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जरूरी खबर! Gen X और Millennials को ज्यादा रहता है 17 तरह के कैंसर का खतरा

Cancer एक गंभीर बीमारी है जो दुनिया में किसी को भी अपना शिकार बना सकती है। आमतौर पर खराब लाइफस्टाइल इसकी मुख्य वजह होती है। हालांकि इसी बीच अब कैंसर को लेकर एर ताजा स्टडी सामने आई है जो काफी हैरान करने वाली है। इस नए अध्ययन के मुताबिक जेनरेशन एक्स (जेन एक्स) और मिलेनियल्स लोगों को 17 तरह के कैंसर का खतरा ज्यादा होता है।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Fri, 02 Aug 2024 05:55 PM (IST)
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कैंसर पर सामने आई ताजा स्टडी (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कैंसर इन दिनों पूरी दुनिया में परेशानी की वजह बना हुआ है। यह एक गंभीर बीमारी है, जो इलाज के अभाव में जानलेवा तक साबित हो सकती है। यही वजह है कि इससे बचाव के लिए समय रहते इसकी पहचान और फिर सही इलाज बेहद जरूरी है। इसी बीच अब हाल ही में कैंसर को लेकर एक चौंकाने वाली स्टडी सामने आई है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के शोधकर्ताओं के इस नए अध्ययन में पता चला कि जेनरेशन एक्स (जेन एक्स) और मिलेनियल्स लोगों को 17 तरह के कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। आइए विस्तार में जानते हैं इस ताजा स्टडी के बारे में-

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क्या कहती है स्टडी?

द लैंसेट पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित इस नए अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 34 तरह के कैंसर से पीड़ित 23 मिलियन यानी 2.30 करोड़ से ज्यादा मरीजों और 25 प्रकार के कैंसर से मरने वाले 7 मिलियन यानी 70 साल से ज्यादा लोगों के डेटा का इस्तेमाल किया। इस स्टडी में शामिल इन लोगों की उम्र साल 2000 से 2019 तक 25 से 84 वर्ष थी। इस दौरान शोधकर्ताओं ने 1920 से 1990 तक, जन्म के वर्षों के आधार पर कैंसर होने की दर और कैंसर से होने वाली मौत की दर की गणना की।

इन लोगों को कैंसर का खतरा ज्यादा

इसमें पता चला कि 1950 के दशक के अंत की तुलना में 1990 के दशक की शुरुआत में जन्में लोगों में छोटी आंत, किडनी और पैनक्रियाज के कैंसर के मामले दो से तीन गुना ज्यादा थे। साथ ही 50 के दशक में पैदा हुई महिलाओं में मिलेनियल्स की तुलना में लिवर, ओरल और गले के कैंसर का खतरा कम था। हालांकि, अगर आप 1950 के दशक में पैदा हुई हैं, तो आपको गर्भाशय कैंसर यानी यूटेरिन कैंसर का खतरा 169% ज्यादा है।

ये 17 कैंसर हैं आम

स्टडी में सामने आए इन 17 तरह के कैंसर में महिलाओं में गैस्ट्रिक कार्डिया, छोटी आंत, महिलाओं में एस्ट्रोजन रिसेप्टर पॉजिटिव ब्रेस्ट, ओवरी, लिवर और इंट्राहेपेटिक बाइल डक्ट, महिलाओं में नॉन-HPV- असोसिएटिव ओरल और फैरिक्स कैंसर शामिल हैं। वहीं, पुरुषों में एनल, कोलन और रेक्टल, यूटेरिन कॉर्पस, गॉल ब्लेडर और अन्य बाइल, किडनी और रीनल पेल्विस, पैनक्रियाज, मायलोमा, नॉन-कार्डिया गैस्ट्रिक, टेस्टिस, ल्यूकेमिया और कपोसी सारकोमा शामिल हैं।

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