Heart Health: एक्सपर्ट से जानें किन वजहों से अब कम उम्र में भी लोग हो रहे हैं हार्ट अटैक का शिकार
Heart Health जिम में वर्कआउट के दौरान हार्ट अटैक के मामले देशभर में बढ़ते जा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला इंदौर (Indore) से सामना आया है। तो आइए एक्सपर्ट से जानते हैं इसके कारण साथ ही हार्ट को हेल्दी रखने के टिप्स।
By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghUpdated: Sun, 08 Jan 2023 10:29 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Heart Health: भारत में युवा और स्वस्थ वयस्कों के बीच दिल के दौरे यानी हार्ट अटैक के केस दिन प्रति दिन बढ़ रहे हैं। हाल ही में एक मामला इंदौर (Indore) से देखने को मिला। जहां वृंदावन होटल के मालिक प्रदीप रघुवंशी की जिम में हार्ट अटैक से मौत हो गई। इससे पहले भी कई ऐसे मामले साल 2022 में आए थे। जब मुंबई में गरबा खेलने के दौरान एक 35 वर्षीय युवक की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। एक दूसरा वीडियो गुजरात के आणंद जिले से आया था। जिसमें 21 वर्षीय युवक गरबा खेलते-खेलते अचानक जमीन पर गिर जाता है और तुरंत ही उसकी मृत्यु हो जाती है। तीसरी घटना उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में हुई थी। यहां भी नवरात्रि पर एक कार्यक्रम में हनुमान जी की भूमिका निभा रहे कलाकार की लाइव परफॉर्मेंस के दौरान हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। इन सारी ही घटनाओं में मरने वाले लोग ज्यादा उम्र के नहीं थे। कोई 21 साल का था, तो कोई 35 साल का। पहले जहां हार्ट अटैक की परेशानी बुजुर्ग लोगों में देखने को मिलती थी, वहीं अब कम उम्र के लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं। आखिर इसके पीछे क्या कारण है। लोग इसके बारे में जानना चाहते हैं क्योंकि लोगों के बीच इस समस्या को लेकर चिंता बढ़ गई है।
जो युवा बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं या स्टेरॉयड लेते हैं वे खासतौर से इससे लेकर बहुत चिंतित हैं। यही नहीं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भारतीय भी ऐसी मौतों के सटीक कारणों को जानना चाहते हैं। आमतौर पर अनहेल्दी डाइट, धूम्रपान और नशीले पदार्थों को हार्ट अटैक के लिए जिम्मेदार माना जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब जो व्यक्ति स्वस्थ और हंसता-खेलता रहता है उसे भी हार्ट अटैक आ रहा है।
उजाला सिग्नस ब्राइटस्टार अस्पताल, मुरादाबाद के सीनियर कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. विजय कुमार का कहना है कि बहुत ज्यादा जिम करने या स्टेरॉयड से ही नहीं हार्ट अटैक हो रहा है। बल्कि इसके पीछे कई भी कई सारे रिस्क फैक्टर हैं। डॉ विजय कुमार ने समझाते हुए कहा कि “ये मौतें अन्य जोखिम फैक्टर्स जैसे मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया, परिवार में किसी को हार्ट अटैक होने और कोरोनरी आर्टरी बीमारी आदि के होने से हो सकती हैं। बहुत ज्यादा जंक फूड, आलस भरी लाइफस्टाइल और तनाव से भी इस तरह की मौतें हो सकती हैं। कुछ ऐसे भी कारण है जो बहुत ज्यादा चर्चा में नहीं रहते हैं, जैसे कि जन्मजात दोष, अनुवांशिक समस्याएं, मायोकार्डियल ब्रिज और कार्डियोमायोपैथी आदि से भी अचानक कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। इन हृदय की बीमारियों या स्थितियों से खतरा बढ़ रहा है। यही सब चीजें हैं जिसकी वजह से युवाओं में ऐसी मौतें ज्यादा देखने को मिल रही हैं।
हार्ट अटैक व कार्डिएक अरेस्ट में अंतर
हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट दोनों ही दिल की बीमारियां हैं, जो ब्लड सर्कुलेशन से संबंधित है। हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा तब आता है, जब आर्टिरीज में ब्लड फ्लो रुक जाता है और ऑक्सीजन की कमी से हार्ट का वह हिस्सा डेड हो जाता है। जबकि कार्डियक अरेस्ट हार्ट के इलेक्ट्रिकल सिस्टम में एक तरह की एरर आने की वजह से होता है। जिस वजह से दिल का धड़कना अचानक से बंद हो जाता है।
हार्ट को हेल्दी रखने के टिप्स
डॉ. कुमार ने युवा वयस्कों को सलाह दी है कि वे दिल के दौरे के किसी भी लक्षण को नज़रअंदाज़ न करें और कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। उन्होंने आगे सलाह देते हुए कहा, युवा वयस्कों में जब हार्ट अटैक आता है तो उनके सीने में बहुत तेज दर्द होता है। इसके बाद हार्ट अटैक आता है। अन्य लक्षणों में सांस लेने में तकलीफ, कंधों, बाहों और जबड़े में दर्द, अत्यधिक थकान, हल्कापन, पसीना और उल्टी होना आदि हो सकता है। कुछ युवा मसल्स बनाने पर ज्यादा जोर देते हैं उन्हें इसके बजाय ज्यादा भोजन करने से बचना चाहिए और एरोबिक एक्सरसाइज करनी चाहिए। फिट रहने के लिए योग और मेडिटेशन पर फोकस करें।Pic credit- freepik