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आप भी एंजॉय करते हैं बारिश में भीगना? तो इससे होने वाली इन 5 बीमारियों के बारे में भी जान लें!

क्या आप भी बारिश शुरू होते ही खुद को भीगने से नहीं रोक पाते? अगर हां तो आपको थोड़ा सावधान भी हो जाना चाहिए। बारिश में भीगना जितना मजेदार हो सकता है उतना ही सेहत के लिए नुकसानदायक भी। बारिश में भीगने की वजह से कई परेशानियां (Monsoon Disease) हो सकती हैं जिनसे बचना जरूरी है। आइए जानें बारिश में भीगने से होने वाले नुकसानों के बारे में।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Mon, 12 Aug 2024 01:46 PM (IST)
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बारिश में भीगने से पहले जान लें ये बातें (Picture Courtesy: Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Health Problems Due to Rain: तपती गर्मी के बाद बारिश की फुहार लोगों के लिए राहत की सांस जैसी होती है। बारिश से न केवल मौसम सुहाना होता है, बल्कि लोगों का मूड भी काफी अच्छा हो जाता है। ज्यादातर लोगों को बारिश में भीगना बहुत पसंद भी होता है। इसलिए बारिश की चंद बूंदे पड़ी नहीं कि वे अपने घरों से बाहर निकलकर बरसात का मजा लेने से नहीं चूकते। बारिश में नहाने का अपना मजा जरूर है, लेकिन इससे कई तरह की बीमारियों का शिकार भी होना आसान हो जाता है। इसलिए अगर आप भी आजकल बारिश में खूब बीग रहे हैं, तो यह आर्टिकल जरूर पढ़ें।

फेफड़ों से जुड़ी परेशानियां

बारिश के पानी में हवा में मौजूद प्रदूषण भी घुल जाता है, जो निमोनिया, अस्थमा और ब्रॉनकाइटिस जैसी समस्याओं का कारण बनता है। खासकर अगर आपको अक्सर सांस से जुड़ी समस्याएं रहती हैं, तो आपको बारिश में ज्यादा भीगने से बचना चाहिए। बारिश में भीग जाने के बाद अगर आपको सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही है, तो आपको फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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स्किन इन्फेक्शन

मानसून में होने वाली नमी में बैक्टीरिया, वायरस और फंगस को एक परफेक्ट वातारण मिलता है। मौसम में नमी बढ़ने की वजह से इनके संक्रमण में भी तेजी आने लगती है। यही वजह है कि कई लोगों को बारिश में भीगने के बाद स्किन रैश, एलर्जी और डर्मेटाइटिस जैसी समस्याएं होने लगती हैं। अगर आपको पहले से एक्जीमा या सोरोसिस जैसी कोई समस्या है, तो बारिश में बिल्कुल न भीगें। इससे बचने के लिए रेनकोट, वॉटर प्रूफ बूट्स आदि पहनें और अगर आप बारिश में भीग भी गए हैं, तो घर पहुंचते ही तुरंत नहाएं और कपड़े बदलें। स्किन इन्फेक्शन की संभावना होने पर डॉक्टर को दिखाएं।

हाइपोथर्मिया

हाइपोथर्मिया यानी भीगने से शरीर का तापमान काफी कम हो जाना। बारिश के ठंडे-ठंडे पानी में ज्यादा समय तक भीगने के कारण या देर तक गीले कपड़ों में रहने की वजह से शरीर का तापमान कम होने लगता है, जो एक जानलेवा स्तर पर भी पहुंच सकता है। इसलिए बारिश में भीगने के बाद अगर कंपकंपी या सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं हो, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से मदद लें। 

लेप्टोस्पाइरोसिस

लेप्टोस्पाइरोसिस एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन है, जो गंदे पानी में भीगने या किसी जानवर के यूरिन के संपर्क में आने के कारण हो सकता है। अगर दूषित पानी गलती से मुंह, कान, नाक या शरीर पर लगी किसी चोट पर लग जाए, तो ये बीमारी आपको अपना शिकार बना सकती है। इसमें बुखार, पेट दर्द, आंखों का लाल होना, पेट दर्द, मितली और स्किन रैश जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

चोट लग सकती है

बारिश का पानी सड़क को चिकना बना देता है, जिससे फिसलने और गिरने का खतरा बढ़ जाता है। यह दिक्कत खासकर बुजुर्गों और बच्चों के साथ ज्यादा रहती है। इसके अलावा, सड़कों पर भरे पानी के कारण गड्ढे और नाले नजर नहीं आते और आप इनमें गिर सकते हैं। इसलिए जिन इलाकों में ज्यादा बारिश का पानी भर गया है, वहां जानें से बचें। बारिश के पानी में गिरे हुए बिजली की तारों से भी दूर रहें, इनसे करंट लगने का खतरा रहता है।

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