह बन सकती है डाइट में इन न्यूट्रिएंट्स की कमी

Nutritional Deficiencies सेहतमंद रहने के लिए सही खानपान बेहद जरूरी है। हम जो भी खाते हैं तो उसका असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। हमारी डाइट शारीरिक ही नहीं मानसिक रूप से भी हमें प्रभावित करती है। ऐसे में जरूरी है कि शरीर में सभी पोषक तत्वों की पूर्ति की जाए। आज इस आर्टिकल में जानेंगे कुछ ऐसे न्यूट्रिएंट्स के बारे में जिनकी कमी मूड स्विंग्स की वजह बनते हैं।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Fri, 05 Jan 2024 10:26 AM (IST)
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इन न्यूट्रिएंट्स की कमी से होते हैं मूड स्विंग्स
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Nutritional Deficiencies: हमारे खानपान का असर हमारी सेहत पर भी देखने को मिलता है। हम जो भी खाते हैं, वह न सिर्फ हमारे शारीरिक, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। इन दिनों लोगों की जीवनशैली तेजी से बदलने लगी है। काम के बढ़ता बोझ और दिनभर की भागदौड़ लोगों को कई समस्याओं का शिकार बना रही हैं। ऐसे में सही खानपान हमारे संपूर्ण विकास के लिए बेहद जरूरी है। अगर खानपान में कोई भी कमी रह जाए, तो इससे हमारी सेहत पर गहरा असर पड़ता है। इतना ही नहीं हमारे खानपान का सीधा असर हमारे मूड पर भी पड़ता है।

डाइट में कुछ पोषक तत्वों की कमी चिड़चिड़ेपन और मूड स्विंग्स की वजह बन सकता है। ऐसे में जरूरी है कि शरीर में इन पोषक तत्वों की कमी होने से रोका जाए, ताकि किसी भी तरह के मेंटल डिसऑर्डर से बचा जा सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे में न्यूट्रिशन्स के बारे में, जो बनते हैं मूड स्विंग्स की वजह-

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आयरन की कमी

शरीर में आयरन की कमी मूड स्विंग्स की वजह बन सकती है। आयरन खून में ऑक्सीजन परिवहन के लिए जरूरी है और इसकी कमी से एनीमिया हो सकता है। ऐसे में एनीमिया से पीड़ित लोगों के मस्तिष्क में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम होने के कारण थकान, चिड़चिड़ापन और मूड में बदलाव का अनुभव हो सकता है।

विटामिन बी की कमी

बी6, बी12 और फोलेट सहित विटामिन बी, नर्वस सिस्टम के सभी फंक्शन के लिए जरूरी है। शरीर में इसकी कमी से सेरोटोनिन और डोपामाइन का प्रोडक्शन प्रभावित होता है, जिससे मूड स्थिरता प्रभावित हो सकती है।

विटामिन डी की कमी

विटामिन डी विटामिन का एकमात्र ऐसा प्रकार है, जो एक भी हार्मोन है। यही वजह है कि विटामिन डी की कमी मूड विकारों से जुड़ा हुआ है। सूर्य की रोशनी के संपर्क में आना विटामिन डी की पूर्ति करने का सबसे अच्छा तरीका है।

मैग्नीशियम की कमी

मैग्नीशियम कई शारीरिक कार्यों के लिए जरूरी है, जिसमें न्यूरोट्रांसमीटर फंक्शन से जुड़े कार्य भी शामिल हैं। ऐसे में शरीर में मैग्नीशियम का कम स्तर एंग्जायटी, डिप्रेशन और उदासी का खतरा बढ़ा सकता है।

ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी

ऐसा माना जाता है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड, खासतौर पर ईपीए और डीएचए, डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं को रोकते हैं। ऐसे में अपने दैनिक आहार में ओमेगा-3 शामिल करने से अपने मूड से जुड़े विकारों को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। आप इसकी कमी पूरी करने के लिए फिश ऑयल, अलसी और अखरोट का सेवन कर सकते हैं।

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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik

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