हार्ट अटैक
हार्ट अटैक एक गंभीर समस्या है जो दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। हार्ट अटैक से जुड़े सभी सवालों के बारे में जानते हैं। जैसे हार्ट अटैक क्या होता है कैसे होता है और इसके कारण और उपचार क्या हैं।
By Ritu ShawEdited By: Ritu ShawUpdated: Mon, 13 Mar 2023 03:40 PM (IST)
हार्ट अटैक क्या है?
दिल का दौरा, जिसे मेडिकल भाषा में मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन भी कहा जाता है, तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों के एक हिस्से को पर्याप्त रक्त नहीं पहुंच पाता। रक्त के प्रवाह को बहाल करने के लिए उपचार के बिना हृदय की मांसपेशी जितने ज्यादा समय तक चलती है, उसे उतनी ही ज्यादा नुकसान होता है। कोरोनरी धमनी रोग, दिल के दौरे का सामान्य कारण है। ऐंठन या कोरोनरी धमनी का अचानक सिकुड़ने से हृदय की मांसपेशियों तक रक्त की आपूर्ति को रोकता है, यह भी दिल का दौरा पड़ने का एक कारण है।
हार्ट अटैक आने के क्या कारण हैं?
हार्ट अटैक का मुख्य कारण अनहेल्दी लाइफस्टाइल ही है, लेकिन इसमें कई अन्य कारण भी शामिल हैं। दिल के दौरे का प्रमुख कारण कोरोनरी हृदय रोग है। दिल तक पर्याप्त रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों में प्लाक के निर्माण के कारण ऐसा होता है। जब कोरोनरी धमनियां हृदय की मांसपेशियों तक रक्त प्रवाह की आपूर्ति नहीं कर पाती और फैट, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के जमने से सिकुड़ जाती हैं। इस धीमी प्रक्रिया को एथेरोस्क्लेरोसिस के रूप में जाना जाता है। जब हृदय की धमनी में पट्टिका टूट जाती है, तो चारों ओर रक्त के थक्के बन जाते हैं। यह रक्त के थक्के धमनी के माध्यम से हृदय की मांसपेशी में रक्त के प्रवाह को रोक सकते हैं।
दिल के दौरे के अन्य कारण
फटी हुई रक्त वाहिकाएंरक्त वाहिका में ऐंठननशीली दवाओं का दुरुपयोगरक्त में ऑक्सीजन की कमीदिल के दौरे के प्रकारType I : दिल का दौरा तब होता है जब धमनी की भीतरी दीवार पर पट्टिका फट जाती है और कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थ खून में मिल जाते हैं। यह तब रक्त का थक्का बना सकता है और धमनी को अवरुद्ध कर सकता है।
Type II : दिल के दौरे में हृदय को उतना ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं मिलता जितना उसे चाहिए, लेकिन धमनी का पूरी तरह से अवरोध नहीं होता है।हार्ट अटैक के लक्षणसीने में दर्द - छाती में दबाव, भारीपन या जकड़न का अहसासशरीर के अन्य हिस्सों में दर्द - ऐसा महसूस हो सकता है कि दर्द आपकी छाती से आपकी बाहों तक फैल रहा है (आमतौर पर बाएं हाथ, लेकिन यह दोनों हाथों को प्रभावित कर सकता है), जबड़ा, गर्दन, पीठ और पेट तक भी पहुंच सकता है
सिर चकराना या चक्कर आनापसीना आनासांस लेने में कठिनाईमतली या उल्टी आनाचिंता की अत्यधिक भावना (पैनिक अटैक के समान)खांसी या घरघराहटसीने में दर्द अक्सर गंभीर होता है, लेकिन कई बार ये अपच के समान ही मामूली दर्द का अनुभव हो सकता हैपुरुषों और महिलाओं दोनों में सबसे आम लक्षण सीने में दर्द है, महिलाओं में सांस की तकलीफ, महसूस करना या बीमार होना और पीठ या जबड़े में दर्द जैसे अन्य लक्षण होने की संभावना अधिक होती है।
हार्ट अटैक के जोखिम (रिस्क फैक्टर)सैचुरेटेड फैट्स, ट्रांस फैट्स, हाई कोलेस्ट्रॉल और बहुत अधिक नमक (सोडियम)पर्याप्त शारीरिक गतिविधि नहीं होनाबहुत अधिक शराब पीनातंबाकू का सेवनधूम्रपान करनापुराने धुएं के संपर्क में आने से धूम्रपान न करने वालों के लिए भी हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता हैहार्ट अटैक से बचाव
स्वस्थ, संतुलित आहार लें- आहार में पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करने का प्रयास करें। लीन प्रोटीन, साबुत अनाज, फल, सब्जियां, कम फैट वाले डेयरी उत्पाद, नट और बीज को शामिल करें। वसायुक्त, तले हुए खाद्य पदार्थों और ऐसे खाद्य पदार्थों को सीमित करने की कोशिश करें जिनमें साधारण शर्करा जैसे सोडा, बेक किए गए सामान और सफेद ब्रेड शामिल हों।नियमित रूप से व्यायाम करें- हृदय स्वास्थ्य के लिए सप्ताह में कम से कम 150 मिनट शारीरिक गतिविधि करने का प्रयास करें।
धूम्रपान छोड़ें- क्योंकि स्मोकिंग दिल की बीमारी का प्रमुख कारण होती है, इसलिए इसे छोड़ने से हृदय की बीमारी के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।शराब का सेवन सीमित करें- हेल्थलाइन के मुताबिक, व्यक्ति शराब का सेवन सीमित रखना चाहिए। महिलाओं के लिए जहां एक दिन में एक ड्रिंक काफी है, वहीं, पुरुषों को दिन में दो ड्रिंक से ज्यादा का सेवन नहीं करना चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच करवाएं- 40 की उम्र के बाद कोलेस्ट्रॉल चेकअप नियमित रूप से करवाएं। अगर आपका एलडीएल कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड्स सामान्य से अधिक है, तो इसे कम करने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह करें।डायबिटीज को मैनेज करें- अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो दवाओं के साथ लाइफस्टाइल में बदलाव करें, ताकि शरीर में ब्लड शुगर का स्तर सही बना रहे।