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Reused Cooking Oil: क्या आपको है अपने दिल और दिमाग से प्यार? तो कभी न करें तेल का दोबारा इस्तेमाल

बाहर के खाने में अक्सर एक ही तेल को दोबारा गर्म करके खाना बनाया जाता है। रीयूज किए गए तेल में डीप फ्राई किए गए खाने की वजह से सेहत को काफी नुकसान हो सकता है और लिवर व दिमाग को नुकसान पहुंचता है। आइए जानते हैं कैसे रीयूज किया गया तेल दिमाग और लिवर से जुड़ी बीमारियों की वजह बन सकता है।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Thu, 28 Mar 2024 05:42 PM (IST)
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कुकिंग ऑयल का दोबारा इस्तेमाल करने से हो सकती हैं कई बीमारियां
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Reused Cooking Oil: हम अक्सर कई ऐसी चीजें खाते हैं, जिसमें तेल का इस्तेमाल होता है। भारतीय व्यंजनों में तला-भुना खाना, जैसे पकौड़े, पुरी, भटूरे आदि काफी को लोग बड़े चाव से खाना पसंद करते हैं। बाहर मिलने वाले जंक फूड में एक ही तेल को कई बार इस्तेमाल किया जाता है, यानी तेल की बचत के लिए इसे रीयूज किया जाता है। आमतौर पर छोले भटूरे, फ्रेंच फ्राइज जैसी डिशेज को हर बार डीप फ्राई करने के लिए नया तेल नहीं इस्तेमाल किया जाता। इसके पीछे का मकसद तेल की खपत को कम करके पैसे बचाना होता है, लेकिन इसका खामियाजा आपको अपनी सेहत से चुकाना पड़ सकता है।

क्या पाया गया स्टडी में? 

हाल ही में आई एक स्टडी में पाया गया है कि इस्तेमाल किए हुए तेल को रीयूज करने से न्यूरोडिजेनेरेटिव बीमारियों का स्तर बढ़ जाता है। न्यूरोडिजेनेरेटिव डिजीज नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारियां होती हैं। यह स्टडी चूहों में की गई और पाया गया कि जिन चूहों को दोबारा इस्तेमाल किया गया तेल खिलाया गया, उनमें मानक आहार वाले चूहों की तुलना में न्यूरोडिजेनेरेटिव डिजीज का स्तर काफी ज्यादा था।

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क्यों नहीं करना चाहिए कुकिंग ऑयल रीयूज?

इसके पीछे का कारण यह पाया गया कि रीयूज हुए तेल के इस्तेमाल से लिवर, ब्रेन और गट एक्सिस में गड़बड़ी हो सकती है। हमारे गट के कई नर्वस दिमाग से सीधे जुड़े होते हैं, इस कारण एक ही तेल को बार-बार गर्म कर बनाया गया खाना खाने की वजह से न्यूरोडिजेनेरेटिव बीमारियां हो सकती हैं। रियूज किए गए तेल को खाने की वजह से लिवर में सूजन और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है, जिस कारण दिमाग की सेहत प्रभावित होती है।

क्या होते हैं नुकसान?

  • इस स्टडी से पता चला कि दोबारा गर्म किए गए तेल को खाने से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर में काफी वृद्धि होती है।
  • कुकिंग ऑयल के दोबारा इस्तेमाल से इंफ्लेमेशन भी बढ़ता है, जिससे लिवर और कोलोन का काफी नुकसान होता है।
  • यह दिल की बीमारियां और मेटाबॉलिक डिजीज का कारण भी बन सकता है।
  • कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने की वजह से दोबारा गर्म किया गया तेल लिवर के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकता है। इस वजह से नॉन एल्कोहोलिक फैटी लिवर और कोई अन्य क्रॉनिक लिवर डिजीज भी हो सकता है।

कैसे रखें लिवर का ख्याल?

कुकिंग ऑयल को रीयूज करने से सबसे लिवर प्रभावित होता है। अपनी डाइट में ऐसी चीजों को शामिल करें, जिससे लिवर को फायदा पहुंचे। साथ ही, लाइफस्टाइल में हेल्दी बदलाव लाकर भी लिवर को हेल्दी रखने में मदद मिल सकती है।

ओमेगा-3 फैटी एसिड, जैसे हेल्दी फैट की मदद से लिवर हेल्दी रहता है। साथ ही, इससे इंफ्लेमेशन कम करने में भी मदद मिलती है। इसके अलावा, एक्सरसाइज करें और शराब और ज्यादा तले-भुने खाने से दूरी बना कर रखें। 

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Picture Courtesy: Freepik

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