Health Tips: कोल्ड और फ्लू, जानें इनके बीच का अंतर, लक्षण और बचाव
Health Tips किसी को जुकाम है या फिर फ्लू इसकी तत्काल पहचान करने के लिये उचित चिकित्सकीय सहायता लेने की जरूरत है। ये अच्छी बात है कि इन दोनों के बीच कुछ स्पष्ट फर्क हैं जिन्हें दिमाग में रखना जरूरी है।
By Priyanka SinghEdited By: Updated: Wed, 07 Sep 2022 07:06 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Health Tips: मानसून का मौसम आने और स्टूडेंट्स के फिर से स्कूल लौटने के साथ, आम सर्दी और फ्लू (इंफ्लूएंजा) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हालांकि, दोनों में एक जैसी परेशानियां होने से श्वसन से जुड़ी इन दो वायरल बीमारियों के बीच अंतर कर पाना मुश्किल हो सकता है। हम कई बार लक्षणों को पहचानने में मात खा जाते हैं।
डॉ. अगम वोरा, चेस्ट फिजिशियन, एडवांस्ड मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल्स, विले पार्ले (वेस्ट)। एसोसिएट, ऑनर्स एवं प्रभारी, चेस्ट एंड टीबी डिपार्टमेंट, डॉ. आर.एन. कूपर, म्युनिसिपल जनरल हॉस्पिटल का कहना है, “मानसून के दौरान मौसम में बदलाव और अचानक वातावरण बदल जाने से, हमें आम सर्दी- जुकाम से लेकर फ्लू जैसे कई तरह के वायरल इंफेक्शन देखने को मिलते हैं। समस्याओं को प्रभावी तरीके से ठीक करने और रिकवरी की प्रक्रिया को तेज करने के लिये भी खासकर उनके बीच के अंतर को समझना बहुत जरूरी है । इन मौसमी संक्रमणों से बचने के लिये बचाव के उपायों को समझना और उन्हें अपनाना भी बहुत जरूरी है ताकि लोग स्वस्थ और सुरक्षित रह सकें।”
जुकाम और फ्लू के बीच चार प्रमुख अंतर
1. वैसे तो दोनों ही एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हवा द्वारा, संपर्क में आने और शरीर से निकलने वाले तत्वों (जैसे लार या खांसने या छींकने से निकलने वाला पानी) से आसानी से फैल जाता है, लेकिन ये दो अलग- अलग वायरस की वजह से होता है। ये फ्लू, खासतौर से इंफ्लूएंजा वायरस के अलग-अलग स्ट्रेन या प्रकारों की वजह से होता है। वहीं आम सर्दी-जुकाम, कई तरह के वायरस की वजह से हो सकता है, जिनमें से सबसे आम राइनोवायरस है। यदि किसी को फ्लू की समस्या है तो उसे डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है। वे व्यक्ति के लक्षणों का पता लगाएंगे और वायरस की प्रकृति का पता लगाने के लिये जांच कराने की सलाह दे सकते हैं।2. दोनों ही समस्याओं में आम लक्षणों में, शरीर में ऐंठन, थकान, सिरदर्द, गले में खराश, कफ और नाक बंद होना या नाक बहना या भरी हुई नाक शामिल है। हालांकि, फ्लू में सर्दी से अलग बहुत ज्यादा बुखार भी होता है (कई बार 101 डिग्री फैरेनहाइट या उससे ज्यादा)। इसके अन्य लक्षणों में ठंड लगना (कंपकपी या थरथराहट), जोकि इंफ्लूएंजा में आम है लेकिन कोल्ड में नहीं। कुल मिलाकर, कोल्ड के लक्षण आमतौर पर फ्लू के लक्षणों से हल्के होते हैं।
3. इन दोनों समस्याओं में और भी अंतर है, कोल्ड के लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं, वहीं फ्लू के लक्षण अचानक शुरू हो जाते हैं और तेजी से बढ़ते हैं। कोल्ड के लक्षण एक हफ्ते में ठीक हो जाते हैं। वहीं, फ्लू दो से पांच दिनों में धीरे-धीरे ठीक हो जाता है, लेकिन इसका प्रभाव एक हफ्ते से ज्यादा समय तक रहता है।
4. कोल्ड की तुलना में फ्लू ज्यादा गंभीर परेशानियां खड़ी कर सकता है। इंफ्लूएंजा एक गंभीर समस्या बन सकती है, जिसमें अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ सकती है, खासकर ऐसे लोगों को जिनमें फेफड़े या दिल से जुड़ी समस्याएं, डायबिटीज या हाइपरटेंशन की परेशानी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, फ्लू के संक्रमण को रोकने के लिये टीकाकरण एक महत्वपूर्ण कदम है। इसे सालाना लगाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि फ्लू शॉट से इम्युन सुरक्षा, समय के साथ घट सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिशों के अनुसार सालाना शॉट्स, विकसित हो रहे इन्फ्लूएंजा वायरस से सुरक्षा बढ़ाते हैं, जो हर साल अपनी संरचना बदलता है। वहीं, सामान्य सर्दी से बचने का कोई टीका नहीं है, लेकिन इससे बचने के लिये पर्याप्त स्वच्छता बनाए रखना महत्वपूर्ण है।Pic credit- freepik