इस एक हार्मोन की कमी से बढ़ जाता है Bone Cancer का खतरा, बचे रहने के लिए इन चीजों पर दें खास ध्यान
बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं में कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इनमें से कई तरह की समस्याओं के लिए हार्मोन्स में होने वाले उतार-चढ़ाव भी जिम्मेदार होते हैं जिसमें से एक है हड्डी का कैंसर। इसलिए हार्मोन्स में बैलेंस रखना बहुत जरूरी होता है। साथ ही बैलेंस डाइट और नियमित व्यायाम से भी हड्डियों को हेल्दी रखा जा सकता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हमारा पूरा शरीर हड्डियों को ढांचे पर टिका है। इसमें किसी भी तरह की समस्या होने पर बैठने-उठने से लेकर चलना-फिरना तक दूभर हो सकता है। हड्डियां ना सिर्फ शरीर की गतिशीलता प्रदान करती हैं, बल्कि ये कई अंगों को सुरक्षित रखने में भी अहम भूमिका निभाती हैं।
हमारे शरीर में मौजूद हार्मोन्स भी हड्डियों के कई सारे फंक्शन्स के लिए जिम्मेदार होते हैं। अगर आप अपनी हड्डियों को बढ़ती उम्र में भी मजबूत रखना चाहते हैं, तो हार्मोन और हड्डियों के बीच के कनेक्शन को समझना बहुत जरूरी है, खासतौर से महिलाओं के लिए, क्योंकि उनमें जीवनभर कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते रहते हैं इसलिए उनके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि शरीर के अंदर मौजूद हार्मोन, हमारी हड्डी के स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकते हैं।
हार्मोन और हड्डी का कनेक्शन
महिलाओं में मुख्य रूप से एस्ट्रोजन हार्मोन हड्डियों की डेंसिटी को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब हमारी कोई हड्डी किसी वजह से टूट जाती है, तो एस्ट्रोजन की वजह से पुरानी हड्डी की जगह नई हड्डी का निर्माण होता है, लेकिन मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में एस्ट्रोजन का लेवल कम हो जाता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डी के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।महिलाओं में हड्डी के कैंसर के प्रकार
महिलाओं में हड्डी का कैंसर मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है। पहला प्राथमिक हड्डी का कैंसर, जो सीधे किसी हड्डी को प्रभावित करता है जैसे ऑस्टियोसार्कोमा, कॉन्ड्रोसार्कोमा और यूविंग सार्कोमा।दूसरा माध्यमिक हड्डी के कैंसर। यह तब होते हैं जब शरीर के अन्य हिस्सों से कैंसर कोशिकाएं हड्डियों में फैल जाती हैं।
कैसे बढ़ता है हड्डियों के कैंसर का खतरा?
हार्मोनल बदलाव
मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।