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Homeopathic Medicines: होम्योपैथी दवाओं के भी हो सकते हैं साइड-इफेक्ट्स, डॉक्टर की सलाह के बिना कभी न लें

हर साल लाइफस्टाइल बीमारियों की वजह से लाखों लोगों की जान जाती है। इसका इलाज जितना एलोपैथी में मुमकिन है उतनी ही होम्योपैथी भी कारगर है। कई लोग एलोपैथी के साइड-इफेक्ट्स को देखते हुए होम्योपैथिक इलाज करवाना बेहतर समझते हैं। हालांकि अगर आप डॉक्टर की सलाह से होम्योपैथी दवाएं लेते हैं तो इसके साइड-इफेक्ट्स नहीं होंगे वहीं अपनी मर्जी से लेने के अपने नुकसान हो सकते हैं।

By Jagran News Edited By: Ruhee Parvez Updated: Tue, 06 Feb 2024 01:44 PM (IST)
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चिकित्सक की सलाह से ही लें होम्योपैथी की दवा

नई दिल्ली। इन दिनों मोटापा, रक्तचाप, दिल की बीमारी, कैंसर, अवसाद आदि जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। दुनिया में प्रति वर्ष जीवनशैली से जुड़ी इन बीमारियों की चपेट में आने और उसके गंभीर होते जाने से लाखों मौतें हो रही हैं। भारत में भी संक्रामक बीमारियों से ज्यादा बड़ी समस्या ये गैर-संक्रामक बीमारियां हैं। होम्योपैथी में इन सभी बीमारियों का इलाज संभव है। यह उपचार अधिक कारगर हो, इसके लिए एलोपैथ के साथ मिलकर भी काम किया जा रहा है। हालांकि किसी बीमारी में केवल होम्योपैथी कारगर है तो कहीं एलोपैथी के साथ मिलकर अधिक बेहतर इलाज संभव है। होम्योपेथी चिकित्सा पद्धति के बारे में इन बातों का विशेष ध्यान रखें :

  • होम्योपैथी का सिद्धांत है कि इसमें हर व्यक्ति को अलग माना गया है। उसकी पसंद-नापसंद, आहार-विचार को देखकर दवाइयां दी जाती हैं। चिकित्सक से इसकी चर्चा करें और उनकी सलाह पर ही कोई दवा लें।
  • एक ही बीमारी के लिए कई दवाइयां उपलब्ध हैं। चिकित्सक ही बता सकता है कि आपके लिए कौन-सी दवा उचित होगी। चिकित्सक की सलाह की अवहेलना गंभीर खतरा पैदा कर सकती है।
  • अगर रक्तचाप की दवा ले रहे हैं या शुगर की दवा ले रहे हैं तो लंबे समय तक सेवन न करें। दवा का प्रभाव कैसा है कितना सुधार है, इन सबकी जांच होती रहनी चाहिए।
  • अगर दवा के समय व मात्रा का ध्यान न रखा जाए तो होम्योपैथी दवा का भी दुष्प्रभाव होता है। हालांकि एक या दो खुराक लें तो यह नुकसान नहीं करता।

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  • होम्योपैथी ले रहे हैं तो किसी विशिष्ट खानपान का त्याग करें, यह एक भ्रम है। आपको खाने के आधे घंटे पहले या बाद में दवा का सेवन करना चाहिए।
  • खाना खाने के तुरंत बाद दवा न लेने के पीछे तर्क यह है कि उस खाने में मौजूद तत्व दवा का असर कम न करें या कोई दुष्प्रभाव न पैदा करे। समय लेकर दवा का सेवन करने से यह जोखिम दूर हो जाता है।
  • कुछ लोग किसी दवा के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। उन्हें एलर्जी हो सकती है इसलिए चिकित्सक की निगरानी में ही निदान संभव है।

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डॉ. संगीता दुग्गल

होम्योपैथी, सलाहकार, आयुष मंत्रालय,भारत सरकार

बातचीत : सीमा झा