Type 2 Diabetes में वजन बढ़ाने से कम हो सकता है मौत का खतरा, जानिए क्या कहती है स्टडी
अगर आप डायबिटीज की बीमारी से परेशान हैं तो ये आर्टिकल आप ही के लिए है। यहां हम एक ऐसी स्टडी के बारे में बताएंगे जिसे जानना शायद आपके लिए फायदे का सौदा भी साबित हो। खानपान से जुड़े तौर तरीकों में बदलाव करके इसे कंट्रोल करने के बारे में तो सभी कहते हैं लेकिन क्या आपने कभी वजन बढ़ाकर डायबिटीज को काबू में करने के बारे में सुना है?
आईएएनएस, नई दिल्ली। Type 2 Diabetes: डायबिटीज लाइफस्टाइल से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है, जिसे कंट्रोल करने के लिए खानपान से लेकर रहन-सहन तक, तमाम तरह के बदलावों की जरूरत होती है। ऐसे में अगर आपसे कहा जाए, कि थोड़ा वजन बढ़ाकर आप इससे होने वाली मौत के जोखिम को कम कर सकते हैं, तो सुनने में कैसा लगेगा? जी हां, दरअसल ये दावा हम नहीं, बल्कि ब्रिटेन से जुड़ी एक स्टडी में सामने आया है। आइए जान लीजिए इसके बारे में।
बॉडी मास इंडेक्स को लेकर सामने आई ये बात
ब्रिटेन बायोबैंक के हेल्थ डेटा से जुड़ी स्टडी में यह पाया गया है, कि 65 या उससे कम उम्र के वयस्कों के लिए बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 23-25 के सामान्य दायरे में रहने से मौत का जोखिम कम होता है, वहीं 65 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों के लिए 26-28 के बॉडी मास इंडेक्स के साथ थोड़े बढ़े हुए वजन के कारण टाइप 2 डायबिटीज से होने वाली मौत का जोखिम सबसे कम देखने को मिलता है।यह भी पढ़ें- एआई टूल से पता लग जाएगा हृदय रोग से होने वाली मौत का खतरा
65 के बाद थोड़ा बढ़ा हुआ वजन है फायदेमंद
शोध के मुख्य लेखक डॉ शाओयोंग जू का कहना है, कि यह रिसर्च इसलिए जरूरी है, क्योंकि टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए ऑप्टीमल बीएमआई उम्र के हिसाब से अलग-अलग होता है। उन्होंने कहा, स्टडी से पता चलता है कि 65 साल से ज्यादा की उम्र वाले जिन लोगों का वजन थोड़ा ज्यादा है, लेकिन वे मोटे नहीं है, तो उन्हें वेट लॉस करने के बजाय इसे बनाए रखना चाहिए, क्योंकि इससे दिल से जुड़ी बीमारियों से होने वाली मौत का रिस्क कम किया जा सकता है।22 हजार से ज्यादा लोगों पर हुई स्टडी
शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन बायोबैंक के 22 हजार 874 प्रतिभागियों पर यह स्टडी की है, जिन्हें पहले टाइप 2 डायबिटीज का पता चला था, इसमें उनकी उम्र के हिसाब से बीएमआई और हार्ट डिजीज से होने वाली मौत के जोखिम का पता लगाया है। स्टडी में शामिल सभी प्रतिभागियों की औसत उम्र 59 साल थी, और इसमें 59 प्रतिशत महिलाएं थीं। शोधकर्ताओं ने दो एज ग्रुप्स में बुजुर्ग (65 वर्ष से ज्यादा) और मध्यम आयु वर्ग (65 वर्ष या उससे कम उम्र) में डेटा का विश्लेषण किया। हालांकि उनका कहना है, कि आगे चलकर इसके जोखिम को और कम करने के लिए सेंट्रल ओबेसिटी के और तरीकों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें- नहीं होना चाहते कम उम्र में डायबिटीज का शिकार, तो लाइफ में लाएं ये 8 बदलावDisclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।Picture Courtesy: Freepik