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Bone Health: हड्डियों को कमजोर बना रही हैं ये 7 आदतें, कहीं आप में भी तो नहीं?

Bone Health हड्डियों के कमजोर होने से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं जिसमें फ्रैक्चर होने का खतरा ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डी से संबंधित अन्य बीमारियों शामिल हैं। इससे बचने के लिए डाइट के अलावा लाइफस्टाइल में भी कुछ बदलाव करने जरूरी हैं।

By Ritu ShawEdited By: Ritu ShawUpdated: Sun, 21 May 2023 09:25 AM (IST)
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हड्डियों को कमजोर बना रही हैं ये 7 आदतें

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Bone Health: बचपन से हड्डियों के स्वास्थ्य पर जोर देने की बात कही जाती है। जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं हमारी हड्डियां मजबूत होती हैं लेकिन एक उम्र के बाद इनमें गिरावट आनी शुरू हो जाती है, जिसे रोकने के लिए हमें विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। हालांकि, खानपान के अलावा लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने की भी जरूरत होती है क्योंकि ये मजबूत हड्डियां ही हैं, जो बुढ़ापे में हमारे शरीर का बोझ उठाती हैं।

हड्डियों के कमजोर होने से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें फ्रैक्चर होने का खतरा, ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डी से संबंधित अन्य बीमारियों शामिल हैं। इसलिए जरूरी है कि डाइट में कैल्शियम रिच फूड्स को शामिल करने के अलावा रोज की आदतों में भी कुछ बदलाव किए जाएं। तो चलिए जानते हैं क्या हैं वो आदत, जो बोन्स को धीरे-धीरे कर रहे हैं कमजोर।

हड्डियों को नुकसान पहुंचाने वाली 7 आदतें

1. खराब डाइट

दुनिया भर में भारी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो सुबह काम की जल्दबाजी में घर से खाली पेट निकल जाते हैं या फिर एक कप कॉफी साथ रख लेते हैं। लेकिन शायद वो ये नहीं जानते कि जब हड्डियों की बात आती है, तो उन्हें हेल्दी बनाए रखने के लिए एक हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट बेहद जरूरी है। इसके अलावा प्रोसेस्ड फूड आइटम्स और कुछ सॉफ्ट ड्रिंक्स के अधिक इस्तेमाल से हड्डियों में सूजन की समस्या हो सकती है।

2. धूप की कमी

आप सोच रहे होंगे कि सूरज की किरणें तो हानिकारक होती हैं, फिर वो हड्डियों के लिए कैसे फायदेमंद हो सकती है। लेकिन सूरज की रोशनी शरीर को विटामिन डी बनाने में मदद करती है, जो कैल्शियम के अवशोषण और हड्डियों के विकास के लिए जरूरी है। शरीर को भरपूर मात्रा में सूरज की रोशनी न मिले तो विटामिन डी की कमी हो सकती है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। सूरज से विटामिन डी लेने के लिए बाहर समय बिताएं, खासकर सुबह की धूप लें। दोपहर की तेज धूप में सूरज की किरणें हानिकारक हो सकती हैं।

3. लगातार बैठे रहना

घंटों तक कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बैठे रहने से मांसपेशियां स्थिर हो जाती हैं और अचान उठने और हिलने के लिए हड्डियों को अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती है। ऐसा हर रोज करने से समय के साथ हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इसलिए मजबूत और स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखने के लिए नियमित कसरत और काम के बीच में कुछ मिनट का ब्रेक जरूरी है। इसके लिए वॉकिंग, रनिंग या फिर वेट लिफ्टिंग और स्ट्रेचिंग जैसी आदतें स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं।

4. स्मोकिंग

स्मोकिंग आज के मॉडर्न लाइफ को दर्शाने का तरीका बन चुका है। इसके अलावा कुछ लोग इसे स्ट्रेस कम करने का एक शानदार तरीका मान बैठे हैं। लेकिन शायद वो नहीं जानते हैं कि धूम्रपान केवल फेफड़े ही नहीं बल्कि शरीर के लगभग हर हिस्से के लिए हानिकारक है। स्मोकिंग हड्डियों के लिए जरूरी कैल्शियम और अन्य न्यूट्रिएंट्स को अवशोषित करने में बाधा डालता है। इसके अलावा बोन डेंसिटी को भी कम करता है, जिससे फ्रैक्चर का खतरा और भी बढ़ जाता है।

5. शराब पीने की आदत

दोस्तों के साथ पार्टी करना और शराब पीना भले ही मजेदार लगता हो, लेकिन यह हड्डियों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। अल्कोहल कैल्शियम को अवशोषित करने की शरीर की क्षमता में बाधा डालता है, जिससे वे कमजोर होते चले जाते हैं। इसके अलावा अल्कोहल बोन रीमॉडेलिंग को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे बोन डेंसिटी में कमी आ सकती है।

6. स्ट्रेस

जब व्यक्ति तनावग्रस्त होता है, तो शरीर कोर्टिसोल नाम का हार्मोन रिलीज करता है, जो हड्डियों को रीबिल्ड करने में बाधा डालता है। पुराने तनाव से हड्डियों की डेंसिटी भी कम होने लगती है और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अगली बार जब आप तनावग्रस्त हों, तो योग करें या फिर गहरी सांस लेकर अपने दिमाग को आराम देने की कोशिश करें।

7.ज्यादा कैफीन का इस्तेमाल

कॉफी लवर्स को ये बात परेशान कर सकती है, लेकिन शरीर में ज्यादा कैफीन की मात्रा हड्डियों को नुकसान पहुंचा सकती है। कॉफी और चाय के अलावा कुछ सॉफ्ट ड्रिंक्स में भी कैफीन पाए जाते हैं। हाई कैफीन के इस्तेमाल से शरीर कैल्शियम को ठीक से अब्सॉर्ब नहीं कर पाता, जिससे हड्डियों को नुकसान पहुंच सकता है।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik