मेंस्ट्रुअल साइकिल का कैसे पड़ता है आपकी त्वचा पर असर, एक्सपर्ट ने बताई चौंकाने वाली बातें
मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान स्किन में कई प्रकार के बदलाव (menstrual cycle impact on skin) होते हैं। एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन में कमी की वजह से ऐसा होता है। इसलिए इस दौरान स्किन की सेहत काफी प्रभावित होती रहती है। आइए स्किन स्पेशेलिस्ट डॉ. अप्राजिता लांबा से जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है। साथ ही यह भी जानेंगे कि इस दौरान कैसे अपनी स्किन का ख्याल रखें।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Menstrual Cycle Impact on Skin: महिलाओं के शरीर में हर महीने हार्मोनल बदलाव होते हैं। ऐसा मेंस्ट्रुअल साइकिल (Menstrual Cycle) की वजह से होता है, जो बिल्कुल नेचुरल है। पीरियड्स के 3-5 दिनों से लेकर ओवुलेशन और पोस्ट ओवुलेशन फेस में हार्मोन्स में कई प्रकार के बदलाव आते हैं, जिनके कारण ब्लोटिंग, मूड स्विंग्स जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मेंस्ट्रुअल साइकिल में आपकी स्किन में भी काफी बदलाव (Periods Impact on Skin) होते हैं। जी हां, इस दौरान होने वाले हार्मोन्स में बदलाव स्किन को भी प्रभावित करते हैं। आइए स्किन स्पेशेलिस्ट डॉ. अप्राजिता लांबा से जानते हैं मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान स्किन में क्या-क्या बदलाव होते हैं।
डॉ. लांबा ने बताया कि मेंस्ट्रुअल साइकिल में चार फेजेस होते हैं। पहले दिन से लेकर तेरहवें दिन (1-13 days) फॉलिक्यूलर फेज होता है। 14-16वां दिन ओव्यूलेशन फेज, 17-24वें दिन तक ल्यूटियल फेज और इसके बाद मेंस्ट्रुअल फेज। इन फेजेस के दौरान हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव होने के कारण कभी हमारी स्किन एकदम ग्लोइंग नजर आती है, तो कभी रूखी और बेजान।
मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान स्किन में होने वाले बदलाव
फॉलिक्यूलर फेज- शुरुआत के 13 दिन को फॉलिक्यूलर फेज कहा जाता है। इस दौरान एस्ट्रोजेन हार्मोन में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होती है। इसलिए इन दिनों स्किन शुरुआत में काफी रूखी महसूस होती है, क्योंकि एस्ट्रोजेन हार्मोन कम रिलीज होता है। लेकिन धीरे-धीरे इसका स्तर बढ़ने लगता है और त्वचा कम रूखी नजर आनी शुरू हो जाती है।यह भी पढ़ें: चेहरे पर होने वाले Acne करते हैं सेहत का हाल बयां, एक्सपर्ट से जानें किन समस्याओं की ओर करते हैं इशाराओव्यूलेशन फेज- साइकिल के 14-16 दिन के बीच ओव्यूलेशन होता है, यानी ओवरी एग रिलीज करती है। इस दौरान यूटेरस कंसीव करने के लिए तैयार होता है और एस्ट्रोजेन का स्तर सबसे अधिक होता है। इसलिए इन दिनों में स्किन ग्लोइंग और मुलायम नजर आती है। इस समय स्किन से जुड़ी कोई भी समस्या कम देखने को मिलती है। इसलिए इस समय आपने ध्यान दिया हो, तो चेहरे पर गजब का निखार देखने को मिलता है।
ल्यूटियल फेज- ल्यूटियल फेज में एस्ट्रोजेन लेवल कम होने लगता है और प्रोजेस्ट्रोन का स्तर बढ़ने लगता है। इस हार्मोन की वजह से स्किन की ऑयलीनेस बढ़ने लगती है। इसके कारण एक्ने, ब्लैक हेड्स और व्हाइट हेड्स की समस्या होने लगती है।मेंस्ट्रुअल फेज- इस फेज में पीरियड्स शुरू हो जाते हैं, जो 3-5 दिनों तक चलता है। इस समय प्रोजेस्ट्रोन और एस्ट्रोजेन, दोनों का ही स्तर कम होने लगता है। इस दौरान स्किन काफी डल नजर आती है। इस समय स्किन सेंसिटिविटी भी बढ़ जाती है। इसलिए एक्ने और रेडनेस की समस्या हो सकती है।