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सोशल मीडिया का बहुत ज्यादा इस्तेमाल बन रहा है Zen Z में बढ़ते तनाव और घटते कॉन्फिडेंस की वजह

तनाव डिप्रेशन जैसी मानसिक परेशानियों का शिकार अब बच्चे भी हो रहे हैं। इसके लिए सिर्फ स्कूल-कॉलेज ट्यूशन जैसी चीज़ों को ही दोषी नहीं ठहराया जा सकता बल्कि सोशल मीडिया का बहुत ज्यादा इस्तेमाल इन परेशानियों की मुख्य जड़ है। पढ़ने-लिखने खेलने-कूदने की उम्र में वो दिन के 5 से 6 घंटे सोशल मीडिया पर बिता रहे हैं जिसके चलते ये परेशानियां देखने को मिल रही हैं।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Published: Thu, 21 Mar 2024 04:19 PM (IST)Updated: Thu, 21 Mar 2024 04:19 PM (IST)
सोशल मीडिया का बहुत ज्यादा इस्तेमाल बन रहा है तनाव की वजह

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हर साल 21 मार्च को वर्ल्ड हैप्पीनेस डे मनाया जाता है। जब लोगों को खुश रहने के फायदे, इसके महत्व के बारे में बताया जाता है। लाइफ में खुश रहकर आप जिंदगी की हर जंग को जीत सकते हैं। ऐसा हम नहीं, बल्कि एक्सपर्ट्स कहते हैं, लेकिन आजकल जिस तरह की जिंदगी हम जी रहे हैंं, उसमें खुश रहना एक टास्क जैसा नजर आता है और ये समस्या सिर्फ वर्किंग प्रोफेशनल में ही देखने को नहीं मिल रही, बल्कि हाउसवाइफ्स, अकेले बुजुर्गों और यहां तक कि बच्चों में भी देखने को मिल रही है खासतौर से जेन-जी में।

सोशल मीडिया बन रहा है स्ट्रेस की वजह

सबसे अजीब बात है कि Zen Z में तनाव, डिप्रेशन की वजह पढ़ाई या करियर का प्रेशर नहीं, बल्कि सोशल मीडिया है। साल 2024 की वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट पब्लिश हो गई है, जिसमें हर साल की तरह इस बार भी फिनलैंड सबसे टॉप पर है, लेकिन इस रिपोर्ट में ये भी पता चला है कि सबसे दुखी जेन-जी आयुवर्ग हैं। इस साल की रिपोर्ट से यह पता चला है कि 30 साल से कम उम्र के अमेरिकी लोगों की हैप्पीनेस में बहुत ज्यादा कमी आई है। उसमें भी 15-24 साल के लोगों की संख्या ज्यादा है।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेरस और रिपोर्ट के एडिटर्स में से एक जान इमैनुएल डी नेवे कहते हैं कि, 'युवा मिड लाइफ क्राइसिस की वजह से ज्यादा नाखुश हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि सोशल मीडिया का बहुत ज्यादा इस्तेमाल इनकी नाखुश होने की सबसे बड़ा कारण है। सोशल मीडिया ने इन जेनरेशन के कॉन्फिडेंस को भी कम किया है।'

अमेरिकी सर्जन जनरल विवेक मूर्ति का कहना है कि, 'युवा दिन के लगभग 5 घंटे सोशल मीडिया पर बिता रहे है और एक तिहाई युवा इसी वजह से देर रात तक जागते भी हैं। विवेक मूर्ति ने सोशल मीडिया के लिए कानून बनाने तक की सलाह दी है। 

इसके अलावा वैसे पैसों की कमी और फ्यूचर के बारे में सोच-सोचकर भी लोग नाखुश हैं।

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Pic credit- freepik 


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