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रोजाना खाते हैं सरसों तेल में पका खाना, तो पड़ सकते हैं बीमार, जानिए क्या हैं इसके नुकसान

सरसों तेल का इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है। खाने बनाने से लेकर बच्चों के हाथ-पैर की मालिश करने तक इसका खूब इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लंबे समय तक सरसों के तेल में खाना बनाने से आपकी सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। आइए जानें कैसे सरसों का तेल सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।

By Jagran News Edited By: Swati Sharma Updated: Sat, 20 Jul 2024 09:28 PM (IST)
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सरसों के तेल का ज्यादा सेवन है सेहत के लिए हानिकारक (Picture Courtesy: Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Harms of Mustard Oil: रोजाना खाना पकाने के लिए घरों में तेल या घी का इस्तेमाल होता है, जिनमें कई लोग खाना बनाने के लिए सरसों के तेल का इस्तेमाल करते हैं। सरसों के तेल में खाना पकाना हेल्दी होता है और ये खाने को एक नया फ्लेवर भी देता है। आयुर्वेद में भी सरसों के तेल का इस्तेमाल दवाओं में और उपचार में किया जाता है। पैरों का दर्द हो या बालों के घना बनना हो सरसों का तेल रामबाण माना जाता है। हालांकि, रोजाना खाना पकाने के लिए सरसों के तेल का इस्तेमाल करना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। जी हां, सरसों के तेल का अधिक सेवन कई तरह से आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। आइए जानते हैं इनके बारे में।

पाचन संबंधी समस्याएं

रोजाना खाना पकाने के लिए सरसों के तेल का इस्तेमाल करना कुछ लोगों के लिए पाचन संबंधई समस्याएं पैदा कर सकता है। सरसों तेल का अधिक सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं जैसे कि अपच, गैस या पेट दर्द हो सकता है। इसलिए रोजाना इसका सेवन करने से बचना चाहिए।

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वजन बढ़ना

सरसों तेल में अधिक मात्रा में फैट होता है, जिसका अधिक सेवन वजन बढ़ने का कारण बन सकता है। यदि आप इसे अधिक मात्रा में उपयोग करते हैं, तो वजन नियंत्रित रखने में मुश्किल हो सकती है।

एलर्जी

सरसों के तेल का सेवन करने से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है। यह त्वचा में खुजली, चकत्ते या आंतों में सूजन के रूप में सामने आती है।

हृदय रोग

रोजाना या अधिक मात्रा में सरसों तेल खाने से हृदय रोगों का जोखिम बढ़ सकता है, क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में एरुसिक एसिड होता है, जो हार्ट की मांसपेशियों में फैट्स को जमा करता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

हार्मोनल इम्बैलेंस

सरसों तेल में मौजूद फैट और एरुसिक एसिड आपके हार्मोनल स्तर को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे शरीर में कई प्रकियाओं में असंतुलन हो सकता है।

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