Heatwave Advice: झुलसाने वाली गर्मी बुजुर्गों के लिए है बेहद खतरनाक, इन तरीकों से रखें इस मौसम में अपना ख्याल
गर्मी का मौसम बुजुर्गों के लिए कई तरह की परेशानियों की वजह बन सकता है। बढ़ती उम्र में शरीर की तापमान को कंट्रोल करने की क्षमता कम होती जाती है जिस वजह से वो बड़ी ही आसानी से लू की चपेट में आ सकते हैं तो अगर आपके घर में भी बुजुर्ग व्यक्ति हैं तो न पड़े वो गर्मियों में बीमार इसके लिए इन बातों का रखें ख्याल।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बढ़ते तापमान का असर हर इंसान पर पड़ रहा है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा खतरा बच्चों, बुजुर्गों, प्रेग्नेंट लेडीज और बीमार व्यक्तियों को रहता है। लंबे समय तक गर्मी के संपर्क में रहने से हीट स्ट्रोक हो सकता है। हीट स्ट्रोक तब होता है जब शरीर का तापमान 105 डिग्री फारेनहाइट (40.6 डिग्री सेल्सियस) से ऊपर बढ़ जाता है और बॉडी टेंपरेचर को कंट्रोल करने की क्षमता खो देती है।
बढ़ती उम्र के साथ शरीर की तापमान को नियंत्रित करने की क्षमता कम होती जाती है। इसलिए तापमान में मामूली सी भी वृद्धि बुजुर्ग लोगों के सिस्टम को प्रभावित कर सकती है, जिससे डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक और यहां तक कि भ्रम या चक्कर जैसी न्यूरोलॉजिकल (तंत्रिका संबंधी) समस्याएं भी हो सकती हैं। ये उन लोगों के लिए खासतौर से खतरनाक हो सकता है, जो पहले से ही किसी बीमारी से जूझ रहे हैं। डॉ. संदीप भटनागर: सीनियर डायरेक्टर व एचओडी, इंटरनल मेडिसिन, पारस हेल्थ, उदयपुर ने बताया कि, 'हीटवेव के दौरान सुरक्षित रहने के लिए हाइड्रेशन पर नजर रखना बहुत ज़रूरी है। उम्र के साथ प्यास का एहसास कम हो सकता है। इसलिए दिन भर में भरपूर पानी या इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक पीने की सलाह दी जाती है, भले ही आपको प्यास न लगे, फिर भी आपको पानी पीते रहना चाहिए। हालांकि डायलिसिस पर रहने वाले लोगों को अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। बॉडी को हाइड्रेट रखने के अलावा ढीले व हल्के रंग के कपड़े पहनना जरूरी है। तेज धूप में बाहर निकलने से बचें।
इसके अलावा किसी बीमारी से पीड़ित लोगों को अत्यधिक गर्मी के दौरान दवाइयों में किसी तरह के बदलाव के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि एंटीहिस्टामाइन, एंटीडिप्रेसेंट जैसी आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं शरीर के तापमान को नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। साथ ही जब तापमान बहुत ज्यादा हो, तो शारीरिक गतिविधियों भी कम करनी चाहिए।' ये भी पढ़ेंः- गर्मियों में भी हो सकती है आंखों से जुड़ी ये समस्या, एक्सपर्ट से जानें Summer Conjunctivitis के कारण और बचाव के तरीके
डॉ. सुशीला कटारिया, सीनियर डायरेक्टर, इंटरनल मेडिसिन, मेदांता, गुरुग्राम, 'भयंकर गर्मी में बुजुर्गों को हीट स्ट्रोक और न्यूरोलॉजिकल संबंधी समस्याओं का खतरा ज्यादा होता है क्योंकि उनके शरीर की तापमान को नियंत्रित करने की क्षमता बढ़ती उम्र के साथ कम होती जाती है। इसके साथ ही कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स भी इसकी एक वजह है। मई और जून के महीनों में, हॉस्पिटल्स में हीट स्ट्रोक और जल-जनित संक्रमणों से संबंधित मामले बढ़ जाते हैं। हालांकि कुछ बातों पर ध्यान देकर बुजुर्ग काफी हद तक गर्मियों में होने वाली समस्याओं से बचे रह सकते हैं। इस मौसम में हाइड्रेटेड रहना बहुत जरूरी है। बुजुर्गों को दिन भर में बहुत सारा पानी पीना चाहिए, लेकिन अगर हार्ट और किडनी से जुड़ी समस्या है, तो कितनी मात्रा में पानी पीना है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। शराब और कैफीन युक्त पदार्थों का कम से कम सेवन करें क्योंकि ये डीहाइड्रेशन का कारण बन सकते हैं।'
डॉ. कुनाल बहरानी, डायरेक्टर न्यूरोलॉजी, फोर्टिस फरीदाबाद ने बताया कि, 'इस मौसम में शुगरी ड्रिंक्स और अल्कोहल पीना अवॉयड करें क्योंकि ये डिहाइड्रेशन की वजह बन सकते हैं। जितना हो सके घर में रहें ठंडी व छायादार जगह पर रहें। घर में एसी नहीं तो बॉडी को कूल रखने के लिए दिन में दो बार नहाएं। डार्क कलर के कपड़े पहनना अवॉयड करें क्योंकि ये गर्मी को एब्जॉर्ब करते हैं। सुबह 10 से दोपहर 4 बजे के बीच बाहर निकलना अवॉयड करें। धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन जरूर लगाएं।'
गर्मी के दौरान बुजुर्गों के स्वास्थ्य की निकटता से निगरानी करना जरूरी है। गर्मी से संबंधित बीमारियों के शुरुआती लक्षणों, जैसे बहुत ज्यादा पसीना, कमजोरी, चक्कर आना इन चीजों पर ध्यान देना चाहिए। मौसम में बदलाव के दौरान बुजुर्गों को अपने डॉक्टर से उन दवाओं के बारे में सलाह लेनी चाहिए जो वे ले रहे हैं, क्योंकि कुछ दवाएं शरीर की गर्मी को संभालने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं।
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