Scrub Typhus: शिमला में 5 लोगों की जान ले चुका है 'स्क्रब टाइफस', जानें आखिर क्या है यह बीमारी?
Scrub Typhus स्क्रब टाइफस एक ऐसी बीमारी है जो जानलेवा साबित हो सकती है फिर भी इसके बारे में कम ही लोग जानते हैं। इस रोग में बुखार आता है जो ओरेएंटिया सुटसीगामुशी नाम के बैक्टीरिया के कारण होता है। इससे संक्रमित हो जाने पर रोगी की किडनी दिमाग और फेफड़े प्रभावित हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं स्क्रब टाइफस के बारे में सबकुछ।
By Ruhee ParvezEdited By: Ruhee ParvezUpdated: Thu, 07 Sep 2023 01:23 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Scrub Typhus: डेंगू, वायरल बुखार, कोविड और मलेरिया के बीच शिमला में एक और बीमारी जानलेवा साबित हो रही है। स्क्रब टाइफस, जो कि एक तरह का बैक्टीरियल इन्फेक्शन है, ने शहर में 5 लोगों की जान ले ली है। रिपोर्ट्स की मानें तो यह इन्फेक्शन देश में तेजी से अपनी पैर पसार रहा है। अभी तक 700 से ज्यादा लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं।
साल 2022 में हुई एक रिसर्च के मुताबिक, इस बीमारी के होने पर किडनी फेलियर, विकलांगता और किडनी का गंभीर रूप से फेल हो जाना शामिल है। इसके लक्षणों के नजरअंदारज करना, निदान देर से होना और इलाज का काम न करना मौत का कारण बनता है। ऐसे में जरूरी है कि हम स्क्रब टाइफस के बारे में जानें, ताकि इससे बचाव हो सके।
स्क्रब टाइफस कैसे होता है?
यह बीमारी ओरेएंटिया सुटसीगामुशी (Orientia tsutsugamushi) नाम के बैक्टीरिया के कारण फैलती है। मनुष्य कुछ तरह के कीड़ों के काटने से इस बैक्टीरिया से इन्फेक्ट हो जाते हैं। इनमें शिगर्स और लारवल माइट्स शामिल हैं, जो बेहद छोटे कीड़े होते हैं, जिन्हें बहुत ध्यान से देखना पड़ता है। इसलिए आपको इनसे बचकर रहने की जरूरत है। यह ऐसी जगहों पर ज्यादा होते हैं, जहां खूब हरियाली होती है, जैसे जंगल या घास में पाए जा सकते हैं। यह कीड़े मनुष्यों की त्वचा को खाकर जिंदा रहते हैं। शिगर्स आमतौर पर टखने, निचले पैर, घुटने और कमर वाले हिस्सों पर ही काटते हैं।यह भी पढ़ें: गाजियाबाद में कुत्ते के काटने से हुई बच्चे की मौत, जानें इस बीमारी के बारे में सबकुछ
स्क्रब टाइफस के लक्षण कैसे होते हैं?
स्क्रब टाइफस से संक्रमित होने पर आमतौर पर जो लक्षण दिखते हैं, उनमें:
- बुखार
- कंपकंपी
- सिर दर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- कीड़े ने जहां काटा वहां की स्किन का रंग बदलना
- कंफ्यूजन
- रैशेज शामिल हैं।
- गंभीर मामलों में व्यक्ति में ऑर्गन फेलियर भी हो सकता है।