Study: हर दिन कितने घंटे सोना, बैठना, खड़े रहना और टहलना चाहिए? वैज्ञानिकों ने बताया सेहत का जबरदस्त फार्मूला
रोज कितना समय सोने बैठने खड़े रहने या फिजिकल एक्टिविटी को देना चाहिए? शायद ही कोई हो जो इन सवालों का जवाब दे सके। ऐसे में वैज्ञानिकों ने इस काम को आसान कर दिया है। जी हां मुश्किल लगने वाले इन सवालों का जवाब अब पूरी दुनिया के सामने है। रोजमर्रा की दिनचर्या में कितना वक्त इन चीजों को देना चाहिए। आइए जानें।
एजेंसी, वॉशिंगटन। Health Tips: अच्छी नींद, एक्सरसाइज और दिनभर का कामकाज सेहत के लिए कितना जरूरी होता है, यह किसी से छिपी बात नहीं है। आपके लाइफस्टाइल का सीधा असर सेहत पर पड़ता है, इसलिए अच्छी सेहत के लिए जरूरी है कि डेली रूटीन को भी बेहतर बना लिया जाए। बता दें, ऑस्ट्रेलिया में स्विनबर्न यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने जानकारी दी है, कि अच्छी सेहत के लिए रोजाना 24 घंटों में से कितने घंटे बैठने, खड़े होने, फिजिकल एक्टिविटी और सोने में बिताने चाहिए। आइए जानें।
2,000 से ज्यादा लोगों पर हुई स्टडी
स्विनबर्न यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 2,000 से ज्यादा वयस्कों एक स्टडी की। इस दौरान इन लोगों को सात दिनों तक सेंसर पहनाए रखे गए, जिसके बाद इनके उठने-बैठने, चलने-फिरने, घर-ऑफिस में पानी या शौच आदि के लिए जाने जैसे रोजमर्रा के कामों और सोने में बिताए जाने वाले वक्त को हल्की, मध्यम और तीव्र आयाम वाली शारीरिक गतिविधियों में बांट दिया।यह भी पढ़ें- कोरोना के नए वेरिएंट 'FLiRT' ने बढ़ाई चिंता, वैक्सीन लगवा चुके लोगों को भी कर सकता है संक्रमित
कैसा होना चाहिए आपके 24 घंटे का शेड्यूल?
- नींद- 8 घंटे
- बैठना- 6 घंटे
- खड़े रहना- 5 घंटे 20 मिनट
- मध्यम शारीरिक गतिविधि- 2 घंटे 20 मिनट
- तीव्र शारीरिक गतिविधि- 2.2 घंटे
8 घंटे की नींद है जरूरी
शोध में सामने आया कि हृदय रोग, स्ट्रोक और डायबिटीज के जोखिम को कम करने के लिए 8 घंटे की नींद जरूरी थी। जबकि हर दिन 2.2 घंटे हल्की से मध्यम गतिविधि सबसे अच्छी थी। इस शोध में यह भी सामने आया कि हमें हर दिन कम से कम 5.2 घंटे खड़े रहना चाहिए। वैज्ञानिकों के अनुसार, हल्की गतिविधि जैसे- वाटर कूलर, वॉशरूम तक जाना या दोस्तों के साथ आराम से टहलने से ग्लूकोज कंट्रोल करने में मदद मिलती है। वहीं, नियमित रूप से हल्की-फुल्की शारीरिक गतिविधि जैसे हर घंटे 3-5 मिनट की सैर से हमारे मेटाबॉलिज्म हो सकता है। इससे दिल की बीमारियां दूर रहेंगी।खड़े रहकर बिताएं ज्यादा समय
शोध में शामिल स्विनबर्न यूनिवर्सिटी के पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च फेलो क्रिश्चियन ब्रैकनरिज कहते हैं, कि सैद्धांतिक रूप में इसका मतलब है कि जहां संभव हो बैठने के समय को कम और खड़े होने का वक्त बढ़ाना चाहिए। इसके अलावा मध्यम से तीव्र शारीरिक गतिविधि के रूप में प्रति मिनट 100 कदम से ज्यादा चलने जैसे काम हर दिन 2 घंटे से अधिक करने चाहिए। बता दें, ऑस्ट्रेलिया में इस शोध के आधार पर नए दिशा-निर्देश बनाने की तैयारी है।
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