Holi 2024: होली खेलना महज एन्जॉयमेंट नहीं, बल्कि ये मेंटल हेल्थ के लिए भी है बेहद शानदार फेस्टिवल
होली फेस्टिवल को लेकर लोगों में एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है। रंगों का साथ होली पर्व को और ज्यादा खास बना देता है। नीले पीले गुलाबी रंगों को देखकर एक अलग ही खुशी मिलती है। रंग मेंटल हेल्थ को भी इंप्रूव करने का काम करते हैं तो मानसिक सेहत को दुरुस्त रखने के लिए मिस न करें होली खेलने का मौका।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। होली रंगों और खुशियों का त्योहार है। लोग सारे गिले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे को रंग-अबीर लगाते हैं और त्योहार का जश्न मनाते हैं, वहीं कुछ लोग होली खेलने के बजाय घर में बैठना पसंद करते हैं, तो ऐसे लोगों के लिए ये जानना जरूरी है कि रंगों का हमारे मेंटल हेल्थ से बहुत बड़ा कनेक्शन है? लाल, नीले, पीले, हरे, गुलाबी और भी ऐसे तमाम कलर्स हमें खुश और पॉजिटिव रखने का काम करते हैं। रंगों का साथ मिलने से स्ट्रेस दूर होता है, जो आज कई बीमारियों की वजह बन रहा है।
रंग खासतौर से माहौल को खुशनुमा बनाते हैं और उत्सव के रौनक को बढ़ाने का काम करते हैं। रंग हमारे विचारों से लेकर कार्यों और इमोशन्स तक को प्रभावित करने में मदद करते हैं। मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में आजकल एक्सपर्ट्स खासतौर से कलर थेरेपी की मदद ले रहे हैं। इससे आप समझ सकते हैं रंगों का महत्व।
रंग का मानसिक सेहत पर पड़ने वाला असर
1. याद्दाश्त में होता है सुधार
कई सारी रिसर्च के मुताबिक, रंग हमारी याददाश्त और फोकस करने की क्षमता को बढ़ाते हैं।2. हैप्पी हार्मोन्स होते हैं रिलीज
रंग के बीच रहने से शरीर में हैप्पी हॉर्मोन्स रिलीज होते हैं, जो आपको खुश और रिलैक्स करने का काम करते हैं। माइंड रिलैक्स होने से प्रोडक्टिविटी बढ़ती है। इससे फिजिकली हेल्थ भी सुधरती है। प्रसन्नचित्त रहकर आप कई बीमारियों के खतरे को दूर कर सकते हैं।
3. स्ट्रेस होता है दूर
जैसा कि ऊपर बताया कि रंग दिमाग को रिलैक्स करते हैं, तो इससे तनाव, डिप्रेशन जैसी समस्याएं दूर रहती हैं। स्ट्रेस, मोटापा, डायबिटीज़ जैसी ही खतरनाक बीमारियों की लिस्ट में शामिल हो चुका है, जिसका लंबे समय तक बना रहना किसी भी तरह से ठीक नहीं।
डॉ. मनीषा सिंघल, कंसल्टेंट क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट एंड साइकोथेरेपिस्ट, मेट्रो हॉस्पिटल, नोएडा का कहना है कि, 'अलग अलग रंग अलग इमोशंस को दर्शाते हैं, जैसे लाल रंग बहुत ही स्ट्रांग इमोशंस को सिमबोलाइज करता है। ब्लू से हमें ठंडक मिलती है एक कॉमनेस आती है, तो वहीं पीला कलर ख़ुशी का प्रतीक होता है। कुल मिलाकर, मानसिक स्वास्थ्य पर होली के रंगों का प्रभाव अक्सर खुशी, उत्सव और सांस्कृतिक संबंध के रूप में देखा जाता है। होली के त्योहार में शामिल होने से सकारात्मक भावनाओं को बढ़ावा मिलता है, जो कई व्यक्तियों के समग्र कल्याण में योगदान देता है।'
होली के त्योहार में रंगों और अपनों का साथ अकेलेपन, एंग्जाइटी जैसी प्रॉबलम्स भी दूर करता है, तो इन सभी फायदों को देखते हुए इस बार मिस न करें होली खेलने का मौका।ये भी पढ़ेंः- जानें अलग-अलग रंगों का महत्व और वो करते हैं हमारी जिंदगी को प्रभावित
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें किसी पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।Pic credit- freepik