The Brain-Gut Connection: क्यों एंग्जायटी से पेट हो जाता है खराब? हैरान कर देगी इसकी वजह
क्या आप जानते हैं कि बहुत घबराहट होने या खुश होने पर आपके पेट में गुदगुदाहट जैसा महसूस होता है? या जब आप बहुत डाउन महसूस करते हैं तो कई बार पेट खराब हो जाता है या भूख नहीं लगती। ऐसा क्यों होता है? इसकी वजह बेहद दिलचस्प है और इसी (Gut-Brain Connection) के बारे में हम इस आर्टिकल में जानने की कोशिश करेंगे।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Health Care tips: क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि जब आपको बहुत घबराहट होती है या खुशी होती है, तो आपके पेट में एक अलग-सा एहसास होता है। ऐसा लगता है जैसे गुदगुदी-सी हो रही है। कई बार हमारे इमोशन्स हमारी भूख को भी प्रभावित करते हैं। लेकिन सच में तो पेट में तितलियां होती नहीं हैं और हमारे इमोशन्स का हमारे पाचन तंत्र से क्या लेना-देना है? तो आपको बता दें कि हमारे दिमाग और गट का आपस में सीधा संबंध (Gut-Brain Connection) है। इसी वजह से गट यानी आंत को दूसरा दिमाग भी कहा जाता है।
क्यों आंत को कहते हैं दूसरा दिमाग? (Gut-Brain Connection)
क्या आप इस बारे में जानते हैं कि ऐसा क्यों है? गट को हमारे शरीर का दूसरा दिमाग कहने के पीछे बेहद खास वजह है। आमतौर पर हम ऐसा मानते हैं कि हमारा दिमाग ही हमारे शरीर के सभी फैसले लेता है, जो काफी हद तक सही भी है। लेकिन आपको बता दें कि गट और दिमाग के बीच सबसे ज्यादा सीधे रूप से जुड़ी हुई नर्व्स हैं। ये नर्व्स दिमाग को गट की स्थिति के बारे में बताती हैं और आंतों को दिमाग की स्थिति के बारे में। इसलिए बेचैनी और घबराहट जैसी कई भावनाओं की वजह से आपके पेट में कुछ-कुछ होता है।
इस बात को आप यूं समझ सकते हैं कि दिमाग और गट के बीच दो तरफा संवाद होता है। यानी सिर्फ दिमाग ही सिग्नल नहीं भेजता, बल्कि गट भी दिमाग को सिग्नल भेजता है। इन मैसेजेस पर गट में मौजूद माइक्रोब्स का काफी गहरा प्रभाव पड़ता है। ये हमारा खाना पचाने के साथ-साथ शरीर में बनने वाले कई केमिकल को भी प्रभावित करते हैं। ये मूड और इमोशन्स को कंट्रोल करते हैं। इसलिए गट को दूसरा दिमाग कहा जाता है।
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इस बात से आप ये तो समझ ही गए होंगे कि आंत को हेल्दी रखना कितना जरूरी है। इसलिए हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने वाले हैं, जो आपके पाचन के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
गट हेल्थ को बेहतर बनाने के टिप्स (Healthy Gut Tips)
- प्रोबायोटिक्स खाएं- प्रोबायोटिक्स गुड बैक्टीरिया होते हैं, जो हमारे आंतों में पाए जाते हैं। उन्हें योगर्ट, फर्मेंटेड फूड आइटम्स जैसे कि सौकरकूट और किमची, और प्रोबायोटिक रिच फूड्स में पाया जा सकता है।
- प्रीबायोटिक्स खाएं- प्रीबायोटिक्स फाइबर का एक प्रकार है, जो आंत में रहने वाले गुड बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है। ये फल, सब्जियां, साबुत अनाज और पल्स में पाए जाते हैं।
- स्ट्रेस मैनेजमेंट करें- तनाव गट हेल्थ को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। इसलिए स्ट्रेस मैनेजमेंट तकनीकों जैसे योग, ध्यान और गहरी सांस लेने की प्रैक्टिस करें।
- पूरी नींद लें- भरपूर नींद हमारे पूरे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, और यह आंत के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है।
- एंटीबायोटिक दवाएं खुद से न लें- एंटीबायोटिक दवाएं आंत में रहने वाले सभी बैक्टीरिया, लाभकारी और हानिकारक दोनों को मार सकती हैं। यदि आपको एंटीबायोटिक दवा लेने की जरूरत है, तो अपने डॉक्टर से बात करें और उनके निर्देशों का पालन करें।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।