Gums Health: मसूड़े का रंग बताता है ओरल हेल्थ का हाल, आप भी करें पहचान
Gums Health एक स्वस्थ शरीर का मतलब केवल दिल गुर्दे और हड्डियों से ही नहीं होता बल्कि इसमें मसूड़ों का स्वास्थ्य भी शामिल है। हालांकि शरीर के इस प्रमुख हिस्से पर लोगों का ध्यान बहुत कम ही जाता है जिसकी वजह से इसी ठीक से देखभाल नहीं हो पाती। आज हम आपको मसूड़ों के अलग-अलग रंगों और उनके पीथे के कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं।
By Ritu ShawEdited By: Ritu ShawUpdated: Sun, 09 Jul 2023 07:31 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Gums Health: मसूड़ों का स्वस्थ होना उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कि शरीर का कोई भी अन्य हिस्सा। हालांकि, यह मसूड़ों की बदनसीबी है कि उनके बारे में सबसे कम चर्चा की जाती है। यही वजह है कि बहुत कम ही लोगों को हेल्दी गम्स के बारे में जानकारी होती है और वह समय रहते इस समस् को गंभीर होने से बचा पाते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि कैसे मसूड़े के रंग हमें अपनी सेहत के बारे में बताते हैं और आप उन्हें पहचानकर किस तरह पता लगा सकते हैं कि आपके मसूड़े हेल्दी हैं या नहीं।
स्वस्थ मसूड़ों की पहचान कैसे करें?
बहुत कम ही लोग जानते हैं कि मसूड़ों का रंग उनके स्वास्थ्य का संकेत देते हैं। शरीर के बाकी हिस्सों का स्वास्थ्य सीधे तौर पर मौखिक स्वास्थ्य की स्थिति से संबंधित है। मसूड़ों की बनावट या उसके रंग में किसी भी तरह के बदलाव का मतलब यह हो सकता है कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है।
स्वस्थ मसूड़ों का रंग क्या होना चाहिए?
स्वस्थ मसूड़ों का रंग हल्का गुलाबी होना चाहिए और वे फूले हुए होने चाहिए और उनमें कोई ब्लीडिंग नहीं होनी चाहिए। सफेद या गहरा रंग, किसी तरह की ब्लीडिंग या उनका बैंगनी रंग होना मसूड़ों की बीमारी या संक्रमण का एक लक्षण हो सकता है।मसूड़ों का रंग और उसका मतलब
लाल मसूड़ेलाल मसूड़े आमतौर पर सूजे हुए दिखते हैं और बहुत संवेदनशील होते हैं। जब मसूड़े लाल हो जाते हैं, तो ब्रश करने, फ्लॉसिंग करने या इंटरडेंटल ब्रश का इस्तेमाल करने पर उनमें से खून आने लगता है। यह पेरियोडोंटल बीमारी का एक अचूक लक्षण है। इस संक्रमण को शुरू में मसूड़े की सूजन कहा जाता है, लेकिन अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो यह पीरियडोंटाइटिस में विकसित हो सकता है।
डार्क मसूड़ेजब मसूड़ों का रंग हल्का गहरा या भूरा हो जाता है, तो इसके दो संभावित कारण होते हैं। पहला, बहुत अधिक धूप में रहने के कारण हो सकता है, जो त्वचा के बाकी हिस्सों की तरह ही मसूड़ों को भी डार्क कर देता है। दूसरा कारण तंबाकू में मौजूद निकोटीन के कारण भी मसूड़ों का रंग खराब हो सकता है, जिसे 'स्मोकर्स मेलानोसिस' के नाम से जाना जाता है और यह उन लोगों को होता है जिन्हें धूम्रपान या तंबाकू की आदत होती है।
सफेद या पीले मसूड़ेअगर मसूड़े स्पष्ट रूप से पीले दिखने लगे हैं, तो समझ जाइये कि इसमें सूजन की शुरुआत होने लगी है और प्लाक बनना शुरू हो गया है। हालांकि, मसूड़ों के सफेद या पीले होने का एक अन्य कारण यह भी है कि व्यक्ति में आयरन की कमी हो रही है। वहीं, सफेद धब्बेदार मसूड़े मुंह के घावों या नासूर घावों के कारण हो सकते हैं। इसलिए मसूड़े का सामान्य रंग बदलकर कोई भी रंग नजर आने लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बैंगनी मसूड़ेजब मसूड़े की सूजन गंभीर हो जाती है, तो ये पूरी तरह से बैंगनी हो सकते हैं। कई बार यह मसूड़ों के कुछ हिस्सों में चोट लगने के कारण भी सकता है। पहले बैंगनी धब्बे उन क्षेत्रों में दिखाई देते हैं जहां संक्रमण टिशूज को अंदर तक प्रभावित कर चुका है। जब मसूड़े की सूजन पेरियोडोंटाइटिस या पेरियोडोंटल टिशूज की सूजन में विकसित हो जाती है, तब लाल मसूड़े पूरी तरह से बैंगनी हो जाते हैं, जिसमें गंभीर सूजन और लगातार ब्लीडिंग होती है।
भूरे मसूड़ेभूरे मसूड़े इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि इम्युनिटी कमजोर हो गई है। तनाव, हार्मोनल बदलाव या अत्यधिक धूम्रपान के कारण मसूड़े भूरे और सुस्त हो जाते हैं।कुछ बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण भी इसका कारण हो सकते हैं। संक्रमण के शुरुआती दौर में ही समस्या का जल्द से जल्द इलाज कर लेना चाहिए।